– रोजाना 37 हजार तक मामले आने को लेकर बेड़ों की व्यवस्था 36900 किया जाएगा
– दिल्ली सरकार की विशेषज्ञ और तैयारी समिति के साथ बैठक के बाद महत्वपूर्ण निर्णय
– दिल्ली सरकार 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन आईजीएल के जरिए करेगी
– ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त सिलेंडर खरीदे जाएंगे
– एलएमओ भंडारण को 421 मीट्रिक टन तक बढ़ाया जाएगा
– दिल्ली सरकार सभी अस्पतालों में आक्सीजन स्टोरेज करने का आदेश जारी करेगी
नई दिल्ली, टीम डिजिटल: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व में दिल्ली सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर की स्थिति में लोगों को प्रभावी इलाज सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जिसकी जानकारी देते हुज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक कदम आगे बढ़ाते हुए, दिल्ली सरकार ने योजना बनाना और सुविधाएं तैयार करना शुरू कर दिया है। ताकि शहर को बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन और दवाओं की कमी का सामना ना करना पड़े।
‘विशेषज्ञ समिति’ के साथ हुई पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। जिसमें बच्चों के प्रभावी उपचार के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करने, पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड तैयार करने, अधिक पैरामेडिकल स्टाफ तैनात करने, ऑक्सीजन की आपूर्ति, भंडारण और उत्पादन सुनिश्चित करने को लेकर फैसले किए गए हैं।
बैठक में लिए गए ये अहम फैसले
विशेषज्ञ समिति की बैठक में चर्चा के बाद तैयारी समिति की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए है। दिल्ली सरकार कोरोना की तीसरी लहर में रोजाना 37 हजार मामले आने तक की स्थिति को लेकर अस्पतालों में बेड बढ़ाने और मानव संसाधन बढ़ाने को लेकर तैयारी करेगी। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य नियंत्रण कक्ष सह डेटा हब भी स्थापित किया जाएगा ताकि आवश्यक इनपुट लिया जा सके। अस्पतालों में अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली भी स्थापित की जाएगी जो निर्णय लेने में सहायता करेगी। इसके अलावा बफर एलएमओ भंडारण क्षमता को 421 मीट्रिक टन तक बढ़ाया जाएगा और दिल्ली के एलएमओ भंडारण को दिल्ली की अधिकतम ऑक्सीजन मांग के हिसाब से कम से कम एक दिन के इस्तेमाल तक के लिए बढ़ाया जाएगा। दिल्ली सरकार बेड कैपेसिटी बेंचमार्क से जुड़े सभी अस्पतालों में अनिवार्य एलएमओ स्टोरेज सुनिश्चित करने का आदेश भी जारी करेगी। ऑक्सीजन के स्तर को ट्रैक करने के लिए प्रत्येक भंडारण टैंक को टेलीमेट्री उपकरण के साथ जोड़ा जाएगा।
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ऑक्सीजन सिलेंडरों की लाइव-ट्रैकिंग
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 350 मीट्रिक टन के लगभग 25 टैंकर खरीदे जाएंगे ताकि ऑक्सीजन प्लांट से एलएमओ को लाया जा सके और शहर में अलग-अलग जगहों पर भेजा जा सके। दिल्ली सरकार 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन और 2000 सिलेंडरों की रिफिलिंग भी सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्याप्त संख्या में सिलिंडरों की खरीद की जानी चाहिए ताकि संकट के समय में बिस्तर बढ़ने की स्थिति में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध हो सके। जमाखोरी रोकने के लिए क्यूआर कोड ट्रैकिंग की मदद से सिलेंडरों की लाइव-ट्रैकिंग की जाएगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चों पर प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में बच्चों में गंभीर बीमारी को लेकर एनईटीएस (नवजात आपातकालीन परिवहन प्रणाली) के साथ बाल चिकित्सा जीवन समर्थन, बीमारी की विशिष्ट दवाएं और विशिष्ट उपकरणों को लेकर रणनीति बनायी गई है।
13 नवंबर 2020 तक तीसरी लहर की संभावना
