- —दिल्ली भाजपा ने बुलाई सिख प्रकोष्ठ की बैठक, किया एक्टिव
- –दिया निदेश, गुरुद्वारा चुनाव के लिए ज्यादा से ज्यादा वोट बनवाने के लिए आगे आएं
- –बैठक में पश्चिमी जिले के पदाधिकारियों को खास निर्देश
- –सिख प्रकोष्ष्ठ के कुछ नेताओं केा चुनाव लड़ा सकती है भाजपा : सूत्र
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के मार्च 2021 में प्रस्तावित आम चुनाव को लेकर दिल्ली के धार्मिक पार्टियों के साथ ही अब सियासी पार्टियों में भी गहमा गहमी शुरू हो गई है। दिल्ली सरकार में सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी की गुरुद्वारा कमेटी चुनाव में बढ़ती सक्रियता को देखते हुए अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी अंदर खाते सरगर्म हो गई है। इसको लेकर भाजपा दिल्ली प्रदेश के सिख प्रकोष्ठ की एक हाईलेवल बैठक हुई। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, संगठन महामंत्री सिद्वार्थन के साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह भी मौजूद रहे। इसके अलावा दिल्ली के पश्चिमी जिले के सभी नेताओं को बुलाया गया। पश्चिमी क्षेत्र सिख बहुल माना जाता है। इस मौके पर भाजपा हाईकमान ने सिख नेताअेां एवं पदाधिकारियों को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव पर गंभीरता से नजर रखने को कहा है। साथ ही कमेटी चुनाव को लेकर बन रही नई वोट एवं पुरानी वोट में फोटो लगवाने के लिए आदेश दिया गया है। दिल्ली सरकार ने फिलहाल वोट बनाने के लिए 31 दिसम्बर तक का समय निर्धारित किया है। लिहाजा, भाजपा हाईकमान से स्पष्ट कहा है कि सभी पदाधिकारी एलर्ट हो जाएं और गुरुद्वारा चुनाव की हर गतिविधियों पर नजर रखें । साथ ही इन चुनाव को लडऩे के उत्सुक प्रभारी उम्मीदवारों को खोजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
सिख प्रकोष्ठ से जुड़े नेताओं को लड़ाया जा सकता है DSGMC चुनाव
सूत्रों की माने तो भाजपा हाईकमान से संकेत भी दे दिया है कि सिख प्रकोष्ठ से जुड़े कुछ नेताओं को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव लड़ाया जा सकता है। यही कारण है कि पार्टी ने कहा है कि सभी 46 वार्डों में ज्यादा से ज्यादा वोट बनवाने का प्रयास करें। सूत्रों की माने तो दोनों सियासी पार्टियां (आप एवं भाजपा) धार्मिक चुनाव से अपनी सक्रियता को दूर रखकर अपने कार्यकर्ताओं केा आगे करके सिखों में निगम चुनाव से पहले अपनी भागेदारी को बढाना सुनिश्चित करना चाहती है, ऐसा भी कहा जा रहा है।
भाजपा और आम आदमी पार्टी पीछे से कमर कस ली है
बता दें कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव में सिर्फ सिख धार्मिक पार्टियां ही लड़ सकती हैं। यही कारण है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी पीछे से कमर कस ली है। साथ ही अपने समर्थकों को चुनाव लड़ाने के लिए तैयारी भी करना शुरू कर दिया है। सूत्रों की माने तो श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह की नई बनी पार्टी पंथक अकाली लहर को आम आदमी पार्टी गुप्त रूप से समर्थन कर रही है। 2017 में राजौरी गार्डन विधानसभा से उपचुनाव लड़े आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरजीत ङ्क्षसह को पंथक अकाली लहर का खजांची नियुक्त किया गया है। साथ ही तिलकनगर से आप विधायक जरनैल सिंह के कुछ खास समर्थक भी इस पार्टी में पदाधिकारी बनाए गए हैं। अब तक के चुनावों में शिरोमणि अकाली दल (बादल) को भारतीय जनता पार्टी खुलकर समर्थन करती रही है। लेकिन कृषि बिलों के बाद हुए टकराव के चलते अकाली दल भाजपा एवं एनडीए से अलग हो चुका है। दिल्ली और पंजाब में भाजपा को सिख वोट चाहिए, इसलिए भाजपा अंदर खाते अपनी तैयारी शुरू कर दी है।