–संसद अटैक, कांधार कांड, दिल्ली ब्लास्ट, मुबंई ब्लास्ट में थे शामिल
–अक्षरधाम मंदिर हमले में शामिल रहे हैं आतंकवादी
–लश्कर के 5, जैश के 4, हिजबुल के 3, इंडियन मुजाहिद्दीन के 2
–दाउद इब्राहिम की डी-कंपनी से 4 आतंकवादी शामिल
–पाकिस्तान में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं सभी आतंकी
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्दता के तहत और आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति के अंतर्गत 18 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया है। साथ ही उनका नाम उक्त अधिनियम की चौथी अनुसूची में शामिल करने का ऐलान किया है। ये सभी व्यक्ति सीमा पार से आतंकवाद की विभिन्न घटनाओं में शामिल हैं और अपने घृणित कृत्यों से लगातार देश को अस्थिर करने का प्रयास करते रहे हैं। इसमें लश्कर-ए-तोयबा कि 5 आतंकवादी, जैश-ए-मोहम्मद का 4, हिजबुल मुजाहिद्दीन के 3 आतंकवादी, इंडियन मुजाहिद्दीन के 2 और दाऊ द इब्राहिम की डी-कंपनी से 4 आतंकवादी को भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया है। इन लोगों ने संसद अटैक, दिल्ली सीरियल ब्लास्ट, अक्षरधाम मंदिर हमला, मुबंई ब्लास्ट, जयपुर ब्लास्ट, कांधार अपहरण कांड सहित देशभर में हुए बड़े आतंकवादी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
गृह मंत्रालय के मुताबिक इसमें लश्कर-ए-तोयबा से जुड़ा साजिद मीर पाकिस्तान में डेरा डाले लश्कर-ए-तोयबा का कमांडर तथा 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के प्रमुख योजनाकर्ताओं में से एक है। यह साजिद मजीद, वसी, खली, मोहम्मद वसीम के नाम से भी जाना जाता है। लश्कर-ए-तोयबा से ही जुड़ा दूसरा आतंकवादी अब्दुर रहमान मक्की है जो लश्करे प्रमुख हाफीज सईद का साला है। साथ ही लश्कर-ए-तोयबा के राजनीतिक मामलों का अंतर्राष्ट्रीय हेड है। तीसरा आतंकवादी भी लश्कर-ए-तोयबा से जुड़ा है, जिसका नाम शाहिद महमूद उर्फ शाहिद महमूद रहमेतुल्ला है। यह पाकिस्तान में डेरा डालकर प्रतिबंधित संगठन फला-ए-इंसानीयत का डिप्टी चीफ है। पांचवा आतंकवादी भी लश्कर से जुड़ा है जिसकी नाम फरहातुल्ला घोरी उर्फ अबू सूफियाना उर्फ सरदार साहेब फारु है। पाकिस्तान में पनाह लेकर यह अक्षरधाम मंदिर हमला (2002) और वर्ष 2005 में हैदराबाद के टास्क फोर्स आफिस में आत्मघाती हमले में शामिल था। इसी प्रकार जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा अब्दूल राऊफ असघर उर्फ मुफ्ती असघर उर्फ साद बाबा उर्फ मौलाना मुफ्ती राऊफ असघर है। यह भी पाकिस्तान में बैठकर पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर में आतंकवादी कैम्पों की स्थापना में शामिल है। साथ ही 13 दिसम्बर 2001 का संसद भवन हमलें का प्रमुख योजनाकर्ता है। अगला आतंकवादी भी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है, जिसका नाम अथर इब्राहिम उर्फ अहमद अली मोहम्मद उर्फ जावेद अहजद सिददीकी उर्फ ए.ए. शेख है। यह भी पाकिस्तान में डेरा डालकर इंडियन एयरलाइंस के विज्ञान संख्या आई सी.814 के अपहरण (24 दिसम्बर 1999) में शामिल कांधार अपहरण मामले और संसद भवन हमले में शामिल रहा है। इसी मामले से जुड़ा रहा यूसूफ अजहर उर्फ यूसफ मोहम्मद सलीम भी जैश-ए-मोहम्मद से है। अगला आतंकवादी शाहिद लतीफ उर्फ छोटा शाहीद भाई है। यह भी पाकिस्तान में बैठ कर सीयालकोट सेक्टर में लाचिंग कमांडर है। साथ ही भारत में आतंकी हमलों की योजना बनाने, सहूलियत देने और आतंकी हमलों को अंजाम देने में शाामिल है। हिजबुल मुजाहद्दीन से जुड़ा सैयद मोहम्मद युसूफ शाह उर्फ सैयद सलाहूद्दीन साहब है जो पाकिस्तान में डेरा डालकर हिजबुल मुजाहद्दीन का सुप्रीम कमांडर है। साथ ही युनाईटेड जिहाद काउंसील का चेयरमैन है। मुख्य रूप से भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए आतंकी वित्तपोषण में शामिल है।
