कोटा /खुशबू पाण्डेय :शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से बढ रही ‘बेनेट यूनिवर्सिटी’ की ओर से ‘वर्तमान युग में अंतःविषय अध्ययन की भूमिका’ पर एक मेगा कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस मौके पर रेल मंत्रालय की आईआरपीएस अधिकारी अंजलि बिड़ला ने विद्यार्थियों द्वारा
उनके अभिभावकों के समर्थन से विषयों के विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होंने छात्रों को विभिन्न करियर विकल्पों का चयन करते समय एक स्पष्ट मानसिकता रखने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही कहा कि शिक्षा का उद्देश्य क्षमता निर्माण करना है। अंतःविषय कौशल अंतर को पाट देने के उपरांत रोजगार के पहलू पर ध्यान दिया जाएगा।
कानूनी विशेषज्ञ आरती शर्मा ने कहा कि अंतःविषय अध्ययनों के कारण सीखना अधिक सार्थक,उद्देश्यपूर्ण व गहन हो जाता है। परिणामस्वरूप सर्वोत्तम पेशेवर अनुभव जीवन भर विद्यार्थी के साथ रहता है साथ रहते हैं। नई शिक्षा नीति से देश की शिक्षा प्रणाली में व्यावहारिक बदलाव आ रहा है।
बेनेट यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, के वरिष्ठ संकाय डॉ इंद्रजीत गुप्ता ने स्टार्ट-अप की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। विद्यार्थियों के कैरियर के विकास में अंतःविषय अध्ययन की भूमिका पर भी चर्चा की। बेनेट यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ की सीनियर फैकल्टी डॉ. दक्षा शर्मा ने कहा कि किसी भी अकादमिक अनुशासन का अध्ययन या अभ्यास अलग-अलग नहीं किया जा सकता है। सभी विषयों का परस्पर संबंध है। उन्होंने बेनेट विश्वविद्यालय उच्च श्रेणी के आधारभूत ढांचे, बेहतर पाठ्यक्रम, इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के अवसरों व नवीन पाठ्यक्रमों पर चर्चा की।
इस मौके पर लखन भदौरिया और दीपशिखा चावला, बेनेट विश्वविद्यालय के प्रबंधकों ने विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया के बारे में छात्रों का मार्गदर्शन किया। वक्ताओं ने बेनेट यूनिवर्सिटी द्वारा विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने की
दिशा में किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।