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Friday, November 22, 2024

जी-20 : नई दिल्ली घोषणापत्र को आम सहमति से मिली स्वीकृति

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : जी-20 शिखर सम्मेलन के संयुक्त वक्तव्य में सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर शनिवार को आम सहमति बन गई और नई दिल्ली घोषणापत्र को आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया। नई दिल्ली घोषणापत्र को जी -20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया है। नई दिल्ली घोषणापत्र के प्रमुख बिन्दु – मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास, एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना, सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान और बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना है। भारत की अध्यक्षता जी-20 अध्यक्षों के इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी रही है। कुल 112 परिणामों और अध्यक्षीय दस्तावेजों के साथ, हमने पिछले अध्यक्षीय काल की तुलना में मूल कार्य को दोगुने से भी अधिक कर दिया है। जी-20 शिखर सम्मेलन के शनिवार को यहां पहले दिन के दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की कि नई दिल्ली घोषणा पत्र पर सभी पक्षों के बीच सहमति बन गयी है।

-विश्व में एक मजबूत टिकाऊ, संतुलित एवं समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त
-जी-20 पर भारत की अमिट छाप, आम सहमति से बना घोषणापत्र
-पीएम मोदी ने की घोषणा, घोषणा पत्र पर सभी पक्षों के बीच सहमति
-हाइड्रोजन, ब्लू इकोनोमी, खाद्य सुरक्षा एवं पोषण को भी इसमें शामिल किया
-125 विकासशील देशों के साथ परामर्श, जी-20 में ग्लोबल साउथ की आवाज बुलंद करने का इरादा
-जी-20 समूह पर भारत ने अपने नेतृत्व की अमिट छाप छोडी है
-आर्थिक कॉरिडोर बनाने की डील, 8 देश इसका हिस्सा

वह इस घोषणा पत्र को स्वीकार किये जाने का ऐलान करते हैं और प्रधानमंत्री ने इस मौके पर शेरपा एवं भारतीय अधिकारियों को बधाई दी। इस दौरान महिला नीत विकास के बारे में घोषणा पत्र में कहा गया कि हम महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्रोत्साहित करते हैं और वैश्विक चुनौतियों से निपटने और समाज के सभी क्षेत्रों, सभी क्षेत्रों में सक्रिय प्रतिभागियों के रूप में योगदान देने के लिए निर्णय निर्माताओं के रूप में महिलाओं की पूर्ण, समान, प्रभावी और सार्थक भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बैठक के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और शेरपा अमिताभ कांत ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने नई दिल्ली घोषणापत्र को जी-20 समूह पर भारत की अमिट छाप वाला एक प्रभावशाली दस्तावेज करार दिया। जयशंकर ने कहा कि 83 बिन्दुओं वाले संयुक्त घोषणा पत्र के सभी बिन्दुओं पर सभी सदस्यों ने पूर्ण सहमति व्यक्त की गयी है। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के इस घोषणा पत्र से विश्व में एक मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने स्थायी भविष्य के लिए हरित विकास समझौते किये जाने को अहम बताते हुए कहा कि इससे सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने को गति मिलेगी। शिखर सम्मेलन में इस आशय की एक कार्ययोजना को भी पेश किया गया है। इस कार्य योजना में हरित विकास संबंधी एक करार को भी जोड़ा गया है। इसमें सतत विकास के लिए जीवन शैली के संबंध में उच्च स्तरीय सिद्धांत भी तय किये गये हैं।

