—कोविड—19 के खिलाफ जंग के मैदान में उतरा आध्यामिक संगठन
—निरंकारी मिशन ने पेश की इंसानियत की अनोखी मिसाल
—देशभर में हर दिन 5 लाख लोगों को ताजा बांटा जाता है लंगर
—मिशन की सभी 95 ज़ोनों, 3000 शाखाओं पर खाद्य सामग्री एवं भोजन वितरण
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : दुनियाभर में आई वैश्विक आपदा कोविड—19 के खिलाफ जंग के मैदान में उतरे देश के ऐतिहासिक आध्यात्मिक संगठन संत निरंकारी मंडल ने इंसानियत की अनोखी मिसाल पेश की है। मिशन की ओर से हर दिन लगभग 5 लाख लोगों को ताजा तैयार किया हुआ लंगर बाँटा जा रहा है। इसके अलावा संत निरंकारी मंडल की सभी 95 ज़ोनों पर और 3000 से अधिक शाखाओं पर खाद्य सामग्री एवं भोजन वितरण की सेवा निरंतर जारी है। इन जगहों पर निरंकारी मिशन के स्वयंसेवक रोजाना लाखों लोगों को सूखा राशन और लंगर प्रदान कर रहे हैं।
यह सबकुछ मिशन की प्रमुख सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आर्शीवाद से संभव हो सका है। वह खुद पूरे अभियान की निगरानी कर रही हैं। उनकी देखरेख में देश और दुनिया में निरंकारी भक्त मानवता की एक अलग मिशाल पेश कर रहे हैं। सतगुरु माता का मानना है कि इस आपदा में कोई भी इंसान भूखा जा सोए। निरंकारी मिशन ने हरियाणा, उत्तराखंड, महाराष्ट सहित कई राज्यों को 50—50 लाख रुपये आर्थिक सहायता भी दी। इसके अलावा प्रधानमंत्री राहत कोष में 5 करोड रुपये भी दान स्वरूप सहयोग किया।
90 वर्षों से समाज के उत्थान में जुटा मिशन
वैसे तो संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक जागरुकता के अपने मूल विचारधारा के साथ पिछले 90 वर्षों से समाज के सामाजिक उत्थान, राहत और पुनर्वास में योगदान दे रहा है। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज इस प्रेम भाईचारे वाले मिशन को आगे लेकर जा रहे हैं। सद्गुरु माता ने भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए कहा है कि हमें सेवा करते समय स्वास्थ्य एजेंसियों और सरकारी निर्देशों का बारीकियों से पालन करना है।
मिशन के सेवादार हर जरूरतमंद तक पहुंच रहे
संत निरंकारी मिशन के प्रबंधक एवं सेवादार देश भर के लाखों भाइयों और बहनों तक पहुचे जो कोरोनो वायरस के वैश्विक प्रसार एवम देश में पूर्ण लॉकडाउन से प्रभावित हुए है। मिशन के सेवादार हर जरूरतमंत तक पहुंच रहे हैं। दिल्ली में भी अनेको ब्रांचो और निरंकारी सरोवर के पास रोज़ाना हज़ारो परिवारों के लिए लंगर बनाया जा रहा है। यहाँ से लंगर दिल्ली के अनेको जगह पर बांटा जाता है और विभिन्न सामाजिक संगठन, पुलिस विभाग इत्यादि को वितरित किआ जाता हैं।
मिशन के लिए खास है अप्रैल का महीना
अप्रैल का महीना संत बाबा गुरुबचन सिंह जी तथा सैकड़ो ऐसे श्रद्धालु भक्तो को श्रर्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने सत्य, प्रेम, शांति तथा मानव एकता के लिए अपने प्राणो की आहुति दी। मिशन द्वारा प्रथम रक्तदान शिविर का आयोजन दिल्ली में वर्ष 1986 के नवंबर माह में वार्षिक निरंकारी संत समागम के अवसर पर किया गया और ये मानव कलया का सिलसिला अब तक जारी है।
चैरिटेबल फाउंडेशन ने सरकारों को दिए पीपीई किट एवं मास्क
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन एक हेल्पलाइन के माध्यम से नागरिकों को चिकित्सा सलाह और सहायता प्रदान कर रही है, जिसमें मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम सहित अन्य अस्पतालों के मेडिकोज के साथ मिशन के विभिन्न डॉक्टरों द्वारा भाग लिया जा रहा है। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने दिल्ली सरकार को 10000 पीपीई किट भी दिए हैं। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए। इसी तरह जबलपुर शाखा ने शहर के कलेक्टर के लिए 4200 मास्क तैयार किए और सौंपे। फाउंडेशन ने प्रवासी श्रमिकों को राशन आदि प्रदान करने का काम किया है। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों को कोरेंटिन केंद्र के रूप में रखा गया है। ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी के इस पल में रक्तदान करने के लिए भी फाउंडेशन आगे आया है और देश/विदेश के अनेको प्रांतो में रक्तदान शिविर लगाए जा रहे हैं ताकी इस महामारी के समय रक्त की कोई कमी न हो ।
मिशन के सत्संग भवनों में बनाया कोरेंटिन केंद्र
संत निरंकारी मिशन ने अपने सत्संग भवनों को भी राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जरूरत पड़ने पर कोरेंटिन केंद्रों के रूप में उपलब्ध कराने की पेशकश की है। यमुना नगर भवन का उपयोग पहले से ही कोरेंटिन केंद्र के रूप में किया जा रहा है। संत निरंकारी मिशन प्रार्थना करता है की चारों तरफ खुशहाली हो, और ये आपदा जल्द ही समाप्त हो।
दिल्ली के निरंकारी कालोनी में चल रही है अदभुत रसोईं
कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन करने के बाद दिल्ली में गरीबों और प्रवासी मजदूरों के समक्ष खाने की बडी समस्या हो गई। यह समस्या बहुत बिकराल थी, जो तुरंत हाल होने वाली नहीं थी। इसको देखते हुए मिशन की प्रमुख सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने हाथ बढाया और दिल्ली के निरंकारी कालोनी के पास ग्रांउड नंबर—8 में अदभुत रसोई शुरू कर दिया। इस विशाल रसोई से करीब 27000 लोगों का पका हुआ खाना रोजाना तैयार होने लगा। यहीं से समाजसेवी संगठनों, पुलिस और राजनीतिक दल के लोग सुबह—शाम ले जाने लगे।
इसके अलावा दिल्ली एनसीआर के 57 निरंकारी भवनों से सेवाएं दे रहा है। मिशन के मीडिया सहायक अनिल निरंकारी एवं अमनदीप के मुताबिक पूरे भारतवर्ष में हमारी 3000 शाखाएं हैं जिससे 500000 घरों का पका हुआ और सूखा खाना पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा विदेशों में भी हमारे 500 से ज्यादा निरंकारी भवन हैं जहां से सेवाएं जारी हैं।