–नगर कीर्तन पाकिस्तान ले जाते समय वाघा बार्डर में रोका था पुलिस ने
–सरना ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती, अदालत ने किया खारिज
–नगर कीर्तन में व्यवधान डालने के लिए विरोधियों की थी साजिश
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : शिरेामणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना (Paramjit Singh Sarna) को आज दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) की ओर से बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस के ‘इकोनॉमिक ऑफ विंग की ओर से जारी हुआ लुकआउट नोटिस को अदालत ने रद्द कर दिया। श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर दिल्ली से ननकाना साहिब जाने वाले नगर कीर्तन में शामिल होने से दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना को पाकिस्तान जाने से रोका गया था। इसका आधार सरना के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जारी किया गया लुकआउट नोटिस बताया गया था। नतीजन सरना पाकिस्तान में कदम नहीं रख सके और वाघा बार्डर से वापस आ गए थे।
इसके बाद पार्टी महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने नगर कीर्तन की अगुआई की और उसे सफलतापूर्वक श्री ननकाना साहिब तक ले कर गए। पाकिस्तान न जा पाने से खफा परमजीत सिंह सरना ने इस लुकआउट नोटिस को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उस समय अंतरिम आदेश देते हुए सरना को पाकिस्तान के ननकाना साहिब जाने की इजाजत दे दी थी। लेकिन आज हाईकोर्ट ने आर्थिक अपराध शाखा के द्वारा जारी लुकआउट नोटिस को रद कर दिया है। दरअसल, परमजीत सिंह सरना के प्रधानगी कार्यकाल के दौरान एक ट्रस्ट बनाकर बाला साहिब अस्पताल का प्रबंध बीएल कपूर को सौंपा गया था। इसको उस समय अकाली दल के वरिष्ठ नेता कुलदीप सिंह भोगल ने अदालत में चुनौती दी थी।
इस मामले में एक एफआईआर थाना सनलाइट कालोनी में कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई थी। इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा अभी तक कर रही है। इसी एफआईआर के साथ ही सरना के खिलाफ सरकारी संपत्ति पर पोस्टर चिपकाने के चल रहे कुछ मामलों को लेकर लुकआउट नोटिस जारी किया गया था।
नगर कीर्तन को पाकिस्तान जाने से रोकने के लिए किया था
नोटिस के रद होने के बाद परमजीत सिंह सरना ने कहा कि दिल्ली चुनाव से अकाली दल को बाहर निकालने के दो दिन बाद आज अकाली दल को फिर बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकी झूठी शिकायतों की परवाह न करते हुए लुकआउट नोटिस को रद कर दिया है। सरना ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने यह नोटिस बादल परिवार तथा उनके खास मनजिंदर सिंह सिरसा के दबाव में नगर कीर्तन को पाकिस्तान जाने से रोकने के लिए किया था। इससे यह साबित हो गया है कि सारे आरोप फर्जी थे, और सिर्फ नगर कीर्तन को जाने से रोकने के लिए यह सारा प्रपंच रचा गया था। सरना ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है, लिहाजा कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।