-मनमोहन सिंह पर भड़के जेपी नड्डा, दी नसीहत, उठाए सवाल
-ंकांग्रेस शासन में 43 हजार किमी जमीन चीनियों को समर्पण किया, क्यों चिंतित नहीं हुए
-नडडा ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर मनमोहन सिंह को कटघरे में खड़ा किया
–कांग्रेस पार्टी को सेना का अपमान न करने की दी नसीहत
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा भारत-चीन सीमा विवाद के संदर्भ में दिए गए बयान पर जोरदार हमला बोला है। साथ ही कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का बयान केवल और केवल शब्दों की बाजीगरी है। दुर्भाग्य से, कांग्रेस पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं के रवैये और उनकी करनी को देखते हुए कोई भी देशवासी उनके बयानों पर भरोसा नहीं करेगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को एक के बाद एक, सात ट्वीट करते हुए मनमोहन सिंह को कठघरे में खड़ा किया और उनको एवं कांग्रेस पार्टी को सेना का अपमान न करने की नसीहत दी।
उन्होंने मनमोहन सिंह से सवाल पूछते हुए कहा कि जब आपके कार्यकाल के दौरान चीन के सामने हजारों किलोमीटर जमीन पर आत्मसमर्पण किया गया, क्या तब भी आपको देश की इतनी ही चिंता थी? काश! डॉ सिंह तब चीन के इरादों को लेकर इतने ही चिंतित होते जब उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री भारत की हजारों किलोमीटर भूमि चीन के आगे समर्पित कर दी थी। चीन ने 2010 से 2013 के दौरान मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते देश के विभिन्न भागों में 600 से ज्यादा बार घुसपैठ की थी।
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राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डॉ मनमोहन सिंह पर हमले की धार को और तेज करते हुए ट्वीट किया कि डॉ मनमोहन सिंह आज एकता की बात कर रहे हैं जो सही है, लेकिन कागज पर लिखे उनके शब्द धरातल पर उनके व्यवहार से बिलकुल मेल नहीं खाते और साफ पता चल जाता है कि देश में एकता के माहौल को कौन बिगाड़ रहा है। उम्मीद है कि कम से कम उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी में तो उनकी बात सुनी जायेगी।
नड्डा ने कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी के ट्वीट की तुलना में देश के साथ खड़े रहने वाले अन्य विपक्षी पार्टी के नेताओं के ट्वीट साझा किया, जिससे साफ पता चलता है कि जहां एक ओर राहुल गाँधी चीन के सामने भारत का अपमान कर रहे हैं तो अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता चीन के खिलाफ एकजुट होकर देश के प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं।
नड्डा ने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह उसी कांग्रेस पार्टी से हैं जिसने असहाय और बेचारों की तरह देश की 43 हजार किलोमीटर की भूमि को चीनियों के सामने समर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान देश ने बिना किसी लड़ाई के सरकार को रणनीतिक और भौगोलिक आत्मसमर्पण करते देखा है। बार-बार सेना को छोटा बताया गया, उन्हें हतोत्साहित किया गया।
बीजेपी चीफ ने डॉ मनमोहन सिंह को यूपीए के दौरान पीएमओ की गरिमा की भी याद दिलाई।
Dr. Manmohan Singh, rightly, calls for unity.
Again, the strong words on paper fall flat when we see exactly who is vitiating the atmosphere of unity…
Hope Dr. Singh is able to prevail on his own party at least. pic.twitter.com/rn8vBsCSjG
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 22, 2020
उन्होंने लिखा कि डॉ मनमोहन सिंह निश्चित रूप से विभिन्न विषयों पर अपने विचार साझा कर सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री के कार्यालय की जिम्मेदारियों पर नहीं। प्रधानमंत्री कार्यालय से यूपीए वाला सिस्टम साफ हो गया है, जहां सुरक्षाबलों का अपमान भी किया जाता था। उन्होंने कहा कि यूपीए ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय का व्यवस्थित संस्थागत क्षरण किया। कांग्रेस के कार्यकाल में प्रधानमंत्री कार्यालय की गरिमा घटी और हमारी सशस्त्र सेनाओं का अपमान हुआ। एनडीए ने कांग्रेस के शासन के दौरान की कार्यसंस्कृति को बदल दिया है।