हैदराबाद /भावना ठाकर : दक्षिण भारत के कर्नाटक में कमल खिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब तेलंगाना में अब अपनी जडे मजबूत करना चाहती है। यही कारण है कि पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में की। यह अनायास नहीं था, बल्कि एक सोचा समझा कदम था। क्योंकि तेलंगाना में अगले ही साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कर्नाटक के बाद तेलंगाना भाजपा के लिए बेहद अहम है। क्योंकि यहां लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। ऐसा कह सकते हैं कि दक्षिण भारत में बीजेपी का दूसरा पडाव तेलंगाना होगा। तेलंगाना के जरिए ही भाजपा आंध्र प्रदेश, केरल और केरल में कदम बढाएगी, ऐसी रणनीति पार्टी की बनी है। हैदराबाद के परेड ग्राउंड में पीएम मोदी की रैली के दौरान जिस तरह का माहौल रहा। उसे देखकर लगता है कि भाजपा ने तेलंगाना में अच्छी बढ़त बना ली है।
—तेलंगाना, केरल, आंध्रप्रदेश,उडीसा के लिए बीजेपी ने तय किया एजेंडा
—भाग्य नगर में भाजपा का बदलने वाला है भाग्य
—वंशवाद, जातिवाद, तुष्टीकरण का एजेंडा लेकर आगे बढने की तैयारी
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह एवं भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करना चाहते हैं। पार्टी ने संकेत भी दे दिया है कि सरकार बनते ही यह सपना भी पूरा हो जाएगा। तेलंगाना में 8 साल से केसीआर सरकार काबिज है। लेेकिन अब लोग बदलाव चाहते हैं। राज्य में कांग्रेस पार्टी की स्थिति बेहद खराब है और दिनो दिन स्तर गिरता ही जा रहा है, लिहाजा इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है, इसलिए पार्टी ने जमीन पर तेजी के साथ पूरी रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है। स्थानीय चुनाव से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी दिन प्रतिदिन आगे मजबूती के साथ आगे बढ रही है। राजनीतिक जानकारों की माने तो तेलंगाना में केसीआर सरकार मे जिस तरह से परिवारवाद एवं भष्टाचार बढ रहा है, उससे लगता है कि वो दिन दूर नहीं कि भाग्य नगर में भाजपा का भाग्य बदलने वाला है। ऐसा होता तो दक्षिण भारत में बीजेपी का दूसरा पडाव तेलंगाना होगा।
तीन दिन के राष्टीय कार्यकारिणी के जरिये भाजपा एवं खुद प्रधानमंत्री मोदी ने आम आदमी से लेकर किसान, युवा, बेरोजगारों, तेलंगाना वासियों को भाग्यशाली बनाने का सपना दिखाया। भाजपा ने संकेत भी दिया कि डबल इंजन की सरकार जहां—जहां है वहां पर राज्यों के विकास दो गुना हो चुका है, अब भाग्य नगर की बारी है।
जानकार बताते हैं कि हैदराबाद के परेड ग्राउंड में पीएम मोदी की रैली के पहले प्रदेश भाजपा प्रमुख संजय कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हैदराबाद के लिए भाग्यनगर संबोधन का प्रयोग किया। जिसे देखकर लगता है कि भाजपा हैदराबाद के नाम बदलने के मुद्दे को अपने एजेन्डे में शामिल करेगी।
भाजपा परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण के एजेंडे पर आगे बढने की तैयारी कर ली है। दक्षिण के सभी राज्यों में इन्हीं तीन एजेंडों पर सरकारें चल रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी एवं अमित शाह इन तीन प्रमुख एजेंडों को बडे स्तर पर ले जाकर चोट मारने की पिफराक में है। इससे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल तो प्रभावित होंगे ही उत्तर प्रदेश और बिहार भी लपेटे में आएगा। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी हो या पिफर बिहार की राष्टीय जनता दल, परिवारवाद, जातिवाद को ही आगे बढा रही हैं। लिहाजा, भाजपा के लिए परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण एजेंडा बहुत कारगार साबित होने वाला है।