महिला सशक्तिकरण को लेकर योगी सरकार का बडा कदम
—सभी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करेगी उत्तर प्रदेश सरकार
—बीसी सखी पंचायत भवन से कार्य संचालित करेंगी
—गांव के लोगों को बैंकिंग संबंधी सुविधाएं प्राप्त होंगी
लखनऊ/ खुशबू पाण्डेय। उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने बडा ऐतिहासिक कदम उठाया है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की दशा एवं दिशा बदलने के लिए एक नई शुरुआत की है। इसके तहत प्रदेश में 58 हजार से अधिक महिलाओं को बीसी सखी के रूप में चुना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीसी सखी के रूप में चयनित सभी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित कर उन्हें कार्य स्थल पर तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बीसी सखी की तैनाती से ग्राम पंचायत स्तर पर एक महिला को रोजगार मिलेगा। बी0सी0 सखी पंचायत भवन से कार्य संचालित करेंगी। इससे गांव के लोगों को बैंकिंग सम्बन्धी सुविधाएं प्राप्त होंगी।
ज्ञातव्य है कि आज यहां मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि बीसी सखी के रूप में 58 हजार महिलाओं का चयन हो गया है।
मुख्यमंत्री ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त को ‘उ0प्र0 कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ की संस्तुतियों एवं निर्देशों की समीक्षा हेतु एक बैठक आहूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कामगारों/श्रमिकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों अधिकाधिक सेवायोजन और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए राज्य सरकार ने यह आयोग गठित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार कामगारों/श्रमिकों के सामाजिक व आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में जिस प्रकार कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने व उससे बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं, उसी प्रकार कार्य योजना के तहत कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही व्यापक स्तर पर की जा रही है। मुख्यमंत्री ने राजस्व संग्रह में वृद्धि के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को कार्ययोजना के अनुरूप कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शासन स्तर एवं जनपद स्तर पर राजस्व प्राप्ति की गहन माॅनिटरिंग की जाए। उन्होंने जी0एस0टी0 राजस्व संग्रह की समीक्षा किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
क्या है बीसी सखी योजना, 4000 मिलेगी सैलरी
इस स्कीम का लाभ उत्तर प्रदेश के गांवों में रहने वाली महिलाओं को होगा। ये महिलाएं गांवों में लोगों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी। इन पर गांव के लोगों को बैंकिंग के लिए जागरूक करने की भी जिम्मेदारी होगी। ये घर पर ही ग्रामीण बैंकों का काम भी निपटाएंगी। योजना के तहत चुनी गई महिलाओं को 6 महीने तक प्रति माह 4,000 रुपये की सैलरी मिलेगी। इसके अलावा लोगों को बैंकिंग ट्रांजेक्शन कराने के लिए इन्हें कमीशन भी मिलेगा। यह कमीशन ट्रांजेक्शन से जुड़ा होगा।