नई दिल्ली/ अदिति सिंह : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने आज यहां देश की पहली नेशनल एयर स्पोट्र्स पॉलिसी-2022 का ऐलान किया। इस नीति का लक्ष्य 2030 तक भारत को एयर स्पोट्र्स का केंद्र बनाना है। इस समय पुराने 5000 एयरक्राफ्ट के सहारे 80 से 100 करोड़ रुपए सालाना का कारोबार एयरोस्पोट्र्स क्षेत्र में किया जाता है। इस नीति के तहत आने वाले समय में 1,00,000 प्रत्यक्ष नौकरियों के सृजन के साथ ही 8000 करोड़ रुपए सालाना के कारोबार का लक्ष्य रखा गया है। नेशनल एयरो स्पोट्र्स पॉलिसी के तहत एक दर्जन एयरोस्पोट्र्स को शुरू करने का फैसला किया गया है।
-देश में एक दर्जन एयरोस्पोट्र्स को शुरू करने का फैसला
-एयरोस्पोट्र्स के क्षेत्र में नए विमान और अन्य उपकरण भी भारत में आएंगे
-2030 तक भारत को एयर स्पोट्र्स का केंद्र बनाना है,2030 का लक्ष्य तय
इनमें पैराग्लाइडिंग और पैरामोटरिंग, पावर्ड एयरक्राफ्ट, अमेच्योरबिल्ट एंड एक्सपेरिमेंटल एयरक्राफ्ट, बैलूनिंग, ड्रोनस, ग्लाइडिंग और पावर ग्लाइडिंग , हैंग ग्लाइडिंग और पावर हैंग ग्लाइडिंग , पैराशूटिंग ( जिसमें स्काईडाइविंग, बेस जंपिंग और विंगसूट आदि शामिल हैं) के साथ ही एयरोबैटिक्स, एयरोमॉडलिंग और मॉडल रॉकेट्री को शामिल किया गया है। इसकी निगरानी चार स्तर पर होगी। इसमें सबसे बड़ी संस्था एयर स्पोट्र्स फेडरेशन ऑफ इंडिया होगी। इसके अलावा नेशनल एसोसिएशन फॉर इंडिविजुअल एयरोस्पोट्र्स के अलावा पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण क्षेत्र की एसोसिएशन एवं जिला स्तरीय एसोसिएशन शामिल होंगी।
नई पॉलिसी के सामने आने के बाद दुनिया भर के एयरोस्पोट्र्स से जुड़े लोग भारत की ओर रुख करेंगे। इससे एयरोस्पोट्र्स के क्षेत्र में नए विमान और अन्य उपकरण भी भारत में आएंगे। जिससे उन क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस क्षेत्र से जुड़े उपकरणों पर इस समय 15 से 28 फीसदी तक का जीएसटी है। वह यह प्रयास करेंगे कि वित्त मंत्रालय से मिलकर इस क्षेत्र में जीएसटी को 5 फीसदी तक लाने में सफलता हासिल हो।
इस मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत एक विविधताओं और विस्तृत भू-भाग वाला देश है। जहां पर हर तरह का मौसम होता है। ऐसे में उन देशों के नागरिक जहां सर्दी बहुत अधिक पड़ती है अपने एयरो स्पोट्र्स रुचि के लिए भारत आएंगे। इनमें ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका और यूरोप के देश शामिल हैं।