नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि 1969 में लगभग 3000 की संख्या वाला सीआईएसएफ़ 53 साल में आज 1,70,000 की नफरी तक पहुंचा है। आने वाले 10 वर्षों में इस बल के लिए विकास के कई मौके उपलब्ध होने वाले हैं। आज के डिजिटल युग में इस बल ने अपने हितधारकों को अत्याधुनिक सुरक्षा उपलब्ध कराने की परंपरा निभाई है। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ़ ने रोबोटिक्स, आर्टिफिश्यिल इंटेलीजेंस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से सुरक्षा प्रोटोकॉल को न केवल लैस किया है बल्कि इसे अभेद्य भी बनाया है। हैदराबाद में आयेाजित केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के 54वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे शाह ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय भी आने वाले दिनों में बंदरगाहों, एयरपोर्ट और औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अडॉप्ट करके चुनौतियों का सामना करने के लिए सीआईएसएफ को सभी तकनीकों से सुसज्जित करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा और इसके लिए गृह मंत्रालय ने एक कार्ययोजना भी तैयार की है।
— सीआईएसएफ़ के 54वें स्थापना दिवस समारोह में गृह मंत्री ने बढाया हौंसला
— 3000 से शुरु हुआ था सफर आज 1,70,000 की नफरी तक पहुंचा
—CISF को सभी तकनीकों से सुसज्जित करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा
अमित शाह ने कहा कि आज सीआईएसएफ 66 संवेदनशील और प्रमुख हवाईअड्डों, 14 प्रमुख बंदरगाहों, परमाणु व अंतरिक्ष संस्थानों, दिल्ली मेट्रो, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और कई औद्योगिक इकाइयों और खदानों की सुरक्षा का काम कर रहा है।
To meet the digital era challenges, the Modi government has equipped the CISF with the latest technologies like artificial intelligence and robotics, creating an unbreachable security system. pic.twitter.com/BoJPeLuUxA
— Amit Shah (@AmitShah) March 12, 2023
उन्होंने कहा कि देश के सभी सीएपीएफएस में सीआईएसएफ अकेला ऐसा बल है जिसके पास प्रभावी अग्निशमन बल है और इसने अग्निशमन सुरक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। श्री शाह ने कहा कि सीआईएसएफ प्रतिदिन दिल्ली मेट्रो या एयरपोर्ट पर लगभग 50 लाख यात्रियों के साथ अच्छे व्यवहार लेकिन पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्र की संपत्ति की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध रहता है।
Over the last eight years, the @CISFHQrs has transformed itself into a force equipped with the latest technologies and training to meet the evolving demands of the nation. Their commitment to ensuring public safety is exemplary. India is proud of the CISF. pic.twitter.com/7xK8JuFrX2
— Amit Shah (@AmitShah) March 12, 2023
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सीआईएसएफ ने एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया है और इससे आने वाले समय में इसकी भूमिका बहुत बढ़ने वाली है। इस मॉडल से निजी कंपनियों में भी सलाहकार और अन्य कई भूमिकाओं में इसका उपयोग होने का रास्ता खुलेगा। उन्होंने कहा कि ये बल आने वाले 2 दशकों में आधुनिक तकनीक और ड्रोन जैसे सुरक्षा संबंधित खतरों से निजी कंपनियों को भी सुरक्षा देने का काम कर सकेगा।
सीआईएसएफ ने 4 साल में 3 करोड़ से ज़्यादा वृक्ष लगाया
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीआईएसएफ ने वृक्षारोपण अभियान के तहत विगत 4 साल में 3 करोड़ से ज़्यादा वृक्ष लगाकर पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता और समर्पण को दर्शाया है। इसके अलावा बल ने 1200 से अधिक सफाई अभियान चलाए और पूरी तन्मयता के साथ स्वच्छता अभियान को लोकभोग्य बनाकर स्वच्छता के संस्कार को जनता में पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के दौरान भी सीआईएसएफ ने 5 लाख से अधिक तिरंगे लगाकर इसे सफल बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। इसके अलावा बल ने नेश्नल स्टेडियम में रन फॉर यूनिटी में भाग लेते हुए लौह पुरुष सरदार पटेल को श्रद्धांजलि भी दी।
जवानों के लिए 28 हज़ार 500 मकान और बनाएगी सरकार
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आवास योजना के तहत भी हमने हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। 2015 में 3100 करोड़ रूपए की लागत से 13 हज़ार घर और 113 बैरक बनाने का काम शुरू किया, जिसमें से 11 हज़ार मकान 2022 तक बन चुके हैं। 2026 तक इन 11 हज़ार मकानों के अलावा 28 हज़ार 500 मकान और बनाकर मोदी सरकार जवानों के परिवारों के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि सितंबर, 2022 में सीएपीएफ ई-आवास वेबपोर्टल लांच किया गया और इसके आधार पर 6 महीने में ही 2 लाख 17 हज़ार कार्मिकों का पंजीकरण हो चुका है और सेटिस्फेक्शन रेश्यो में बड़ा उछाल आया है। खाली पड़े आवासों में किसी भी बल के जवान को रहने देने के प्रावधान ने निर्मित आवासों की उपयोगिता को बहुत अधिक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि नवंबर, 2024 में आवास संतुष्टि अनुपात 73 प्रतिशत हो जाएगा, जो आज़ादी के बाद सबसे अधिक होगा।