—भाजपा ने दिया भारतीय मूल के अफगानी नागरिकों को भारत में शरण देने का आश्वासन
–भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह एवं इकबाल सिंह ने सांसद अनारकली कौर से की मुलाकात
नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : भारतीय जनता पार्टी (BJP)ने भारतीय मूल के अफगानी नागरिकों को भारत में शरण देने का आश्वासन दिया है। BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह और इकबाल सिंह लालपुरा ने सोमवार को यहां अफगानिस्तान के काबुल से भारत सुरक्षित लाए गए 168 लोगों के समूह में वहां की उच्च सदन की सदस्य अनारकली कौर से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान सरदार आरपी सिंह ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि अफगानिस्तानसे जो भी भारतीय मूल के लोग या अफगानी शरणार्थी भारत आना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षित लाने का काम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कर रही है और अब तक कई लोगों को सुरक्षित वापस लाया भी गया है।
इस मुलाकात के दौरान अनारकली कौर ने कहा कि हम भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वायुसेना का शुक्रिया अदा करते हैं। गुजारिश है कि जो अफगानिस्तान में फंसे हैं, उन्हें भी निकाला जाए। उन्होंने कहा कि हम भारत से बहुत प्यार करते हैं। हमारी संस्कृति एक जैसे ही है। पर अपने देश को छोडऩा आसान बात नहीं है। भारत सरकार से उनकी गुजारिश है कि जो संगत वहां फंसी है, सरकार उसे भी निकाले। बता दें कि अनारकली कौर एक पंजाबी सिख अफगान राजनीतिज्ञ हैं, साथ ही महिला अधिकार कार्यकर्ता और दन्त चिकित्सक भी हैं।
3 गुरु ग्रन्थ साहिब के पावन स्वरूप एवं 46 भारतीय सुरक्षित भारत पहुंचे
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि 46 भारतीयों के साथ गुरु ग्रन्थ साहिब जी के 3 पावन स्वरुपों को पूरे सम्मान के साथ भारत लाया गया है। उन्होंने इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पूरी सरकार का आभार प्रकट किया, जिन्होंने अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें भारत लाने का प्रबन्ध किया।
सिरसा ने कहा गुरु ग्रन्थ साहिब सिखों के गुरु हैं और हर सिख के लिए स्वयं से पहले गुरु का मान सम्मान और उसकी हिफाजत है आज भारत की सरकार और प्रधानमंत्री के द्वारा गुरु साहिब के पावन स्वरुपों को बाहिफाजत भारत लाने का जो प्रबन्ध किया गया वह प्रशंसनीय है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय मूल के 46 हिन्दू व सिख जो कि डर के माहौल में अफगानिस्तान के करता परवान गुरुद्वारा में शरण लिये हुए थे पर उनके अन्दर पूर्ण रुप से अपनी जान चले जाने का डर का जिसके चलते वह निरन्त भारत की सरकार से गुहार लगा रहे थे।