—सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया आदेश, 7 दिन का अल्टीमेटम
—भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत
नई दिल्ली /अदिति सिंह : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को बड़ी राहत देते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया कि सात दिनों के अंदर 39 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का आदेश किया जाए। साथ ही उन 25 अधिकारियों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिन पर कमीशन के लिए विचार नहीं किया गया था। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और बीवी नागरत्ना की पीठ में सेना की महिला अधिकारियों की ओर अवमानना याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन ने कोर्ट को बताया कि 72 में से एक महिला अफर ने सर्विस से रिलीज की अर्जी दी है। सरकार ने बाकी 71 महिला अफसरों पर पुनर्विचार किया, जिसमें सिर्फ 39 महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिया जा सकता है। केंद्र की तरफ से बताया गया कि 71 में से 7 मेडिकल रूप से अनफिट पाए गए हैं और 25 अधिकारियों को स्थायी कमीशन इसलिए नहीं दिया जा सकता क्योंकि उनकी प्रोगेस रिपोर्ट में अनुशासनहीनता समेत कई खामियां हैं।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्टूबर को सेना से कहा था कि वे अपने स्तर से मामले को निपटाएं, ऐसा न हो कि हमे आदेश देना पड़े।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च 2021 को फैसला सुनाया था कि जिन महिलाओं के स्पेशन सलेक्शन बोर्ड में 60 फीसदी अंक मिले हैं और जिनके खिलाफ अनुशासनहीनता के मामले नहीं हैं, उन्हें सेना स्थायी कमीशन दे। इसके बाद भी इन 39 महिलाओं को स्थायी कमीशन नहीं दिया गया। सेना ने महिला अफसरों को स्थायी कमीशन तो दूर रिलीज करना शुरू कर दिया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। इसके बाद महिला अफसरों ने बीते 10 अगस्त को रक्षा मंत्रालय और सेना को कानूनी नोटिस भेजा तो उसका भी कोई जवाब नहीं मिला। फिर महिलाओं ने दोबारा सुप्रीम कोर्ट की शरण ली।