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Friday, November 22, 2024

जल की स्वच्छता के साथ, मन की स्वच्छता भी आवश्यक : माता सुदीक्षा

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : संत निरंकारी मिशन की प्रमुख सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के नेतृत्व में रविवार को दिल्ली सहित देशभर में एक साथ ‘अमृत परियोजना’ के तहत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का आयोजन किया गया। 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 1100 से अधिक स्थानों के 730 शहरों में एक साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। राजधानी दिल्ली के आईटीओ स्थित यमुना छठ घाट पर ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ के ‘अमृत परियोजना अभियान चला।

—‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन‘निरंकारी सत्गुरु द्वारा ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का शुभारंभ
—आईटीओ स्थित यमुना छठ घाट पर ‘अमृत परियोजना अभियान चला

इस मौके पर निरंकारी मिशन के प्रमुख सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि परमात्मा ने हमे यह जो अमृत रूपी जल दिया है। हम सभी का कर्त्वय बनता है कि हम सब उसकी उसी तरह संभाल करे। स्वच्छ जल के साथ मन का भी स्वच्छ होना अत्यंत आवश्यक है। इसी भाव के साथ हम संतो वाला जीवन जीते हुए सभी के लिये परोपकार का ही कार्य करते है।

जल की स्वच्छता के साथ, मन की स्वच्छता भी आवश्यक : माता सुदीक्षा

संत निरंकारी मण्डल के सचिव जोगिन्दर सुखीजा के मुताबिक ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत दिल्ली एवं ग्रेटर दिल्ली के लगभग सभी क्षेत्रों की स्वच्छता की गई। इनमें अशोक विहार का संजय झील, कैनल सोर यमुना, दिल्ली का आई. टी. ओ. छट घाट, दिल्ली के निगम बोध घाट, भलस्वा झील, यमुना का सुर घाट, यमुना का राम घाट, दिल्ली का कालिंदी कुंज घाट इत्यादि स्थान प्रमुख है। इसके अतिरिक्त ग्रेटर दिल्ली से मुख्यतः ब्रजघाट गढ़, मुक्तेश्वर गंगा, सूरजपुर, गाजियाबाद का हिण्डन घाट, मण्डोरा तालाब, संकहोल गांव, गुरूग्राम के सोहना रोड पर स्थित दम दमा झील, सोनीपत का गोरीपुर, अशानध रोड नदी इत्यादि की स्वच्छता सभी स्वयंसेवको द्वारा पूरे उत्साह के साथ की गई।

जल की स्वच्छता के साथ, मन की स्वच्छता भी आवश्यक : माता सुदीक्षा

अमृत प्रोजेक्ट के मध्य सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत विभिन्न जल निकायों हेतु समूचे देश में दिये गये दिशा निर्देशों का उचित रूप से पालन किया गया जिसमे रेड ज़ोन सभी के लिए पूर्णतः वर्जित था।
इस अभियान में युवाओं का सक्रिय योगदान रहा। कार्यक्रम के मध्य केवल पर्यावरण अनुकूल उपकरणों का ही प्रयोग किया गया। प्लॉस्टिक की बोतलों, थर्माकॉल इत्यादि का प्रयोग सभी के लिए पूर्णतः वर्जित था।
इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन के सभी अधिकारीगण, केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के मंत्री, गणमान्य अतिथि तथा हजारों की संख्या में स्वयंसेवक और सेवादल के सदस्य सम्मिलित हुए।

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