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Friday, November 22, 2024

Indian Rail: प्रधानमंत्री मोदी बोले-परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही रेल

नयी दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां सीधे जनता से कनेक्ट भारतीय रेलवे के 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की 2,000 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान कुछ परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित भी किया। इसमें ‘प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास भी किया। देश के 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित इन स्टेशनों का 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा।

—प्रधानमंत्री ने रेलवे की 2,000 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया
—दिल्ली सहित देशभर के 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का भी शिलान्यास
—10 वर्षों में लोगों ने‘नया भारत’ बनते देखा : प्रधानमंत्री
—तीसरे कार्यकाल की शुरुआत जून महीने से होने वाली है, अभी से काम शुरू
—रेलवे के हमेशा घाटे में होने का रोना रोया जाता था, आज हो रहा परिवर्तन

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारतीय रेल को दशकों तक ‘स्वार्थ भरी राजनीति’ का शिकार होना पड़ा लेकिन आज वह परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है और लोगों ने विगत 10 वर्षों में ‘नया भारत’ बनते देखा। मोदी ने कहा, इस सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत जून महीने से होने वाली है। लेकिन अभी ही जिस गति और पैमाने से काम शुरू हो गया है, वो सबको हैरत में डालने वाला है। उन्होंने कहा कि आज का भारत बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक भी कर देता है। यही संकल्प इस विकसित भारत, विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सभी ने एक ‘नया भारत’ बनते देखा है और रेलवे में परिवर्तन तो साक्षात लोग अपनी आंखों से देख रहे हैं। जो कभी कल्पना में सोचते थे, आज अपनी आंखों से देख रहे हैं। एक दशक पहले तक अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेन की कल्पना मुश्किल थी और नमो भारत जैसी शानदार रेल सेवा के बारे में किसी ने कभी सोचा नहीं था। प्रधानमंत्री ने कहा, दशकों तक रेलवे को हमारे यहां स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा। लेकिन अब भारतीय रेलवे देशवासियों के लिए यात्रा की सुगमता का मुख्य आधार बन रही है। जिस रेलवे के हमेशा घाटे में होने का रोना रोया जाता था, आज वह परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि भारत 11वें नंबर से छलांग लगाकर पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जब भारतीय अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी तब रेलवे का औसत बजट 45,000 करोड रुपए के आसपास रहता था आज जब देश पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत है तो इस वर्ष का रेलवे बजट ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक का है। आप कल्पना कीजिए जब हम दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेंगे तो हमारा सामर्थ्य कितना अधिक बढ़ेगा। इसलिए मोदी भारत को जल्द से जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए जी जान से जुटा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट चाहे कितना भी बड़ा हो अगर घोटाले होते रहे तो जमीन पर उसका असर कभी नहीं दिखता। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में सरकारी पैसे को लूट से बचाया है इसलिए आज नयी रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी हो गई है और आज जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक भारतीय रेल पहुंच रही है। उन्होंने कहा, आपने टैक्स के रूप में, टिकट के रूप में जो पैसा दिया, उसकी पाई-पाई आज रेल यात्रियों के हित में ही लग रही है। हर रेल टिकट पर भारत सरकार करीब-करीब 50 प्रतिशत छूट देती है। मोदी ने कहा कि जैसे बैंक में जमा पैसे पर ब्याज मिलता है, वैसे ही अवसंरचना पर लगी हर पाई से कमाई के नए साधन बनते हैं और नए रोजगार बनते हैं। जब नयी रेल लाइन बिछती है तो मजदूर से लेकर इंजीनियर तक अनेक लोगों को रोजगार मिलता है। सीमेंट, स्टील, ट्रांसपोर्ट जैसे अनेक उद्योगों, दुकानों में नयी नौकरियों की संभावनाएं बनती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो लाखों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है, उनसे हजारों प्रकार के रोजगार की गारंटी भी है। उन्होंने कहा, जब स्टेशन बड़े और आधुनिक होंगे, ज्यादा ट्रेनें रुकेंगी, ज्यादा लोग आएंगे तो आसपास रेहड़ी-पटरी वालों को भी इससे फायदा होगा। हमारी रेल, छोटे किसानों, छोटे कारीगरों, हमारे विश्वकर्मा साथियों के उत्पादों को बढ़ावा देने वाली है। इसके लिए एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना के तहत स्टेशन पर विशेष दुकानें बनाई गई हैं। हम रेलवे स्टेशनों पर हजारों स्टॉल लगाकर उनके उत्पाद बेचने में भी मदद कर रहे हैं।

खेती और औद्योगिक प्रगति का बड़ा वाहक भारतीय रेल

भारतीय रेल को खेती और औद्योगिक प्रगति का सबसे बड़ा वाहक करार देते हुए मोदी ने कहा कि रेल की गति तेज होगी तो समय बचेगा और इससे दूध, मछली, फल, सब्ज़ी जैसे उत्पादों को तेजी से बाजार तक पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा, इससे उद्योगों की लागत भी कम होगी। इससे मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य माना जा रहा है और इसका एक बड़ा कारण आधुनिक बुनियादी ढांचा भी है। उन्होंने कहा, आने वाले 5 वर्षों में जब ये हज़ारों स्टेशन आधुनिक हो जाएंगे, भारतीय रेल की क्षमता बढ़ जाएगी तो निवेश की एक और बहुत बड़ी क्रांति आएगी।

लाखों युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे

पीएम मोदी ने कहा, यह दिखाता है कि भारत की प्रगति की रेल किस गति से आगे बढ़ रही है। युवाओं को विकसित भारत का सूत्रधार और सबसे बड़ा लाभार्थी करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है, उनसे देश के लाखों नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा, आज रेलवे का जो कायाकल्प हो रहा है इससे स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी लाभ मिलेगा। ये कायाकल्प उनके भी बहुत काम आएगा, जो 30-35 वर्ष से कम आयु के हैं। विकसित भारत, युवाओं के सपनों का भारत है। उन्होंने कहा, मैं देश के हर नौजवान को बताना चाहता हूं कि आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। आपका सपना, आपकी मेहनत और मोदी का संकल्प, यही विकसित भारत की गारंटी है।

अमृत-भारत स्टेशन हैं, विरासत और विकास, दोनों के प्रतीक

पीएम मोदी ने कहा कि ये जो अमृत-भारत स्टेशन हैं, विरासत और विकास, दोनों के प्रतीक होंगे। जैसे ओडिशा के बालेश्वर रेलवे स्टेशन को भगवान जगन्नाथ मंदिर की थीम पर डिजाइन किया गया है। सिक्किम के रंगपो रेलवे स्टेशन पर आप लोगों को स्थानीय वास्तुकला का प्रभाव दिखेगा। राजस्थान का सांगनेर रेलवे स्टेशन, 16वीं शताब्दी की हैंड-ब्लॉक प्रिंटिंग को दर्शाता है। तमिलनाडु के कुंभकोणम स्टेशन का डिजाइन चोल काल की वास्तुकला पर आधारित है। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन, मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरित है। गुजरात में द्वारका का स्टेशन, द्वारकाधीश मंदिर से प्रेरित है। आइटी सिटी गुड़गांव का रेलवे स्टेशन, आईटी के लिए ही समर्पित होगा। यानि अमृत भारत स्टेशन, उस शहर की विशेषता से दुनिया को परिचित कराएगा। इन स्टेशनों के निर्माण में दिव्यांगों और बुजुर्गों, उनकी सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया है।

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