नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। साथ ही दोनों नेताओं को महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रमों से अवगत कराया और राज्य में पार्टी की भावी रणनीति से जुड़े विभिन्न पहुलओं पर चर्चा की। फडणवीस की भाजपा के शीर्ष नेताओं से यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब बागी नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि गुवाहाटी में उनके साथ 50 विधायक हैं और वे स्वेच्छा से तथा ङ्क्षहदुत्व की राजनीति को आगे ले जाने के लिए यहां पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि फडणवीस और सांसद जेठमलानी ने शाह के साथ शिवसेना के बागी विधायकों और कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाने के विकल्पों और इससे संबंधित कानूनी पहलुओं पर चर्चा की।
-भाजपा हाईकमान ने नहीं खोले पत्ते, रफ्तार स्लो रखने के संकेत
-फडणवीस के साथ भाजपा सांसद जेठमलानी, सियासी मुददों पर चर्चा
–सरकार बनाने के विकल्पों और इससे संबंधित कानूनी पहलुओं पर चर्चा : सूत्र
सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने अगली सरकार के गठन को लेकर अभी कोई ठोस खाका नहीं तैयार किया है लेकिन, यदि पार्टी सरकार बनाने में सफल होती है तो शिंदे गुट के प्रमुख विधायकों को वह समायोजित कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक शिंदे को उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है। भाजपा नेताओं ने कहा कि फिलहाल पार्टी एमवीए सरकार के गिरने का इंतजार कर रही है क्योंकि उसने विधानसभा में बहुमत खो दिया है। ऐसी संभावना है कि बागी विधायक मुंबई लौटे और राज्यपाल से मिलकर ठाकरे सरकार से समर्थन वापस लेने के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराएं। इसके बाद ही राज्यपाल भगत कोश्यारी सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कह सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि अगले कुछ दिनों में बागी विधायकों के खेमे की गतिविधियां तेज होंगी। बता दें कि फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं के कोर समूह की एक बैठक भी की थी। शिंदे शिवसेना के जिन असंतुष्ट विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं उनमें राज्य सरकार के नौ मंत्री भी हैं, जिनके विभाग सोमवार को वापस ले लिये गये।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर इस बार किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करेगी, क्योंकि 2019 में फडणवीस ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक धड़े के साथ मिलकर सरकार बना ली थी लेकिन तब उन्हें दो ही दिनों में इस्तीफा देना पड़ गया था। भाजपा के एक नेता का मानना है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए की सरकार आखिरी सांसें ले रही है लेकिन भाजपा इस बार अपने कदम फूंक-फूंक कर बढ़ाएगी। एमवीए सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा शामिल हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा, सारी संभावनाएं तलाशने के बाद परिस्थितियां पक्ष में होंगी तभी राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया जाएगा। शिवसेना के बागी विधायकों को सोमवार को उच्चतम न्यायालय से भी राहत मिली जब शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला लेने पर रोक लगा दी। इसके साथ ही अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट का सामना कर रही है क्योंकि एकनाथ ङ्क्षशदे के नेतृत्व में उसके कई विधायकों ने विद्रोह कर दिया है और वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि शिवसेना के इस विद्रोह को उसका आंतरिक मामला बताकर भाजपा ने इससे दूरी बना रखी है लेकिन उसके नेताओं ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि पार्टी की रणनीति स्थिति पर नजर रखने की है।