नई दिल्ली/ प्रज्ञा शर्मा : महेंद्र सिंह धोनी को एक बार फिर चेन्नई सुपर किंग्स की कमान सौंप दी गई जब इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र में खराब प्रदर्शन के बाद अपने खेल पर फोकस करने के लिये रविंद्र जडेजा ने शनिवार को टीम की कप्तानी छोड़ दी । चेन्नई आठ में से छह मैच हार चुकी है और जडेजा अपने खेल पर फोकस करना चाहते हैं । चेन्नई को अब रविवार को पुणे में सनराइजर्स हैदराबाद से खेलना है । लीग की शुरूआत में भारत के सबसे भरोसेमंद हरफनमौला जडेजा को चेन्नई की कमान सौंपी गई थी लेकिन वह धोनी के साये से निकल ही नहीं सके । सीएसके ने एक बयान में कहा, रविंद्र जडेजा ने कप्तानी छोड़कर अपने खेल पर ध्यान देने का फैसला किया है ।
उन्होंने एम एस धोनी से टीम की कप्तानी का आग्रह किया है । धोनी ने वृहद हितों को देखते हुए इस अनुरोध का मान लिया है ताकि जडेजा अपने खेल पर फोकस कर सकें । कप्तानी के दबाव से जडेजा का खेल भी प्रभावित हुआ है और वह आठ मैचों में 112 रन ही बना सके जबकि उनकी झोली में पांच ही विकेट गिरे । चेन्नई ने पिछले साल धोनी की कप्तानी में चौथा आईपीएल खिताब जीता था । अब धोनी भविष्य के लिये किसी और को तैयार करना चाहते थे तो दूसरे सबसे सीनियर खिलाड़ी जडेजा को चुना गया । जडेजा शुरू ही से इस भूमिका में सहज नहीं दिखे । इसके अलावा धोनी की शख्सियत का करिश्मा कुछ ऐसा है कि सौराष्ट्र के इस क्रिकेटर की राह और मुश्किल हो गई । कई मैचों में तो वह डीप में फीङ्क्षल्डग करते और धोनी फैसले लेते नजर आये । एक मौके पर तो गेंदबाजी में बदलाव का फैसला धोनी ने ड्वेन ब्रावो से सलाह लेकर किया । जडेजा डीप मिडविकेट से दौड़कर आ रहे थे लेकिन जब उन्होंने देखा कि फैसला हो चुका है तो बीच में से ही मुड़ गए । आईपीएल के एक सूत्र ने बताया, वैसे तो 2020 तक सुरेश रैना को धोनी के वारिस के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन उनका फॉर्म बिगड़ा और फिर वह टीम से बाहर हो गए । इसके बाद चेन्नई के बाद कप्तानी के लिये कोई और विकल्प नहीं था । जडेजा सौराष्ट्र की टीम की एक ही बार कप्तानी कर चुके हैं और वह भी 14 साल पहले जूनियर स्तर पर । चेन्नई अब अंकतालिका में नौवे स्थान पर है और प्लेआफ में प्रवेश की उसकी राह लगभग नामुमकिन है । अब देखना यह है कि अगले साल कप्तानी के लिये कौन राजी होता है अगर धोनी 2023 में भी खेलने का फैसला लेते हैं ।