नई दिल्ली/खुशबू पाण्डेय : लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय चुनाव आयोग (Central election commission) के समक्ष शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए 4 चुनौतियां मुख्य हैं, जिससे निपटने के लिए आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है। आयोग ने ‘4एम’ का भी जिक्र किया है। इसे आयोग ने अपने लिए चुनौती माना है, लेकिन इसके साथ ही, उससे निपटने का रास्ता भी ढूंढ़ लिया है। इसमें मसल, मनी, मिस इंफॉर्मेशन और एमसीसी उल्लंघन का जिक्र किया है। आयोग ने मुफ्त की रेवड़ी पर सख्ती और चुनावों के दौरान धनबल और बाहुबल के इस्तेमाल पर सख्ती से नकेल कसने के लिए सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिया है। आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन पर विशेष जोर दिया है।
—चुनाव आयोग के समक्ष ‘4एम’, सबसे बडी चुनौतियां
—मसल, मनी, मिस इंफॉर्मेशन और एमसीसी उल्लंघन पर फोकस
—रेल, सड़क, पाताल और आसमान से आने वालों पर रहेगी नजर
—अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी
—डबल वोटिंग मामले में भी सख्त कार्रवाई होगी
—चुनावी क्षेत्रों में उतरने वाले चार्टर्ड विमानों और हेलीकॉप्टरों की चेकिंग होगी
इन सभी समस्याओं के निपटारे के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों के ऐलान से पहले ही तैयारियां कर ली थी और आज से चुनाव आयोग के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू हो जाएगी। आयोग ने देशभर में चुनाव के दौरान मसल पावर को कंट्रोल करने के लिए सीएपीएफ की तैनाती पर्याप्त संख्या में और कड़ी की है। इस बार चुनाव से पहले नया प्रयोग किया जा रहा है। दरअसल, इस बार किसी प्रकार की हिंसा और खूनी-खेल को रोकने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए ग्रीवांस पोर्टल और कंट्रोल रूम में एक सीनियर अधिकारी को तैनात किया जाएगा, जो किसी भी तरह की शिकायत आने पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करेंगे। जहां से भी अवैध सामान पहुंच सकता है, उन सभी जगहों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कई जगहों पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। डबल वोटिंग मामले में भी सख्त कार्रवाई होगी। इसके अलावा धन/ पैसों को आयोग ने विशेष नजर रखने को कहा है। एक साल के भीतर हुए विधानसभा चुनावों के दौरान 3400 करोड़ रुपये का कैश जब्त किया गया है, जो पूर्व चुनाव से करीब 800 गुना ज्यादा है। आयोग की माने तो राज्यों में बल प्रयोग ज्यादा होता है, तो वहीं कुछ राज्यों में धन का प्रयोग बहुत ज्यादा किया जाता है।इसको लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक की गई है। जीएसटी, एक्साइज, इनकम टैक्स, एसएसबी, नारकोटिक्स और जहां से भी मुफ्त रेवड़ी आने की गुंजाइश है, वहां कड़ी निगरानी की जाएगी। सड़क मार्ग से पैसे ले जाने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। जिन राज्यों में कमर्शियल के अलावा अन्य एयर स्ट्रिप हैं, वहां उतरने वाले चार्टर्ड विमानों और हेलीकॉप्टरों की चेकिंग होगी। रेलवे में भी कड़ी जांच की जाएगी।
गलत जानकारी दी तो होगी कार्रवाई
लोकसभा चुनावों के दौरान गलत जानकारी देने वालों पर भी निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए सोशल मीडिया पर भी खास फोकस रखा गया है। गलत होने पर आलोचना करना स्वीकार्य है, लेकिन गलत जानकारी नहीं देनी है। किसी भी तरह की गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। आईटी एक्ट के सेक्शन 69 के तहत सभी प्रदेशों को सोशल मीडिया पोस्ट हटवाने का अधिकार दिया जाएगा। इस बात का भी खास ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी प्रकार के पोस्ट से माहौल खराब होता है, तो पोस्ट को लेकर एकजुट करने का काम किया जाएगा।चुनाव आयोग एवं खुद मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदाताओं से अपील की है कि सोशल मीडिया बहुत बड़ा झूठ का बाजार है, इसे आगे न बढ़ाएं। इसके लिए फैक्ट चेक किया जाएगा।