नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने मंगलवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को जमानत देने से इनकार करने के हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। साथ ही कहा कि इसके लिए वह खुद उत्तरदायी हैं क्योंकि अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति में भ्रष्टाचार किया गया है।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी (Manish Sisodia) ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है, बाड़ फसल को नुकसान पहुंचाती है। यह बात मेरे दिमाग में इसलिए आई क्योंकि संदेह है कि जिन लोगों से कानून की रक्षा करने और कानून का राज बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है, वे कानून के उल्लंघनकर्ता बन गए हैं, भ्रष्टाचार में लिप्त रहे और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया। सिसोदिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक जन सेवक होने के नाते उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय की जांच जरूरी हो गई थी क्योंकि कुछ लोगों और कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीति में बदलाव किया गया।
आज दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि इनके खिलाफ जो आरोप हैं वह काफी गंभीर हैं और जमानत देने पर गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है।
– श्रीमती @M_Lekhi
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— BJP (@BJP4India) May 30, 2023
मीनाक्षी लेखी (Manish Sisodia) ने सिसोदिया की जमानत अर्जी पर उच्च न्यायालय (high court) के आदेश के साथ-साथ जांच एजेंसी द्वारा निचली अदालत में दायर पूरक आरोपपत्र के कुछ हिस्सों को पढ़ा। उन्होंने कहा, सीबीआई (CBI) और ईडी द्वारा कानून के तहत लंबित कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है। यही कारण है कि जमानत याचिका खारिज कर दी गई। सीबीआई ने कई दौर की पूछताछ के बाद सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को बनाने और उसके कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के लिए गिरफ्तार किया था। आप नेता फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज एक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सीबीआई द्वारा 26 फरवरी को गिरफ्तार किए गए आप नेता को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह 18 विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं और गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।