—दिल्ली में हैं 1700 स्कूल, नवंबर से शुरू होती है नर्सरी में दाखिले की प्रक्रिया
—छोटे बच्चों के लिए पूरे साल ऑनलाइन पढ़ाई उपयुक्त नहीं
नयी दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में नर्सरी में दाखिले जल्द शुरू होंगे। उन्होंने कोविड-19 के बाद के समय में शैक्षणिक सुधारों पर निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और अधिकारियों से संवाद के दौरान कहा, हम नर्सरी में दाखिले जल्द शुरू करेंगे। महामारी के कारण इस साल इसमें देरी हो गयी।दिल्ली में करीब 1700 स्कूलों में नर्सरी में दाखिले की प्रक्रिया की शुरुआत आम तौर पर नवंबर के अंतिम सप्ताह से होती है। शिक्षा निदेशालय दिशा-निर्देश जारी कर स्कूलों को जरूरी सूचनाएं जमा करने को कहता है, जिसके बाद दिसंबर में आवेदन की प्रक्रिया शुरू होती। हालांकि, इस साल इस पर कोई प्रगति नहीं हुई। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने दिसंबर में कहा था कि नर्सरी दाखिला को स्थगित करने के लिए एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है क्योंकि कोविड-19 के कारण स्कूल नौ महीनों तक बंद रहे और टीका उपलब्ध होने तक बंद रहेंगे। छोटे बच्चों के लिए पूरे साल ऑनलाइन पढ़ाई उपयुक्त नहीं है।
स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने इस साल नर्सरी में छात्रों को दाखिले नहीं करने के विचार का विरोध किया।हालांकि, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले महीने नर्सरी में दाखिले को स्थगित किए जाने से इनकार किया था। बातचीत के दौरान केजरीवाल ने कहा, शिक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। इसलिए हमने पहले ही बजट में शिक्षा के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया। यह असाधारण था और पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। दिल्ली सरकार आम लोगों की सबसे बुनियादी जरूरतों के लिए काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। इसलिए हमने दिल्ली में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को बेहतर बनाने का काम किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में निजी स्कूल लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, देश में 200 शीर्ष निजी स्कूलों में दिल्ली के करीब सौ स्कूल शामिल हैं। हमारी सरकार ने पिछले पांच-छह साल में सरकारी स्कूलों के कायाकल्प का काम किया और उन्हें निजी स्कूलों के तर्ज पर तैयार किया। सरकारी स्कूल और निजी स्कूल दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था के दो अंग हैं और निजी स्कूलों में भी शिक्षा में सुधार हमारी सरकार की प्राथमिकता में है।केजरीवाल ने कहा कि वह निजी स्कूलों को स्वायत्ता के पक्ष में हैं लेकिन साथ ही जोड़ा कि सरकार छात्रों और अभिभावकों के साथ नाइंसाफी नहीं होने देगी।