–भाजपा नेताओं की चाकरी करने का लगाया आरोप
–निगम चेयरमैनी छोडऩे का बनाया था दबाव, राणा ने नहीं छोड़ी
–चंडीगढ़ में सुखबीर बादल ने लिया फैसला, दिल्ली प्रदेश ने जारी किया पत्र
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली निगम के पार्षद परमजीत ङ्क्षसह राणा को सोमवार की शाम पार्टी से निकाल दिया। इसके पीछे मुख्य वजह राणा द्वारा किसान आंदोलन में भाग ना लेना, तथा भाजपा के द्वारा मिले चेयरमैनी के पद को ना त्यागने को कारण बताया गया है। राणा वर्तमान में शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली ईकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे। यह फैसला चंडीगढ़ में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर ङ्क्षसह बादल की अध्यक्षता में हुई मीटिंग मेें लिया गया है। हालांकि, इस बावत पत्र दिल्ली ईकाइ के अध्यक्ष हरमीत कालका के द्वारा जारी किया गया है। हरमीत कालका ने सोमवार की शाम राणा के लिखे निष्कासन पत्र में उन्हें घेरने की कोशिश की। साथ ही कहा कि आपने किसान आंदोलन के वक्त मुश्किल घड़ी में लिए पंथ विरोधी फैसले के कारण पार्टी को बहुत दुख हुआ है। आपको बार-बार पार्टी के द्वारा नोटिस दिए गए थे जिसका आपने गोल मोल जवाब दिया था। इसमें आपने यह भी स्पष्ट नहीं किया था कि आप भाजपा के खिलाफ हैं या उसके हक में हैं।
साथ ही आपने अभी तक भाजपा द्वारा मिली चेयरमैन का पद भी नहीं छोड़ा है। साथ ही किसान आंदोलन में दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी द्वारा की जा रही सेवा में सौंपी गई जिम्मेदारी को नहीं निभाया है। बल्कि इस समय के दौरान आप भाजपा नेताओं की चाकरी करने को ही मंजूर किया है। इसलिए किसान विरोधी बिलों की हिमायत में आप भाजपा की सरकार के साथ खड़े हो यह साफ हो जाता है। इसलिए पिछले समय आपको सौंपी गई पार्टी की सारी जिम्मेदारियों से मुक्त करके पार्टी से निकाला जाता है। राणा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में अहम पद भी संभाल चुके हैं। मंजीत सिंह जीके के कार्यकाल में उन्हें धर्म प्रचार कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था।
बता दें कि अकाली दल एवं भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने दिल्ली में भाजपा के कोटे से पार्षद बने 4 नेताओं का इस्तीफा मांगा था। इसमें हरमीत कालका की पत्नी मनप्रीत कौर ने उसी दिन इस्तीफा देने की बात कही थी। इसके अलावा राजा इकबाल सिंह (सिविल जोन के चेयरमैन), राणा परमजीत सिंह, अमरजीत सिंह पप्पू शामिल हैं। खास बात यह है कि अकाली दल इनको चेयरमैनी छोडऩे को कह रहा है लेकिन पार्षदी छोडऩे की बात नहीं कर रहा है।
हमने कोई गलत काम नहीं किया, दूंगा जवाब : राणा
इस बावत परमजीत सिंह राणा ने कहा कि मैंने कभी किसान आंदोलन का विरोध नहीं किया है और पार्टी के दायरे में रहकर अपनी बात को पार्टी फोरम मे उठाया है। लेकिन मंजीत सिंह जीके का करीबी होने के कारण मुझे निशाने पर लिया गया है। सही समय आने पर सभी तत्यों का खुलासा करूंगा। उन्होंने कहा कि हरमीत कालका की पत्नी मनप्रीत कौर कालका का इस्तीफा 63 दिनों तक गरुद्वारा रकाबगंज से सिविक सेंटर निगम मुख्यालय तक न हीं पहुंचा था उस बारे में हरमीत कालका ने कभी नहीं बोला।