नई दिल्ली/ अदिति सिंह : भारतीय रेलवे (Indian Railways) अगले पांच साल के भीतर 250 से अधिक वंदे भारत एक्सप्रेस और 300 से अधिक अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाएगी और देश में रेलवे पटरियों की लंबाई डेढ़ लाख ट्रैक किलोमीटर से अधिक हो जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने आज यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर संस्करण का ढांचा बन चुका है और अब साजसज्जा की जा रही है। दो माह के भीतर इसके ट्रायल यानी परीक्षण शुरू हो जाएंगे। अगले छह माह के भीतर ये गाड़ी पटरियों पर दौड़ने लगेगी। उन्होंने कहा कि वंदे भारत के मौजूदा चेयरकार संस्करण के परिचालन के अनुभवों के आधार पर निरंतर सुधार की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत के स्लीपर संस्करण में गुरुत्वाकर्षण का केन्द्र ऊंचा होने के कारण उसे संतुलित करने के लिए नीचे के बेस को भारी बनाना जरूरी है।
—रेलवे पटरियों की लंबाई डेढ़ लाख ट्रैक किलोमीटर से अधिक हो जाएगी
—वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर संस्करण का ढांचा बन चुका है और अब साजसज्जा की जा रही
वंदे भारत के स्लीपर संस्करण और चेयरकार के नये संस्करण में मोटर की डिज़ायन और बोगी की डिज़ायन में सुधार किया गया है और मोटर में धूल मिट्टी और पत्थर आने की समस्या का समाधान किया गया है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत के स्लीपर संस्करण 16, 20 या 24 कोच वाले सेट होेंगे। वैष्णव ने कहा कि गैर वातानुकूलित स्लीपर एवं जनरल कोच वाली अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन के दो सेट की कामयाबी के बाद उसके निर्माण को गति दी गयी है। लक्ष्य है कि 2029 के पहले 300 से 400 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेट और 250 से 300 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेट (चेयरकार एवं स्लीपर दोनों सेट) बना कर पटरियों पर चलेंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे अल्प आय वर्ग से लेकर मध्यम आय वर्ग के यातायात का साधन है और उनकी सुविधाओं में लगातार विस्तार के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नये ट्रेन सेटों और नयी गाड़यिों के आने के साथ साथ ही रेलवे पटरियों के नेटवर्क का विस्तार हो रहा है। बीते वर्ष 5300 किलोमीटर नयी पटरियां बिछायीं गयीं हैं। इस समय भारतीय रेलवे की पटरियों की लंबाई एक लाख 30 हजार ट्रैक किलोमीटर और 75 हजार रूट किलोमीटर से अधिक हो गयी है। आगामी पांच साल में सालाना पांच हजार किलोमीटर पटरियां बिछाने की योजना है। यानी पांच साल में रेलवे नेटवकर् डेढ़ लाख ट्रैक किलोमीटर से अधिक हो जाएगा।
छह हजार किलोमीटर के मार्ग पर कवच लगाने का काम
वैष्णव ने कहा कि नेटवक की क्षमता का विस्तार होने के बाद नयी गाड़यिों को तेज गति से चलाना संभव होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षित यात्रा के लिए छह हजार किलोमीटर के मार्ग पर कवच लगाने का काम द्रुत गति से चल रहा है और अब दस हजार किलोमीटर मार्ग को कवच से लैस करने के लिए निविदा लाने की तैयारी की जा रही है। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि इस वर्ष गर्मियों के सीज़न में रेलवे ने अब तक रिकॉर्ड संख्या में 19 हजार 837 विशेष ट्रेनें चलायीं गयीं हैं जिनमें चार करोड़ से अधिक यात्रियों ने यात्रा की है।