– सिखों ने दी धमकी-सिर कटवा सकते हैं और सिर काट भी सकते हैं
–पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर जताया विरोध, सौंपा ज्ञापन
–पाकिस्तान मुर्दाबाद, इमरान खान-झूठ की खान के नारे लगाए
–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार, पाकिस्तान पर कार्रवाई का बनाएं दबाव
–सिखों ने भारत के राजनीति दलों से भी किया आह्वान, हों एकजुट
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली : सिखों के पहले गुरू श्री गुरुनानक देव जी के जन्म स्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारा (पाकिस्तान) पर हुए हमले के विरोध में सिखों ने शनिवार को दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही पाकिस्तान सरकार (Government of Pakistan) को वहां रहते सिखों की सुरक्षा, हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की। भड़के सिखों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जताया और पाकिस्तान मुर्दाबाद, इमरान खान मुर्दाबाद के नारे लगाए।
प्रदर्शनकारी हाथों में पाकिस्तान विरोधी नारो वाली तख्तियां लेकर चल रहे थे, जिसमें भारी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय भाईचारे से भी अपील की कि वह पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाए, ताकि पाकिस्तान सिख भाईचारा जिसमें रोजाना गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने वाले श्रद्धालु और पाकिस्तान में रहने वाले सिख परिवार शामिल हैं, की सुरक्षा के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाये जायें।
सिखों नेे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह से भी गुहार लगाई कि वर सरकारी स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाए, ताकि वहां रहते सिखों एवं अन्य धर्म के लोगों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा सिखों ने भारत के सभी राजनीतिक राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वह पार्टी लाइन से हटकर इस मामले में एकजुट होकर साथ आएं और पाकिस्तान की करतूत को दुनिया के सामने सार्वजनिक करें। विरोध प्रदर्शन की अगुवाई शिरोमणि अकाली दल के नेता एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने की।
सिरसा ने कहा कि अगर सरकार ने कदम ना उठाया तो फिर सिख भाईचारा सीधे ही इन गुंडो के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिसने श्री ननकाणा साहिब, गुरुद्वारा साहिब पर पथराव किया व गुरुद्वारा साहिब की बजाय मस्जिद का निर्माण करने, श्री ननकाणा साहिब से सभी सिखों को भगाने व श्री ननकाणा साहिब का नाम बदल कर गुलाम अली मुस्तफा रखने का ऐलान किया है। दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि सिख भाईचारा ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं। सिरसा ने पाकिस्तान को याद दिलाया कि गुरुघर का निरादर करने वाले मस्से रंघण का सिर सिंह काट कर ले आये थे तो फिर यह मुहम्मद हसन क्या चीज है। सिरसा ने ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर हुई घटना को शर्मनाक बताया है। साथ ही कहा कि हमारे पवित्र स्थानों पर किसी प्रकार के हमले को सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं करेगा और पाकिस्तान हमें धमकी देने का किसी भी तरह से प्रयास नहीं करे। ननकाना साहिब की घटना ने पूरे सिख समुदाय को झकझोर कर रख दिया है और हम पाकिस्तान में अपने सिख भाईयों के साथ खड़े हैं।
अकाली दल वर्कर और सिख संगत मौजूद
इस मौके पर दिल्ली कमेटी महासचिव हरमीत सिंह कालका, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीबी रणजीत कौर, सयुंक्त सचिव हरविंदर सिंह के.पी सहित कमेटी सदस्य- जगदीप सिंह काहलों, परमजीत सिंह चंडोक, विक्रम सिंह रोहिणी, भुपिंदर सिंह भुल्लर, जतिंदरपाल सिंह गोलडी, अमरजीत सिंह पिंकी, ओंकार सिंह राजा, गुरमीत सिंह भाटिया, रमिंदर सिंह स्वीटा, मनमोहन सिंह, जतिंद्र सिंह शंटी, रविंदर सिंह खुराना, जसप्रीत सिंह विक्की मान, सतबीर सिंह गगन, राजिंद्र सिंह शान, इन्द्रप्रीत सिंह, अवनीत सिंह सहित बड़ी गिनती में अकाली दल वर्कर और सिख संगत मौजूद रही।
आरोपियों पर पाकिस्तान करे सीधी कार्रवाई, अन्यथा कुर्बानी को तैयार
सिख समुदाय के सदस्यों ने पाकिस्तान उच्चायोग को सौेंपे मांगपत्र में मांग की गई कि पाकिस्तान सरकार (Government of Pakistan) पाकिस्तान में कानून लागू करने वाली एजेंसियों की असफलता के पीछे कारण बताये और इसमें पाकिस्तान सरकार को कहा गया कि वह गुरुद्वारा श्री ननकाणा साहिब पर पथराव के लिए जिम्मेवार लोगों (जिन्होंने हिंसा की व गुडागर्दी की) के खिलाफ पाकिस्तान सरकार तुरंत सीधी कार्रवाई करे। मांगपत्र में कहा गया कि सिख भाईचारा गुरुद्वारा साहिब की पवित्रता बरकरार रखने के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी देने या लेने के लिए तैेयार हमेशा तैयार है। सिख धर्म का जन्म ही औरंगजेब, जकरीया खान व वजीर खान जैसे मुगलों द्वारा किये गये जुल्म के खिलाफ लहर के रूप में हुआ है और सिख जुल्म से सख्ती के साथ निपटना जानते हैं, जिसकी प्रत्यक्ष मिसाल बाबा बघेल सिंह हैं, जिनके द्वारा भारत से मुगल राज की समाप्ती कर दी गई। अगर पाकिस्तान ने इस मामले में कार्रवाई ना की तो फिर से इतिहास दोहराया जायेगा।
प्रधानमंत्री इमरान खान की चुप्पी पर उठाए सवाल
प्रदर्शनकारियों ने इस मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की चुप्पी पर भी सवाल उठाये। साथ ही कहा गया कि इमरान खान सोशल मीडिया पर हर समय सक्रिय रहते हैं लेकिन इस मामले पर चुप्पी क्यों धारण की हुई है? उन्होंने कहा कि जिस भाषा का इस्तेमाल पाकिस्तान सरकार व आईएसआई द्वारा प्रमोट किये गये गुंडो ने की है उन्हें सिख उसी भाषा में जवाब देने के लिए तत्पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिदधू से भी अपील की कि वह बाहर आएं और अपने मित्र एवं पाक प्रधानमंत्री इमरान खान से कार्रवाई का दबाव बनाएं।
प्रदर्शनकारियों ने घटना के खिलाफ की नारेबाजी
शर्म करो पाकिस्तान, शर्म करो इमरान खान, न कभी डरे हैं, न कभी डर कर रहेंगे। पाकिस्तान का मजहबी चेहरा बेनकाब करेंगे। जगजीत कौर का धर्म बदला गया-शर्म करो पाकिस्तान, शर्म करो इमरान खान। प्रदर्शनकारी सिखों ने प्रदर्शन स्थल पर ही बीच सड़क पर लंगर भी लगाया।