हिजबुल मुजाहद्दीन से ही जुड़ा आतंकी गुलाम नबी खान उर्फ अमीर खान है जो पाकिस्तान में हिजबुल का उप सुप्रीम कमांडर है। अगला आतंकवादी जफ्फार हुसैन भट्ट उर्फ मोहम्मद जफर खान मौलवी है जो पाकिस्तान में डेरा डाले हिजबुल का उप प्रमुख है। साथ ही हिजबुल के वित्तीय मामलों को देखता है। कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादियों को धन उपलब्ध कराता है।
इंडियन मुजाहद्दीन से जुड़ा 2 खतरनाक आतंकवादी
इंडियन मुजाहद्दीन से जुड़ा रियाज इस्माइल शाहबंदी उर्फ शाह रिजाज अहमद (पासपोर्ट में नाम) उर्फ रियाज भटकल है। यह पाकिस्तान में बैठकर आईएम का संस्थापक सदस्य है। साथ ही हैदराबाद (2007), जयपुर, दिल्ली और अहमदाबाद (2008), हैदराबाद (2013), जर्मन बेकरी (2010), चिन्नास्वामी स्टेडियम बंगलौर (2010), और मुबंई (2011) बम धमाकोकं में शामिल और मुख्य साजिशकर्ता रहा है। आईएम से ही जुड़ा मोहम्मद इकबाल उर्फ शाबन्द्री मोहम्मद इकबाल भटकल है, जिसपर इंडियन मुजाहिद्दीन संगठन के लिए फंड संग्रह की जिम्मेदारी थी। वह जयपुर सीरियल ब्लास्ट (2008), दिल्ली सीरियल ब्लास्ट (2008), अहमदाबाद और सूरत में सीरियल ब्लास्ट (2008), जर्मन बेकरी ब्लास्ट (2010), और चिन्नास्वामी स्टेडियम ब्लास्ट (2010) समेत कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था।
डी-कंपनी से 4 आतंकवादी घोषित
अंडरवल्र्ड (डी कंपनी) से जुड़ा शेख शकील उर्फ छोट शकील भी आतंकवादी घोषित किया गया है, जो पाकिस्तान में पनाह लिए दाऊद इब्राहिम का सहयोगी है। यह डी कंपनी के आपराधिक और अंडरवल्र्ड गतिविधियों का देखरेख करता है। डी कंपनी के भारत स्थित अभियान को धन उपलब्ध कराता है। डी-कंपनी से ही जुड़ा मोहम्मद अनीस शेख है जो दाऊ द इब्राहिम का सहयोगी और छोटा भाई है। 1993 मुबंई बम ब्लास्ट मामले में शािमल तथा हथियार गोला बारूद उपलब्ध कराने में जिम्मेदार रहा। डी-कंपनी से ही जुड़ा इब्राहिम मेमन उर्फ टाईगर मेमन उर्फ मुश्ताक सिकन्दर उर्फ इब्राहीम अब्दुल रजाक मेमन है जो 1993 मुबंई बम धमाकों में शामिल तथा वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहा है। आखिरी आतंकवादी जावेद चिकना उर्फ दाऊद टेलर है, जो डी-कंपनी से जुड़ा है। यह दाऊ द इब्राहिम का साथी है और 1993 मुबंइ्र बम धमाकों में शामिल रहा है।
2019 में 4 और जुलाई 2020 में 9 आतंकवादी घोषित हुए थे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत और सुदृढ नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान को शामिल करने के लिए अगस्त 2019 में विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 मे संशोधन किया था। इस संशोधन से पहले केवल संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद की समस्या का दृढ्ता के साथ मुकाबला करने के राष्ट्र के संकल्प को दोहराया है। संशोधन के बाद केन्द्र सरकार ने अब तक सितम्बर 2019 में 4 व्यक्तियों और जुलाई 2020 में नौ व्यक्तियों को आतंकवादी नामजद किया था।