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Friday, November 22, 2024

PM मोदी का शाहीनबाग पर अटैक बोला… संयोग नहीं, प्रयोग है

-प्रदर्शन के पीछे सौहार्द को खंडित करने वाली राजनीति की डिजाइन
–नागरिकों को भड़का रहे हैं आप और कांग्रेस
– तिरंगा की आड़ में तोड़ रहे हैं देश : मोदी
-प्रदर्शनकारी कोर्ट की बात नहीं मानते, बातें करते हैं संविधान की
–कुछ लोग आए थे राजनीति बदलने, उतर चुका है उनका नकाब
-सीएए के विरोध-प्रदर्शन को लेकर आप और कांग्रेस पर बोला हमला

(खुशबू पाण्डेय)

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi)  ने आज दिल्ली के कड़कडड़ूमा, शहादरा में विधानसभा चुनावों के लिए पहली चुनावी रैली की। साथ ही दिल्ली के विकास के लिए प्रदेश में भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की सरकार बनाने की अपील की। मोदी ने कहा कि दिल्ली के लोगों का मन क्या है, ये स्पष्ट दिखाई दे रहा है। लोकसभा चुनाव में सातों की सातों सीटें देकर दिल्ली की जनता ने तब भी बता दिया था कि वे किस दिशा में सोच रहे हैं। दिल्ली की जनता के वोट ने देश बदलने में मदद की है, अब उनका वोट दिल्ली को भी बदलेगा, उसे और आधुनिक बनाएगा एवं सुरक्षित बनाएगा। पीएम ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा और राजधानी के विकास के लिए केंद्र की योजनाओं से लेकर नागकिता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में चल रहे धरना प्रदर्शन को लेकर घेरा।

PM मोदी का शाहीनबाग पर अटैक बोला... संयोग नहीं, प्रयोग है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग (Shaheen Bagh) , बीते कई दिनों से नागरिकता कानून (CAA) को लेकर प्रदर्शन हुए। क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग है। नहीं, ये एक प्रयोग है। इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजाइन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है। ये सिर्फ एक कानून का विरोध होता तो सरकार के तमाम आश्वासनों के बाद समाप्त हो जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नागरिकों को भड़का रहे हैं। संविधान और तिरंगे को सामने रखते हुए ज्ञान बांटा जा रहा है और असली साजिश से ध्यान हटाया जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा-तोडफ़ोड़-आगजनी पर हमेशा सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों ने अपनी नाराजगी जताई है, लेकिन ये लोग अदालतों की परवाह नहीं करते हैं। ये कोर्ट की बात नहीं मानते और बातें करते हैं संविधान की। इस वजह से दिल्ली से नोएडा आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की जनता इसे देख भी रही है, समझ भी रही है। वो साईलेंट (चुप) है और वोटबैंक की इस राजनीति को देखकर परेशान भी है। इस मानसिकता को यहीं रोकना जरूरी है।

पीएम मोदी ने कहा कि साजिश रचने वालों की ताकत बढ़ी तो फिर कल किसी और सड़क, किसी और गली को रोका जाएगा। लिहाजा, हम दिल्ली को इस अराजकता में नहीं छोड़ सकते। इसको रोकने का काम सिर्फ दिल्ली के लोग कर सकते हैं, भाजपा को दिया गया वोट कर सकता है।

कुछ लोग राजनीति बदलने आए थे…

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बगैर उनकर कई हमले बोले। साथ ही कहा कि कुछ लोग राजनीति बदलने आए थे लेकिन आज उनका नकाब अब उतर चुका है। उनका असली रंग, रूप, और मकसद, उजागर हो गया है। जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, तब कांग्रेस और दिल्ली प्रदेश की सत्ता में बैठे लोग शक कर रहे थे कि हमारे जवानों ने आतंकियों को घर में घुस कर मारा भी है या नहीं। एक समय था जब दिल्ली में आए दिन आतंकी हमलों की वजह से, बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे जाते थे। देश के सुरक्षाबलों और दिल्ली के लोगों की सतर्कता से अब ये हमले होने रुक गए हैं लेकिन याद करिए, जब इन्हीं हमलों के गुनहगारों को दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस में मार गिराया, तो उसे फर्जी एनकाउंटर कहा गया और दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।

