डासना ( गाजियाबाद) /खुशबू पाण्डेय : देश की राजधानी दिल्ली सटे और राष्ट्रीय राजमार्ग नौ (एनएच 24) पर बसे नगर पंचायत डासना की छवि अब तक कुछ और थी, लेकिन एक युवा अधिकारी मनोज कुमार मिश्र की जिद ने पूरे नगर पंचायत की तस्वीर ही बदल दी है। डासना में अधिशासी अधिकारी के पद पर तैनात मनोज मिश्र ने एक ऐसी लाइब्रेरी की स्थापना की है, जिसमें हर वर्ग के लोग एवं खासकर वे बच्चे जो गरीबी के कारण स्कूल से दूर हो जाते थें। अब वे बच्चे शिक्षा से मरहूम होने से बच जाएंगे। निजी संस्था भारत फाउंडेशन की मदद से खुली लाइब्रेरी का नाम किताबघर दिया है। 15 अगस्त के मौके पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने लाइब्रेरी का फीता काटकर उद्घाटन किया तथा पुस्तकालय में जाकर किताबों का अवलोकन भी किया।किताब घर डासना के यासीन गढ़ी में स्थापित की गई है।
—डासना के यासीन गढ़ी में खुला अदभुत किताब घर, सभी प्रकार की पुस्तके उपलब्ध
—क्षेत्र का अब कोई भी बच्चा स्कूली शिक्षा से नहीं रहेगा मरहूम
—जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने किया लाइब्रेरी का उद्घाटन
—किताबें व्यक्ति की सबसे अच्छी मित्र होती है, दिखाती हैं सही राह : डीएम
इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों एवं नगर पंचायत डासना के नागरिक मौजूद रहे। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने इस मौके पर कहा कि किताबें व्यक्ति की सबसे अच्छी मित्र होती है। यह उन्हें सही और गलत का अंतर समझ आती है और उचित रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं।
उन्होंने क्षेत्रीय लोगों से इस लाइब्रेरी का लाभ उठाने की बात भी कही। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने राष्ट्रीय ध्वज के विषय में भी यह बताया कि राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में ही उसके अर्थ छुपे हुए हैं जहां केसरिया रंग वीरता एवं बलिदान का प्रतीक है वही सफेद रंग शांति का और हरा समृद्धि का प्रतीक है। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित व्यक्तियों को 76 में स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भी थी तथा हर घर तिरंगा अभियान में उत्साह के साथ भाग लेने के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
इससे पहले आजादी के अमृत महोत्सव के तहत नगर पंचायत डासना में 100 फिट लंबे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण जिलाधिकारी गाजियाबाद राकेश कुमार सिंह ने किया। उनके साथ अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्रीमती ऋतु सुहास, नगर पंचायत डासना अध्यक्ष श्रीमती हंसार, अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मिश्र, अवर अभियंता स्मृति गुप्ता भी उपस्थित थे।
इस मौके पर भारत फाउंडेशन के ईशानी अग्रवाल ने बच्चों से कहा कि वह शुरू से ही अध्ययन में रुचि रखती हैं तथा अन्य बच्चे जो शिक्षा से वंचित हैं या जिनके पास पुस्तकें उपलब्ध नहीं है उनके लिए काम करना चाहती थी। उन्होंने इसके लिए अपने दादी से प्रेरणा ग्रहण की। यह पुस्तकालय यहां के छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। इस मौके पर अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मिश्र ने सफेद झंडे एवं पुस्तकालय के बारे में बताते हुए कहा कि इससे डासना की एक नई पहचान स्थापित होगी और डासना को एक प्रगतिशील विचारों वाले कस्बे के रूप में पहचाना जाएगा।