नयी दिल्ली /खुशबू पाण्डेय । कांग्रेस के नवसंकल्प चिंतन शिविर से पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पार्टी नेताओं से नि:स्वार्थ भाव और अनुशासन के साथ काम करने की अपील करते हुए कहा कि पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए ‘जादू की कोई छड़ी नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी ने हमेशा हम सबका भला किया है और अब कांग्रेस के लिए इस कर्ज को चुकाने का समय आ गया है। उन्होंने पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में नेताओं को यह चेतावनी भी दी कि पार्टी के मंचों पर आलोचना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि आम कांग्रेसजन का आत्मविश्वास खत्म हो जाए। सोनिया गांधी का कहना था कि ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर रस्म अदायगी भर नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें पार्टी का पुनर्गठन प्रतिङ्क्षबबित होना चाहिए।
—कर्ज चुकाने का समय आ गया : सोनिया गांधी
—आलोचना से कांग्रेसजन का आत्मविश्वास न टूटने पाए
—पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए जादू की कोई छड़ी नहीं
—नेताओं को चेतावनी, पार्टी के मंचों पर आलोचना जरूरी
यह चिंतन शिविर 13-15 मई को राजस्थान के उदयपुर में आयोजित हो रहा है। सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अन्य नेता शामिल हुए। सीडब्ल्यूसी की बैठक में ङ्क्षचतन शिविर के एजेंडे पर चर्चा की गई। इसमें राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवा एवं सशक्तीकरण से जुड़ी समन्वय समितियों के संयोजकों ने वो एजेंडा भी रखा जिन पर ङ्क्षचतन शिविर में मंथन होगा। बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह ङ्क्षचतन शिविर कोई मंजिल न होकर एक लंबी यात्रा की शुरुआत होगा और यह एक मील का पत्थर भी साबित होगा। उन्होंने बताया, मल्लिकार्जुन खडग़े ने राजनतिक मुद्दों, पी चिदम्बरम ने आॢथक मुद्दों, भूपेंद्र हुड्डा ने कृषि से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दी। इसके साथ ही सलमान खुर्शीद ने एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर बात की, मुकुल वासनिक ने संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने युवाओं से जुड़े मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि 15 मई को जो उदयपुर नवसंकल्प सामने आएगा उसमें संगठन के पुनर्गठन की बात होगी और वह एक कार्य योजना होगी। रमेश ने जोर देकर कहा, यह राजनीतिक ङ्क्षचतन शिविर है। यह कदम उठाने से जुड़ा है। इसमें कोई प्रस्ताव नहीं, बल्कि कार्ययोजना सामने आएगी। रमेश के अनुसार, इस ङ्क्षचतन शिविर में हम दो साल के निर्णय ले रहे हैं। हमारा मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के संगठन को तैयार करना है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि शिविर में कुल 422 नेता शामिल होंगे। उन्होंने कहा, कांग्रेस कार्य समिति के सभी सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य एवं स्थायी आमंत्रित सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, विधानमंडल दल के नेता, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, संयुक्त सचिव, पार्टी के विभिन्न विभागों के प्रमुख, महिला कांग्रेस की सभी पदाधिकारी, युवा कांग्रेस के सभी पदाधिकारी, एनएसयूआई के सभी पदाधिकारी तथा समन्वय समितियों के सदस्य और कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा चयनित लोग शामिल होंगे।
पार्टी की लद्दाख इकाई का गठन किया जाएगा
सुरजेवाला के अनुसार, ङ्क्षचतन शिविर में शामिल होने वाले 50 प्रतिशत लोग 50 साल से कम आयु के हैं और इनमें भी करीब आधे 40 साल से कम उम्र के हैं। इनमें से 21 प्रतिशत महिलाएं हैं। समाज के भिन्न-भिन्न वर्गों से जुड़े लोगों को भी बुलाया गया है ताकि भारत की विविधता प्रतिङ्क्षबबित हो सके। उन्होंने बताया, सीडब्ल्यूसी की बैठक में दो निर्णय किए गए। डिजिटल सदस्यता अभियान लगभग संपन्न हो चुका है। ऐसे में इसके लिए कांग्रेस के संविधान में संशोधन की जरूरत थी और इसका अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही यह फैसला भी हुआ कि पार्टी की लद्दाख इकाई का गठन किया जाएगा। सोनिया गांधी की चेतावनी के संदर्भ में सुरजेवाला ने कहा, सोनिया गांधी जी ने स्पष्ट कहा है। वो यह है कि कभी-कभी आलोचना ठीक है, लेकिन यह हौंसला तोडऩे के लिए नहीं होनी चाहिए।
जादू की कोई छड़ी नहीं है : सोनिया गांधी
सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी ने नेताओं से कहा, जादू की कोई छड़ी नहीं है। नि:स्वार्थ काम, अनुशासन और सतत सामूहिक उद्देश्य की भावना से हम ²ढ़ता और लचीलेपन का प्रदर्शन कर सकते हैं। पार्टी ने हमेशा हम सबका भला किया है। अब समय आ गया है कि कर्ज को पूरी तरह चुकाया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा, हमारे पार्टी के मंचों पर स्व-आलोचना की निश्चित तौर पर जरूरत है। ङ्क्षकतु यह इस तरह से नहीं होनी चाहिए कि आत्मविश्वास और हौंसले को तोड़े तथा निराशा का माहौल बनाए। उन्होंने जोर देकर कहा, ङ्क्षचतन शिविर महज एक रस्म अदायगी नहीं होना चाहिए। मैं इसको लेकर प्रतिबद्ध हूं कि इसमें संगठन का पुनर्गठन परिलक्षित होना चाहिए ताकि वैचारिक, चुनावी और प्रबंधकीय चुनौतियों से निपटा जा सके। सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ङ्क्षचतन शिविर से देश में कांग्रेस की विचारधारा को लेकर एक विमर्श बनेगा।
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