PM मोदी का शाहीनबाग पर अटैक बोला... संयोग नहीं, प्रयोग है

पीएम मोदी ने कहा कि यही वे लोग हैं जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की इच्छा रखने वालों को आज तक बचा रहे हैं। क्या दिल्ली के लोग ये भूल सकते हैं? इसकी वजह है इनकी वोटबैंक और तुष्टिकरण की तुच्छ राजनीति। क्या ऐसे लोग दिल्ली में विकास के लिए सुरक्षित वातावरण दे सकते हैं? यह रैली पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के तहत आने वाली 20 विधानसभा सीटों पर खड़े उम्मीदवारों के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए की थी।

सरकार बनने के बाद दिल्ली का तेज विकास होगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राज्य सरकार बनने के बाद, दिल्ली और यहां के लोगों के विकास को और तेज किया जाएगा। दुकानों-दफ्तरों को फ्रीहोल्ड कराने से जुड़े फैसले हों, सीलिंग पर प्रशासनिक और कानूनी कदम हों या फिर दिल्ली को पानी के टैंकर और कचरे के ढेरों से मुक्त करने का अभियान, पूरी ताकत से इन क्षेत्रों में काम होगा। 8 फरवरी को दिल्ली को और सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए और दिल्ली को बदलने के लिए कमल का बटन दबाइए, शान से कमल खिलाइए।

दिल्ली में लागू नहीं होने दी स्वास्थ्य व आवास योजना

पीएम मोदी ने कहा कि अब दिल्ली और देश के हर जिले में जन-औषधि केंद्र खोला जाएगा। इन दुकानों में डायबिटीज से लेकर दूसरी गंभीर बीमारियों की 2 हजार दवाइयाँ बाजार से बहुत सस्ते दामों पर मिलती हैं लेकिन अफसोस, दिल्ली के लोगों के साथ स्वास्थ्य जैसे गंभीर विषय में भी राजनीति की गई है। यहां दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को लागू ही नहीं होने दिया जा रहा। दिल्ली के केंद्र सरकार के अस्पतालों में गरीबों का 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज हो सकता है, लेकिन राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं। क्या राजनीति, मानवता से भी बड़ी हो गई है? दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना नहीं, दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास योजना नहीं। दिल्ली में सरकारी बस सेवा खस्ताहाल, दिल्ली में नई मेट्रो लाइनों पर राजनीति, ऐसी दिल्ली तो दिल्ली के लोगों ने नहीं चाही थी।

नीयत साफ होती है, तभी लिए जाते हैं फैसले

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब नीयत साफ होती है, तभी फैसले लिए जाते हैं, तभी सही विकास हो पाता है। 21वीं सदी में दिल्ली का विकास और तेज गति से हो, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो, ट्रांसपोर्ट के आधुनिक साधनों का विस्तार हो, आधुनिक शिक्षा व्यवस्थाएं हों, दिल्ली सुरक्षित हो-और समृद्ध हो, यही हमारी प्राथमिकता है। शनिवार को जो बजट आया है, वह केवल इस साल के लिए ही नहीं बल्कि इस पूरे दशक को नई दिशा देने वाला है। इस बजट का लाभ दिल्ली के नौजवानों, दिल्ली के व्यापारियों, मध्यम वर्ग, गरीब वर्ग और महिलाओं, सब को होगा।

बिहार और पूर्वांचल के लोगों के लिए ऐसी दुर्भावना?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुन रहा था। वे कह रहे थे कि पटना से आने वाली बसों को दिल्ली में आने की अनुमति देने से ही मना कर दिया गया है। बिहार के लोगों के लिए, पूर्वांचल के लोगों के लिए ये कैसा पूर्वाग्रह है, जो इस तरह के फैसले करवाता है? यही वो लोग हैं, जो कहते हैं कि पूर्वांचल से 500 रुपए का टिकट लेकर बिहारी आता है और लाखों का इलाज करा कर चला जाता है। पूर्वांचल के लोगों के प्रति, बिहार के लोगों के प्रति यही इनकी सोच है। संसार भर में भारत के सामथ्र्य को बढ़ाने में बिहार के लोगों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। दिल्ली हो या देश का कोई भी कोना, हर क्षेत्र में बिहार के लोग सर्वोत्तम करते दिखेंगे लेकिन उनसे भी ऐसी नफरत? बिहार और पूर्वांचल के लोगों के लिए ऐसी दुर्भावना?

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