—स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अपनी पहली पूरी तरह से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू
—ऑनलाइन 1628 दाखिले हुए आवेदन अप्रूवड, 920 ने फीस जमा कराई
-ऑनलाइन प्रक्रिया में छात्रों को हुई परेशानी, छात्र संगठनों की फोन कर समस्याएं बताई
(मानव शर्मा)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए सोमवार को स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अपनी पहली पूरी तरह से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी। इस साल, प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित की जा रही है और विश्वविद्यालय ने छात्रों को व्यक्तिगत रूप से कॉलेज न जाने की सलाह दी है। पहले दिन छात्रों को दाखिले की प्रक्रिया में समस्याओं का सामना करना पड़ा और छात्र परेशान रहें। परेशान छात्रों ने पहले दिन छात्र संगठनों की हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी समस्याएं बताई। पहले दिन 19,086 छात्रों ने दाखिले के लिए आवेदन किया, जिसमें से 1628 दाखिले अप्रूवड कर दिए गए और 920 छात्रों ने अपनी फीस भी जमा करा दी। बता दें कि डीयू ने शनिवार को पहली कटऑफ 100 प्रतिशत पर जारी की थी। जिसके तहत सोमवार से दाखिले शुरू हो गए। प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों की सहायता के लिए प्रत्येक कॉलेज के लिए प्रवेश शाखा अधिकारी, शिकायत निवारण अधिकारी और नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
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प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करने और सर्वश्रेष्ठ चार विषयों के अंकों की गणना करने के लिए दिशानिर्देश डीयू वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं और छात्रों को यह गाना करने में मदद के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर है कि क्या उनके सर्वश्रेष्ठ चार विषयों के कुल अंक प्रतिशत संबंधित कॉलेज के कट-ऑफ मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं।
पहले दिन छात्रों को एडमिशन पोर्टल पर अपने अर्पूा डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने का ऑप्शन हीं नहीं मिल पा रहा थाा,कुछ छात्रों को बेस्ट फोर विषयां के अनुसार अपनी योज्यता जांचने में भी परेशानियां आयी। वहीं बहुत से छात्र अपनी पसंद के कोर्स से संबंधित जानकारी के लिए कॉलेज जाने को व्याकुल दिखे। कई अन्य तकनीकी परेशानियों ने ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया को कठिन बना दिया।
दाखिले में ऑफलाइन आवेदन करने का अवसर मिले:NSUI
एनएसयूआई के वैभव यादव ने बताया कि सुबह से ही हमें हेल्पलाइन नंबर्स पर छात्रों ने कॉल कर अपनी समस्याएं बताई । इनमें से अधिकतर ऑनलाइन पोर्टल में तकनिकी परेशानियों की वजह से ही देखने को मिली। वैभव ने कहा कि उन्होंने स्वयं कई समस्याओं पर संज्ञान लेते हुए छात्रों तरफ से मेल कर विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचित किया।
हर साल प्रक्रिया ऑफलाइन कॉलेज में होती थी तो छात्रों को एक बहतर गाइडेंस एवं मदद मिल पाती थी पर इस साल पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने कि वजह से छात्र परेशान है और अपनी समस्याओं को लेकर कही जा पाने में भी असमर्थ है। हम डीयू से मांग करते है की ऑनलाइन एडमिशन पोर्टल पर आने वाली तकनिकी परेशानियों के कारण दाखिले से वंचित रह जाने वाले छात्रों को ऑफलाइन आकर आवेदन पूर्ण करने का अवसर प्रदान किया जाए अन्यथा उस छात्र के भविष्य कि हत्या कि जि़म्मेदारी सिर्फ दिल्ली विश्विद्यालय प्रशासन की होगी।
OBC सर्टिफिकेट नहीं, छात्रों को हुई दिक्कत
डीयू एकेडेमिक काउंसिल सदस्य डॉ.सुधांशु ने बताया कि सोमवार से जारी दाखिला प्रक्रिया में उन ओबीसी छात्रों को नामांकन नहीं दिया जा रहा है जिनके पास करेंट ईयर का ओबीसी सर्टिफिकेट नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की डीओपीडी ने संदर्भ में स्पस्ट निर्देशित किया है कि किसी भी ओबीसी अभ्यर्थियों की जॉइनिंग या नामांकन इसलिए नहीं रोकी जा सकती कि उनके पास वैलिड सर्टिफिकेट नहीं है। डीओपीडी तो यहां तक कहता है कि प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वो अभ्यर्थियों को न केवल सर्टिफिकेट बनाने का समय दे बल्कि बनाने में मदद भी करे। डीयू पिछले सालों तक प्रोविजनल एडमिशन देकर कैंडिडेट को 15 दिन का समय ओबीसी सर्टिफिकेट बनाने का देता था पर इसबार नहीं दे रहा। आखिर क्यों? ओबीसी कमीशन ने महामारी को देखते हुए वर्तमान साल का सर्टिफिकेट न मांगने का आदेश पहले दे रखा है। हमारी मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन तुरंत इस त्रुटि का सुधार करे और ओबीसी अभ्यर्थियों को वाजिब हकों से वंचित न करे।