हाइड्रोजन, ब्लू इकोनोमी, खाद्य सुरक्षा एवं पोषण को भी इसमें शामिल किया गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 के नई दिल्ली शिखर सम्मेलन का संदेश वास्तव में एक पृथ्वी, एक परिवार और हमारा एक साझा भविष्य है। जी-20 को अधिकतम संभव समावेशी एवं व्यापक बनाने के लिए बहुत विवेकपूर्ण ढंग से काम किया गया है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि जी-20 में अफ्रीकी संघ को एक पूर्ण सदस्य के रूप में स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि भारत ने समूह की अध्यक्षता संभालने के बाद शुरूआत में ही 125 विकासशील देशों के साथ परामर्श कर जी-20 में ग्लोबल साउथ की आवाज बुलंद करने का इरादा जताया था। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि भारत की अध्यक्षता में व्यापक रूप में इन देशों की आवाज को जगह मिली है। अमिताभ कांत ने कहा कि घोषणा पत्र के सभी 83 पैराग्रापफ के बारे में शत-प्रतिशत सहमति बनी है और उनमें से आठ पैरा भू-राजनैतिक मामलों पर आधारित हैं। भारत की राजधानी दिल्ली में शुरू हुई जी-20 शिखर सम्मेलन ऐतिहासिक डील के लिए याद किया जाएगा। इस दौरान इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की डील हुई। यह डील भारत, यूरोप और मिडिल ईस्ट यानी खाड़ी देशों के बीच हुई है। इसे भारत, यूरोप, मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर डील कहा गया है। इसे चीन के दो प्रोजेक्ट्स का जवाब माना जा रहा है। ये हैं- बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या सीपीईसीआई एक लिहाज से सीपीईसी को बीआरआई का ही हिस्सा माना जाता है। फिलहाल, 8 देश इस इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा हैं। इस डील के बेशुमार फायदे हैं और इसे 10 साल में पूरा करने का टारगेट है। इकोनॉमिक कॉरिडोर की अहमियत को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ किया। कहा- वन अर्थ, वन फ्यूचर और वन फैमिली का फॉर्मूला प्राइम मिनिस्टर मोदी ने दिया। उनका शुक्रिया।

अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच ने प्रतिबद्धता दोहराई

भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका ने शनिवार को साझा दुनिया के लिए समाधान प्रदान करने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। जी20 के वर्तमान और अगले तीन अध्यक्षों के रूप में भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की जी20 अध्यक्षता की ऐतिहासिक प्रगति पर आगे बढऩे का आह्वान किया। संयुक्त बयान में कहा गया, हम, भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के नेताओं ने नयी दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की और हमारी साझा दुनिया के लिए समाधान प्रदान करने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। बयान में कहा गया, जी20 के मौजूदा और अगले तीन अध्यक्षों के रूप में, हम वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की जी20 अध्यक्षता की ऐतिहासिक प्रगति पर आगे काम करेंगे।

लोगों को बेहतर भविष्य के वास्ते समर्थन दिया

विश्व बैंक के अध्यक्ष के साथ मिलकर चारों देशों ने बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंक बनाने की जी20 की प्रतिबद्धता का स्वागत किया। बयान में कहा गया, यह प्रतिबद्धता रेखांकित करती है कि जी20 के माध्यम से एक साथ काम करके हम अपने लोगों को बेहतर भविष्य के वास्ते समर्थन देने के लिए क्या कर सकते हैं। इसके साथ ही, व्हाइट हाउस के एक तथ्य पत्र (फैक्ट शीट) में कहा गया कि अमेरिका जी20 के प्रति और जी20 की भारत की अध्यक्षता में हुई प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी शुरुआत 2024 में ब्राजील की अध्यक्षता और 2025 में दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता से होगी।

सभी विकासात्मक, भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 फीसदी सहमति

जी- 20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने बताया कि सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 प्रतिशत सर्वसम्मति के साथ ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक जी 20 घोषणा पत्र। भू-राजनीतिक मुद्दों पर नए वाक्य आज की दुनिया में विश्व, लोग, शांति और समृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आह्वान है। आज की दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व को प्रदर्शित करता है। आज के युग को मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के स्वर्ण युग के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जी- 20 अध्यक्षता में इस लक्ष्य की दिशा में अथक प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा,भारत की जी-20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक, कार्य-उन्मुख और यथास्थिति को चुनौती देने में निडर रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने जी-20 को आखिरी छोर तक ले जाने के लिए नेताओं से कदम उठाने का पुरजोर आह्वान किया है।

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