नयी दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : रेलवे सुरक्षा बल ने बीते 2021 के दौरान देशभर के रेलवे स्टेशनों से 601 यात्रियों की जान बचाने में सफल रहा है। हालांकि इस कार्रवाई में आरपीएफ कर्मचारी की जान भी चली गई है। इसके अलावा मानव तस्करी के मामले में दिल्ली सहित देशभर में 630 यात्रियों (बच्चों एवं महिलाओं) को मानव तस्करों से बचाया। आरपीएफ द्वारा आज यहां एक आधिकारिक आंकड़े जारी किए और अपनी उपलब्धियां गिनाई। आरपीएफ कर्मियों ने पिछले साल 23 करोड़ रुपये से अधिक का सामान बरामद किया और 522 ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेनों को सुरक्षा प्रदान की। आरपीएफ ने ट्रेनों और स्टेशनों पर कोविड-उपयुक्त व्यवहार को लागू करना भी सुनिश्चित किया। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण आरपीएफ के 26 जवानों की मौत हो गई। पिछले साल आरपीएफ कर्मियों ने 601 लोगों की जान बचाई।
-देशभर के स्टेशनों पर मानव तस्करों के चंगुल से 630 लोगों को बचाया
-यात्रियों के खिलाफ अपराध में 3 हजार लोगों को गिरफ्तार किया
मार्च 2021 में भरवारी रेलवे स्टेशन, एनसीआर (उत्तर प्रदेश) में आत्महत्या का प्रयास करने वाली एक महिला को बचाते हुए हेड कांस्टेबल ज्ञान चंद की मौत हो गई थी। इसके अलावा ‘मिशन जीवन रक्षा के तहत आरपीएफ ने पिछले चार वर्षों में 1,650 लोगों की जान बचाई है। राष्ट्रपति द्वारा आरपीएफ कर्मियों को जीवन बचाने में उनके प्रयासों को चिह्नित करने के लिए पिछले चार वर्षों में नौ जीवन रक्षा पदक और एक वीरता पदक से सम्मानित किया गया। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता की माने तो रेलवे सुरक्षा बल ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 244 ‘मेरी सहेलीÓ टीम को भी तैनात किया है।
पिछले साल, आरपीएफ ने यात्रियों के खिलाफ अपराध में शामिल 3,000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया और उन्हें राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) अथवा पुलिस को सौंप दिया। रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कुल 8,744 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
आरपीएफ रेल परिवहन के जरिए मानव तस्करी के मामलों में तत्काल कदम उठाते हुए साल 2021 के दौरान 630 व्यक्तियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। इसमें 54 महिलाएं, 94 नाबालिग लड़कियां, 81 पुरुष और 401 नाबालिग लड़के शामिल हैं।
इसके अलावा अपने परिवार से खोए एवं बिछड़े हुए बच्चों को फिर से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय रेलवे के संपर्क में आए देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले 11,900 से अधिक बच्चों को बचाया है। पूरे देश में 132 चाइल्ड हेल्प डेस्क कार्यरत हैं, जहां आरपीएफ बच्चों के बचाव के लिए एनजीओ के साथ काम करती है।
4,600 दलालों को दबोचा, लाखों के टिकट जब्त किए
कोविड महामारी के दौरान यात्री ट्रेनों के सीमित परिचालन को बहाल किया गया था और कोविड प्रोटोकॉल को लागू करने के संबंध में भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए ट्रेनों में आरक्षित बर्थ सीट वाले यात्रियों को ही यात्रा करने की अनुमति थी। इसके चलते दलालों को अवैध रूप से प्रीमियम दरों पर आरक्षित टिकटों की खरीद और बिक्री का कारोबार करने का एक सुनहरा अवसर मिला। इस अपराध पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ ने तेजी से कार्रवाई की और पूरे साल इस तरह के अपराध के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया और 4,600 से अधिक अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ 4,100 से अधिक मामले दर्ज किए। इन दलालों के पास से 2.8 करोड़ रुपये की अवैध रूप से प्राप्त भविष्य की यात्रा टिकटों को भी जब्त किया गया।
वन्यजीव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई
वन्यजीव और जानवरों के अंगों की तस्करी प्रकृति के खिलाफ अपराध है। आरपीएफ इस मुद्दे पर सक्रिय है और वन्यजीवों के अवैध व्यापार में शामिल तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने चंदन की लकड़ी और पशु व वनस्पतियों के साथ-साथ कई प्रतिबंधित वन्यजीव यानी पक्षी, सांप, कछुआ, मोर, सरीसृप और उनके प्रसंस्कृत उत्पादों को बरामद की है।
वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों की सुखद यात्रा करवाई
आरपीएफ निरंतर सहायता की जरूरत वाले व्यक्तियों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं, दिव्यांगजनों और महिला यात्रियों को मानवीय सोच के साथ सहायता प्रदान कर रही है। उनकी सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ ने साल 2021 के दौरान महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में अनधिकृत रूप से यात्रा करने वाले 25,000 से अधिक व्यक्तियों और दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित कोचों से 9,307 व्यक्तियों को पकड़ा है।
12,377 यात्रियों को उनका छूटा हुआ सामान वापस किया
साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने 12,377 यात्रियों से संबंधित 23 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के छूटे हुए सामान को सत्यापन के बाद उन्हें वापस कर दी। आरपीएफ ऑपरेशन अमानत के तहत यात्रियों को यह सेवा प्रदान कर रही है।