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण राष्ट्रीय संक्रमण के मुकाबले अलग व्यवहार करता है। दिल्ली में पहली लहर 23 जून 2020, दूसरी लहर 16 सितंबर 2020, तीसरी लहर 13 नवंबर 2020 और चौथी लहर अप्रैल 2021 में आई। सभी लहरों के बीच न्यूनतम 2-3 महीने का समय अंतराल रहा है। इसलिए हर तैयारी समयबद्ध तरीके से करनी होगी। दिल्ली को अनावश्यक क्षमताएं पैदा करने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से तत्परता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखना चाहिए। योजना पहले से अच्छी तरह से बनाई जानी चाहिए ताकि संक्रमण दर बढ़ने और हमारी तैयारियों के बीच एक संतुलन बनाया जा सके।
दिल्ली सरकार ने की ये तैयारी
दिल्ली के अस्पतालों में पिछले कुछ महीनों के दौरान बेड बढ़ाने के बेहतर प्रयास के गए हैं। अप्रैल 2021 में आईसीयू बेड 1830 थे जो कि जून 2021 में 3100 हो गए हैं। कोविड बेड 5221 से बढ़ाकर 7978 कि गए हैं। इसके अलावा कई गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर नए सीएचसी बनाए गए हैं। मैनपावर में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की है। 610 डॉक्टरों, 628 नर्सों और 162 पैरामेडिकल स्टाफ लगाया गया है। दिल्ली में संक्रमण दर और एक्टिव मामले में काफी गिरावट आई है, इसके बावजूद स्वास्थ्य ढांचे को मजूबत करने के प्रयास चालू रहेंगे। कोरोना की इस लहर में रोजाना 28400 नए मामलों आए थे, लेकिन दिल्ली में हम इससे भी बड़ी लहर से निपटने की क्षमता तैयार करेंगे। हमारा अस्पतालों और सीएचसी में 36900 कोविड बेड बनाने का लक्ष्य है। ये बेड़ सीसीसी से अलग होंगे।
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नर्सों और डॉक्टरों के अनुबंध को छ महीने तक बढ़ाया जा रहा
नर्सों और डॉक्टरों के अनुबंध को छ महीने तक बढ़ाया जा रहा है यानी कि 31 दिसंबर 2021 तक इनका कॉन्ट्रेक्ट रहेगा। अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए अस्पतालों में स्वीकृत संख्या के हिसाब से पद भरे जाएंगे। इन अस्पतालों को शिक्षण अस्पातलों एलएनजेपी, जीटीबी आदि के साथ जोड़ा जाएगा ताकि शिक्षण का अनुभव ले सकें।
सभी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता में सुधार के लिए दिल्ली के अस्पतालों में पीजी और स्नातक के छात्रों के लिए एक साल की इंटर्नशिप शुरू की जाएगी, ताकि वे तुरंत एसआर के रूप में काम करना शुरू कर सकें और अनुभव भी प्राप्त कर सकें।
500 ट्रेनर तैयार किए जाएंगे, डॉक्टरों एवं स्टाफ को प्रशिक्षण देंगे
बड़े स्तर पर अस्पातलों में क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाएंगे। सभी गैर-आईसीयू चिकित्सा कर्मियों को ऑक्सीजन थेरेपी, आईसीयू प्रबंधन, बाल रोग स्वास्थ्य देखभाल, कोविड देखभाल गतिविधियों आदि में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया है। इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगभग 500 ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। 3 हजार से अधिक गैर-आईसीयू डॉक्टरों, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करेंगे। एमबीबीएस और बीडीएस के छात्रों को गैर-नैदानिक गतिविधियों और टेली-परामर्श के लिए तैयार किया जाएगा। कोविड 19 से निपटने को लेकर क्षमता बढ़ाने के लिए एक श्रेणीबद्ध बढ़ोतरी की योजना तैयार की गई है। इनके आधार पर सबसे पहले बिस्तरों, वार्डों, अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा। दूसरा उपकरणों की आपूर्ति को बेहतर किया जाएगा। तीसरा वैकल्पिक सर्जरी को रोकने और चौथा अन्य विभागों के संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
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टीकाकरण अभियान चलाएंगे
दिल्ली में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए मतदान केंद्र के अनुसार टीकाकरण किया जाएगा। बीएलओ और सीडीवी वाली फील्ड स्तरीय टीम बूथवार घर-घर जाकर टीकाकरण के पात्र लोगों की टीकाकरण की स्थिति का पता लगाएगी। टीकाकरण कराने के इच्छुक लाभार्थियों को कोविन पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा। उनके घर के पास मतदान केंद्र में उपलब्ध कराई जा रही टीकाकरण सुविधा के बारे में बताया जाएगा। टीकाकरण से हिचकिचाने वाले लोगों की काउंसलिंग की जाएगी। दिल्ली सरकार मतदान केंद्रों में नियर टू होम कोविड वैक्सीनेशन सेंटर (एनएचसीवीसी) की भी व्यवस्था करेगी।