—ऑनलाइन और अभिभावकों के सहयोग से पुनः शुरू होंगी घर पर शैक्षिक गतिविधियां
—स्कूलों को पुनः खोलना महज तकनीकी काम नहीं
—बल्कि स्कूलों को नई और बड़ी भूमिका दिलाने का रचनात्मक काम
नई दिल्ली /टीम डिजिटल। दिल्ली में स्कूलों को पुनः खोलने संबंधी योजना पर आज डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की*। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न माध्यमों से शिक्षा जारी रखने संबंधी अनुभवों पर भी चर्चा हुई। बैठक में अलग अलग कक्षाओं के अनुरूप विशिष्ट योजना बनाने संबधी सुझावों पर चर्चा हुई। इसके अलावा इस बात पर भी सहमति बनी की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए स्कूल फिलहाल 31 जुलाई तक बंद रखे जाएं।
सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर स्कूलों की नई भूमिका पर विचार करने का अनुरोध किया था। उन्होंने लिखा था कि हमें अभी तय करना है कि हम खुद अपने देश और समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने स्कूलों का पुनर्निर्माण करेंगे या फिर इंतजार करेंगे कि कोई अन्य देश कुछ कर लें, उसके बाद हम उसे अपने यहां कॉपी पेस्ट करें।
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बैठक में दिल्ली के सरकारी और निजी विद्यालयों के 829 शिक्षकों, 61 स्कूल हेड, 920 स्टूडेंट्स तथा 829 अभिभावकों के ऑनलाइन सुझावों और स्कूल स्तर पर 23262 टीचर्स और 98423 अभिभावकों के सुझाओं पर आधारित जिले वार रिपोर्ट पर विचार किया गया। इन रिपोर्ट को शिक्षा निदेशालय के उप शिक्षा अधिकारीयों नें शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक की उपस्थित में, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को प्रेजेंट किया।
प्राथमिक कक्षाओं के बारे में सुझाव आया कि 12 से 15 स्टूडेंट की सप्ताह में एक या दो कक्षा लगाई जाए। क्लास थ्री से फाइव कक्षा वैकल्पिक दिन में लगाने का सुझाव आया। स्टूडेंट्स के लिए जहाँ तक संभव हो ऑनलाइन शिक्षा जारी रखने, सभी कक्षाओं में समुचित सैनिटाइजेशन करने, स्टूडेंट्स को मास्क का वितरण करने, प्रत्येक स्टूडेंट की विद्यालय में प्रवेश के समय थर्मल स्क्रीनिंग करने तथा सिलेबस कम करने जैसे सुझाव भी आए।
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इसी तरह कक्षा 6 से 8 के लिए छोटे समूह में सप्ताह में एक या दो दिन क्लास करने का सुझाव आया। कुछ लोगों ने सप्ताह में 3 दिन क्लास का भी सुझाव दिया। सिलेबस को 30 से 50 फीसदी तक कम करने पर भी कई लोगों ने जोर दिया। स्टूडेंट्स की सामूहिक गतिविधि तथा भीड़ पर रोक लगाने का भी सुझाव आया।
*कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए सप्ताह 1 या 2 दिन छोटे समूह में क्लास करने का सुझाव आया*। कुछ लोगों ने कक्षा दसवीं के लिए प्रतिदिन क्लास का सुझाव दिया। ऑनलाइन क्लास जारी रखने, यूट्यूब चैनल खान अकादमी के वीडियो जारी रखने का सुझाव आया।
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11वीं और 12वीं की क्लास वैकल्पिक दिनों में कराने तथा शेष दिनों में ऑनलाइन शिक्षा का सुझाव दिया गया। इनके सिलेबस में भी कटौती का सुझाव आया। कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि प्रतिदिन सिर्फ 3 से 4 घंटे की क्लास की जाए।
बैठक में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें सभी सुझावों के आलोक में स्कूलों को पुनः खोलने की ऐसी योजना बनानी चाहिए जो स्टूडेंट्स को कोरोना के साथ जीना भी सिखाए तथा नई परिस्थितियों में उन्हें नई भूमिका के लिए तैयार कर सके।