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Friday, November 22, 2024

श्रीलंका के बाद अब ईरान में रेललाइन बिछाएगा इरकॉन इंटरनेशनल

—रेलवे का ईरान के साथ सहयोग बरकरार, इरकॉन बिछाएगा रेललाइन
–चीन की कंपनियों ने की इरकान को प्रतिद्वंद्विता देने की कोशिश
–दिल्ली मेरठ रैपिड रेल परियोजना और गंगा एक्सप्रेसवे को भी बनाएगा इरकान
–भारत एवं ईरान के अलावा दुनिया के कई देशों में काम कर रही है रेलवे

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : भारतीय रेलवे के सबसे ताकतवर उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एस के चौधरी ने कहा कि चीन की कंपनियों ने इरकान को ना सिर्फ ईरान बल्कि मलेशिया, बंगलादेश एवं खाड़ी के कुछ देशों में प्रतिद्वंद्विता देने की कोशिश की है, लेकिन भारतीय कंपनी की पारदर्शी प्रणाली तथा चीन की ऋणजाल फैलाने वाली कंपनियों के कामकाज में अंतर होने की वजह से भारत का पलड़ा भारी रहता है। इरकान के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एस के चौधरी ने कहा कि ईरान की दो कंपनियों माफना और फराब के साथ इरकान ने करार किया है, जिसके तहत ये कंपनियां इरकान के साथ मिल कर भारत एवं ईरान के अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी मिल कर काम करेंगीं। उन्होंने कहा कि मलेशिया ने चीन की कंपनी को दिये गये कुछ ठेके रद्द भी किये हैं। जबकि वहां 50 प्रतिशत से अधिक काम इरकान को मिले हैं। श्रीलंका में भी जितनी भी रेल परियोजनाएं हैं, उन्हें इरकान ने तैयार किया है। विएतनाम, कंबोडिया, लाओस, इंडोनेशिया के अलावा मालदीव में भी इरकान को ठेके मिले हुए हैं। फिलीपीन्स में अमेरिकी फंड के सहयोग से एक पुल एवं रेलवे लाइन बनाने के बारे में ठेका मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटेन के उच्चायोग में एक कार्यक्रम के दौरान भारत ने स्पॉन्सरशिप या साझीदारी के मॉडल पर चर्चा की है जिसमें उसे सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। इरकान के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एस के चौधरी ने कहा कि ईरान में चाबहार बंदरगाह से अफगानिस्तान की सीमा स्थित जाहेदान तक रेलवे लाइन बिछाने की परियोजना से उसे बाहर नहीं किया गया है और कोविड एवं अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण यह परियोजना अटकी हुई है। चाबहार परियोजना में इरकान पूरी तरह से सहभागी है। उनकी कंपनी ने ईरान में जिस कंपनी के साथ इस लाइन को बिछाने का करार किया है, उस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है। इरकान को ईरान सरकार की ओर से ऐसी कोई औपचारिक सूचना या पत्र नहीं मिला है जिसमें भारतीय कंपनी को रेल परियोजना से बाहर करने की बात कही गयी हो।

2021-22 में इरकान का टर्न ओवर 6000 करोड़ रुपए के पार जाएगा

कोविड महामारी के दौरान कामकाज पर प्रभाव के बारे में चर्चा करते हुए एसके चौधरी ने माना कि वर्ष 2020-21 में प्रथम एवं द्वितीय तिमाहियों में खराब प्रदर्शन के बाद तीसरी एवं चौथी तिमाही में जबरदस्त वृद्वि देखी गयी, पर कुछ परिणाम में करीब दस फीसदी की कमी आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में इरकान का कुल कारोबार करीब 4200-4300 करोड़ रुपए रहा था। उम्मीद है कि वर्ष 2021-22 में इरकान का टर्न ओवर 6000 करोड़ रुपए के पार जाएगा।

दिल्ली मेरठ रैपिड रेल में 830 करोड़ रुपए का काम इरकान कर रहा

इरकॉन इंटरनेशनल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एस के चौधरी ने बताया कि इरकान की ऑर्डर बुक में 36 हजार 800 करोड़ रुपए का काम दर्ज हैै जिनमें से 4158 करोड़ रुपए के काम पूरे हो चुके हैं। इस काम में करीब 19 हजार करोड़ रुपए का रेलवे लाइन के विद्युतीकरण का ठेका शामिल है। दिल्ली-एनसीआर में में बन रहे दिल्ली मेरठ रैपिड रेल परियोजना में 830 करोड़ रुपए का काम इरकान कर रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गंगा एक्सप्रेसवे में भी काम करने जा रहा है।

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