नई दिल्ली/सुनील पाण्डेय : लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की केंद्रीय चुनाव समिति ने वीरवार की रात उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित हिंदी पट्टी के सभी राज्यों की सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर मैराथन मंथन किया। इसमें ज्यादातर सीटें भाजपा के पास पहले से ही है। साथ ही पिछले चुनाव में हारी हुई सीटों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान करीब 150 लोकसभा सीटों पर नाम लगभग फाइनल कर दिए गए हैं। इसकी पहली लिस्ट कभी भी जारी हो सकती है। इसमें कुछ सीटों पर प्रत्याशियों को बदला गया है जबकि कुछ सीटों पर वर्तमान सांसदों का टिकट काट दिया गया है। उनके खराब प्रदर्शन, अधिक उम्र होना एवं 2 बार से अधिक लोकसभा सदस्य होने का पैमाना रखा गया है।
-कुछ सीटों पर प्रत्याशियों को बदला, कईयों का कटेगा टिकट
-दिल्ली के 5 सांसदों का कटेगा टिकट, एनसीआर भी होगा साफ
-प्रधानमंत्री मोदी, शाह, राजनाथ, स्मृति, गडकरी का नाम पहली लिस्ट में
-पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, फिल्मी सितारे, क्रिकेटरों, नौकरशाहों को उतारेगी भाजपा
इसमें दिल्ली की सातों सीटें भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली की 7 में से 5 सीटों पर प्रत्याशी बदले जाएंगे। पहली लिस्ट में कई चौकाने वाले चेहरे भी होंगे, जिसमें केंद्रीय मंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता भी है। दिल्ली-एनसीआर की कई लोकसभा सीटों पर नए चेहरे उतारे जाएंगे, ऐसी संभावना जताई गई है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी आदि दिग्गजों के नाम पहली लिस्ट में होगा। सूत्रों के मुताबिक चुनाव में महिला सशक्तिकरण की भी झलक देखने को मिलेगी। साथ ही पार्टी, संगठन एवं दूसरे दलों से आने वाले युवाओं को भाजपा अधिक संख्या में प्रत्याशी बनाएगी। बता दें कि उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए हुई मैराथन बैठक में एक दर्जन से अधिक 16 राज्यों के लिए नामों पर विचार-विमर्श किया। सीईसी की बैठक बृहस्पतिवार रात पार्टी मुख्यालय में करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई और पांच घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक से पहले अमित शाह और जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की और विचार-विमर्श किया।
केंद्रीय मंत्री एवं कई सांसदों के कटेंगे टिकट
भाजपा सूत्रों के मुताबिक प्रदर्शन के साथ-साथ राजनीतिक अनिवार्यताओं के आधार पर पार्टी अच्छी खासी संख्या में अपने मौजूदा सांसदों के टिकट काट भी सकती है। अतीत में भी देखा गया है कि भाजपा मौजूद सांसदों या विधायकों के टिकट काटती रही है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, जनरल वीके सिंह, मथुरा से हेमा मालिनी, गुरदासपुर से सनी देओल, चंडीगढ से किरण खेर आदि के टिकट कटने की चर्चाएं हैं।
पूर्व सीएम, फिल्मी सितारे एवं क्रिकेटर भी होंगे प्रत्याशी
लोकसभा के इस चुनाव में भाजपा ने 370 का अकेला एवं एनडीए का 400 सीट का लक्ष्य रखा है। राममंदिर निर्माण के साथ ही इस बार लहर भी भाजपा के पक्ष में दिख रहा है। लिहाजा, इस बार कई राज्यसभा के सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व नौकरशाह, फिल्मी सितारे एवं क्रिकेटर उतारे जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर-गुना से, अभिनेत्री जया प्रदा दिल्ली एवं यूपी से, अक्षय कुमार दिल्ली एवं चंडीगढ़, क्रिकेटर युवराज सिंह गुरदासपुर, कंगना रानाउत हिमाचल के उतारे जाने की प्रबल संभावना है।
पहली सूची में इनको मिलेगा टिकट
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, भूपेंद्र यादव, मनसुख मांडविया, धर्मेंद्र प्रधान, सर्बानंद सोनोवाल, प्रवक्ता संबित पात्रा, रविंद्र रैना, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, ज्योतिरादित्य सिंधिया और पुरुषोत्तम रूपाला के चुनाव में मैदान में उतरने की संभावना है। ऐसी चर्चा है कि चंद्रशेखर का मुकाबला तिरुवनंतपुरम से तीन बार के कांग्रेस सांसद शशि थरूर से होगा। भाजपा के तेलंगाना के चार में से तीन सांसद केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, बंदी संजय कुमार और धर्मपुरी अरविंद क्रमश: अपनी मौजूदा सीट सिकंदराबाद, करीमनगर और निजामाबाद से चुनाव लड़ेंगे।
दिल्ली के 5 सांसदों का कटेगा टिकट : सूत्र
दिल्ली के सात में से पांच सांसदों की टिकट कटने की पूरी संभावना है। काटने के पीछे सांसदों की एंटी इनकंबेंसी बताई जा रही है। कार्यकर्ताओं में नाराजगी, नेताओं का अपने संसदीय इलाके में कम, अपने घरों में ज्यादा रहना भी एक वजह बताई जा रही है। इसके साथ ही भाजपा नए चेहरे और युवा नेताओं को अपनी टीम में शामिल करने पर विचार कर रही है, जो लंबे वक्त से पार्टी संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी कुछ ऐसे चेहरों को भी चुनावी मैदान में उतारने का मन बना रही हो जो अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से मुकाबला कर सकें । लोकसभा के करीब 9 महीने बाद दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना है। बता दें कि दिल्ली में 2014 से लगातार दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। 2019 में बीजेपी ने सातों लोकसभा सीट जीती थीं।
UP में सहयोगी दलों के लिए 6 सीट छोड़ सकती है भाजपा
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। भाजपा यहां अपना दल, जयंत चौधकी की पार्टी राष्टीय लोक दल (आरएलडी) और अन्य पार्टियों को 6 सीटें दे सकती है। अपना दल को मिर्जापुर और रॉबट्र्सगंज, जबकि आरएलडी को बिजनौर, बागपत सीट मिल सकती हैं। इसके अलावा ओपी राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को घोसी और संजय निषाद की निषाद पार्टी को खलीलाबाद सीट दे सकती है।
बिहार और महाराष्ट्र पर कोई चर्चा नहीं
केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक में बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों पर कोई चर्चा नहीं हुई। दोनों ही राज्यों में गठबंधन की सरकार है, जिसमें जनता दल (यूनाइटेड) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (बिहार) तथा शिवसेना (शिंदे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) शामिल हैं। आंध्र प्रदेश में भाजपा और तेलुगु देशम पार्टी के बीच गठबंधन की संभावना है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की ओर से जयंत सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) सहित अन्य सहयोगियों के लिए छह सीट छोडऩे की संभावना है। रालोद अभी तक औपचारिक रूप से भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल नहीं हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी हमेशा बदलाव करती रहती है हर चुनाव में इसलिए इस बार भी बड़े बदलाव की उम्मीद है