संवौधानिक संस्थाओं का आदर नहीं करते राहुल गांधी : भाजपा
–रक्षा विषयों की स्थायी समिति की बैठक से वॉक आउट करने पर भड़की भाजपा
–भाजपा ने बोला कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला
— अब तक 14 में से 2 ही बैठकों में राहुल गांधी ने भाग लिया
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा रक्षा विषयों की स्थायी समिति की बैठक से वॉक आउट करने पर हमला बोला है। साथ ही राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा करते हुए रक्षा के विषयों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के मन में संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कोई आदर नहीं है और यही वजह है कि उन्होंने रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक का बहिर्गमन किया। केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले साल- डेढ़ साल में रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की 14 में से 2 ही बैठकों में भाग लिया होगा। वे खुद तो इन महत्वपूर्ण बैठकों से अनुपस्थित रहते हैं, फिर सरकार और सारी प्रक्रिया को दोष देते हैं, बैठक से वॉक आउट भी कर जाते हैं और बैठक से बाहर निकल कर विरोध करने लगते हैं। राहुल गांधी को पता होना चाहिए कि संसद की स्थायी समिति कोई विरोध स्थल नहीं है। राहुल गांधी कल की बैठक से इस तरह वॉक आउट कर गए जैसे कि वो कोई प्रदर्शन का केंद्र हो। हम राहुल गांधी के इस व्यवहार की कड़ी भत्र्सना करते हैं। जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी जब कांग्रेस-नीत यूपीए शासन काल के दौरान सत्ता में थे, तब उन्होंने अपनी ही सरकार के कैबिनेट के फैसले को फाड़ दिया था और इसे कूड़ेदान में फेंक दिया था। ऐसे में संवैधानिक संस्थाओं के प्रति राहुल गाँधी कितना सम्मान रखते हैं, यह सभी को पता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना सीखना चाहिए वरना लोकतंत्र में उनकी भूमिका नगण्य हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अब तक संसद में अपनी प्रभावी भूमिका निभा पाने में असमर्थ रहे हैं। 16 वीं लोकसभा कार्यकाल के दौरान भी सदन में राहुल गांधी की उपस्थिति केवल 52 प्रतिशत रही है। यही नहीं, राहुल गाँधी ने सदन के अंदर महज 14 चर्चाओं में ही हिस्सा लिया है। वे सदन में एक भी प्राइवेट मेंबर बिल लेकर नहीं आए। उनके कई सहयोगी भी एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उनमें ‘निरंतरता की कमी का आरोप लगाते हैं।
संसदीय प्रक्रियाओं और संवैधानिक संस्थानों का अपमान
जावड़ेकर ने कहा कि शायद उन्हें पता नहीं कि एजेंडा तय करने की भी बैठक होती है जिस बैठक से राहुल गाँधी अनुपस्थित थे। राहुल गाँधी ने खुद के लिए शायद सोचा होगा कि वे संसदीय समिति से ऊपर की चीज हैं। अनुपस्थित रहना, चर्चा के अपने एजेंडे का खुलासा नहीं करना, और फिर एजेंडे के बाहर के मुद्दों पर गैर-चर्चा का आग्रह करना सभी संसदीय प्रक्रियाओं और संवैधानिक संस्थानों का अपमान है।
बता दें कि बुधवार को रक्षा विषयों की संसद की स्थायी समिति की बैठक हुई थी जिसका एजेंडा था – थल सेना, नौसेना और वायुसेना कर्मियों के रैंक, स्ट्रक्चर, वर्दी, स्टार व बैज के मुद्दे पर चर्चा। यह एजेंडा पहले से ही तय था। इस बैठक में समिति के अध्यक्ष जुएल उराँव के साथ-साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी उपस्थित थे।