देहरादून /धीरेंद्र शुक्ला । उत्तराखंड विधानसभा (विस) के देहरादून स्थित विधान भवन में मंगलवार को राज्य के वित्त मंत्री डा प्रेमचन्द अग्रवाल ने वर्ष 2024-25 का अंकन 89230.07 करोड़ रुपए वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। डा अग्रवाल ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2024-25 में कुल व्यय नवासी हजार दो सौ तीस करोड़ सात लाख रुपये (89230.07 करोड़) अनुमानित है। कुल अनुमानित व्यय में से पचपन हजार आठ सौ पन्द्रह करोड़ सतहत्तर लाख रुपये (55815.77 करोड़) राजस्व लेखे का व्यय है तथा तेंतीस हजार चार सौ चौदह करोड़ तीस लाख रुपये (33414.30 करोड़) पूंजी लेखे का व्यय है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 के बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है, बल्कि चार हजार सात सौ सैंतीस करोड़ तेरह लाख रुपये (4737.13 करोड़) का राजस्व सरप्लस सम्भावित है एवं नौ हजार चार सौ सोलह करोड़ तैतालिस लाख रुपये (9416.43 करोड़) का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो कि सकल राज्य घेरलू उत्पाद का 2.38 प्रतिशत है।
—बजट में गरीबों के कल्याण, आपदा से बचाव, बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर
—सभी जिलों में हवाई संपर्क सुधारने, स्कूली शिक्षा के लिए 339.50 करोड़ रुपये आवंटित
यह एफ0आर0बी0एम0 एक्ट में निर्दिष्ट सीमा के अन्तर्गत है। उन्होंने वर्ष 2024-25 के अनुमानित प्रारम्भिक शेष छ: करोड़ सोलह लाख रुपये (6.16 करोड़) धनात्मक तथा वर्ष का अन्तिम शेष तिहत्तर करोड़ बीस लाख रुपये (73.20 करोड़) धनात्मक रहना अनुमानित है। डा अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह बजट अग्रणी उत्तराखण्ड की अवधारणा पर आधारित है।‘अग्रणी उत्तराखण्ड’की हमारी अवधारणा परंपरा व प्रौद्योगिकी के तथा आधुनिक अवसंरचना व प्रकृति के साथ तालमेल रखते हुए सभी प्रदेशवासियों का और सभी क्षेत्रों का विकास करना है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास गाँव और शहर, पहाड और मैदान, स्त्री व पुरूष, युवा व बुजुर्ग, किसान और उद्यमी सबको बेहतरी के अवसर प्रदान करने का है। उन्होंने कहा कि विकास का यह मॉडल इकोनॉमी, इकोलॉजी, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन एवं एकाउंटिबिलिटी पर आधारित है। यह पारदर्शिता और दक्षता, नागरिकों के लिए बेहतर जीवन, सुगमता और कारोबारी सुगमता को समर्पित बजट है। डा अग्रवाल ने कहा कि यह बजट एक ऐसी अवंसरचना का निर्माता है, जो वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रख कर निर्मित होगा। सशक्त उत्तराखण्ड के लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से प्राप्त करने में सहायक होगा तथा सत्त विकास के लक्ष्यों को तीव्रगति से प्राप्त किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारी मंजिल सशक्त उत्तराखण्ड है। ‘अग्रणी उत्तराखण्ड’ हमारी सरकार का विकल्प रहित संकल्प है। वित्त मंत्री डा अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसमें कुल प्राप्तियाँ अठ्ठ्ठासी हजार पांच सौ सत्तानवे करोड़ ग्यारह लाख रुपये (88597.11 करोड़) अनुमानित हैं। जिसमें साठ हजार पांच सौ बावन करोड़ नब्बे लाख रुपये (60552.90 करोड़) राजस्व प्राप्तियाँ तथा अठ्ठाइस हजार चौवालिस करोड़ एक्कीस लाख रुपये (28044.21 करोड़) पूंजीगत प्राप्तियाँ हैं। डा अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व छत्तीस हजार एक सौ छियालिस करोड़ सैंतालिस लाख रुपये (36146.47 करोड़) है जिसमें केन्द्रीय करों में राज्य का अंश तेरह हजार छ: सौ सैंत्तीस करोड़ पन्द्रह लाख रुपये (13637.15 करोड़) सम्मिलित है। उन्होंने बताया कि राज्य के स्वयं के स्रोतों के कुल अनुमानित राजस्व प्राप्ति सत्ताईस हजार तीन सौ बयासी करोड़ सत्तर लाख रुपये (27382.70 करोड़) में कर राजस्व बाइस हजार पाँच सौ नौ करोड़ बत्तीस लाख रुपये (22509.32 करोड़) तथा करेत्तर राजस्व चार हजार आठ सौ तिहत्तर करोड़ अड़तीस लाख रुपये (4873.38 करोड़) अनुमानित है।
वित्त मंत्री ने बजट में व्यय संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 में ऋणों के प्रतिदान (अर्थोपाय अग्रिम सहित) पर उन्नीस हजार एक सौ छत्तीस करोड़ तिरपन लाख रुपये (19136.53 करोड़), ब्याज की अदायगी के रूप में छ: हजार छ: सौ छत्तीस करोड़ चौवालिस लाख रुपये (6636.44 करोड़), राज्य कर्मचारियों के वेतन-भत्तों आदि पर लगभग सत्रह हजार एक सौ चौरासी करोड़ नवासी लाख रुपये (17184.89 करोड़), सहायता प्राप्त शिक्षण व अन्य संस्थाओं एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों के रूप में लगभग एक हजार तीन सौ पाँच करोड़ एकहत्तर लाख रुपये (1305.71 करोड़), पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में आठ हजार एक सौ पैंतालिस करोड़ पचास लाख रुपये (8145.50 करोड़), व्यय अनुमानित है।