नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय: मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भारतीय रेलवे ने कदम बढा दिए हैं। रेलवे ने कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का काम 100 प्रतिशत पूरा कर लिया। परियोजना के लिए आवश्यक 1389.49 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। जमीन के चलते ही प्रोजेक्ट में देरी हो रही है। लेकिन अब राह आसान हो गई। 1.10 लाख करोड़ रुपये की इस परियोजना के 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी लेकिन भूमि अधिग्रहण को लेकर कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। फिलहाल सरकार ने 2026 तक दक्षिण गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन का पहला चरण शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
—मुंबई-अहमदाबाद के बीच परियोजना में भूमि अधिग्रहण का काम 100 फीसदी पूरा
—निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण न होना सबसे बडी बाधा थी
—भारत की पहली सात किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे रेल सुरंग का काम शुरू
—यह सुरंग बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किमी लंबी का हिस्सा
परियोजना के लिए सभी अनुबंध गुजरात और महाराष्ट्र को दे दिए गए थे जबकि 120.4 किलोमीटर गार्डर बिछा दिए गए हैं और 271 किलोमीटर तक खंभे लगा दिए गए हैं। एमएचआरसी गलियारा ट्रैक सिस्टम के लिए जापानी शिंकानसेन में उपयोग किए जाने वाले रीइन्फोर्स्ड कंक्रीट (आरसी) ट्रैक बेड को बिछाने का काम भी सूरत और आनंद में शुरू हो गया है। यह पहली बार है जब भारत में जे-स्लैब गिट्टी रहित ट्रैक प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद भूमि अधिग्रहण की जानकारी सार्वजनिक की है।
इसके बाद नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (National High-Speed Rail Corporation Limited) ने सोमवार को कहा कि उसने गुजरात, महाराष्ट्र और दादरा व नगर हवेली में मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर (एमएचआरसी) के लिए भूमि अधिग्रहण का काम 100 प्रतिशत पूरा कर लिया। मुंबई और अहमदाबाद के बीच उच्च गति वाली रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है। सिर्फ 10 महीने में गुजरात के वलसाड जिले में जरोली गांव के समीप 12.6 मीटर व्यास और 350 मीटर लंबी पहली ‘माउंटेन टनल’ का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
बता दें कि गुजरात के सूरत जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर 70 मीटर लंबा और 673 मीट्रिक टन वजन वाला पहला स्टील पुल बनाया गया है। साथ ही इस तरह के 28 में 16 पुलों का निर्माण विभिन्न चरणों में हैं। परियोजना के प्रवक्ता के मुताबिक एमएएचएसआर गलियारे पर 24 में से छह नदियों पर पुलों के निर्माण का काम पूरा हो चुका है, जिनमें पार (वलसाड जिला), पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला), औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगनिया (नवसारी जिला) शामिल हैं।
प्रवक्ता के मुताबिक नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती नदियों पर काम जारी है। भारत की पहली सात किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे रेल सुरंग का काम शुरू हो गया है। यह सुरंग महाराष्ट्र में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किमी लंबी सुरंग का हिस्सा है और मुंबई एचएसआर स्टेशन के निर्माण के लिए खुदाई का काम भी शुरू हो गया है। एनएचएसआरसीएल प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात के वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आनंद, वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती में एचएसआर स्टेशन निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।