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Sunday, December 22, 2024

UP में नाराज ब्राह्मणों को साधने की तैयारी में BJP, बनाई कमेटी

नयी दिल्ली /अदिति​ सिंह : उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी ने एक समिति का गठन किया है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ ब्राह्मण नेता शामिल हैं।
सोमवार को भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उत्तर प्रदेश के प्रभावशाली ब्राह्मण नेताओं के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश भाजपा के चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान, पार्टी के सांसद शिव प्रताप शुक्ला, सांसद डॉ. महेश शर्मा, रीता बहुगुणा जोशी, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा, आनंद स्वरूप शुक्ला, सतीश द्विवेदी, सत्यदेव पचौरी, रमापति राम त्रिपाठी, जितिन प्रसाद, उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी और अनिल शर्मा जैसे नेता शामिल हुए।

—यूपी के ब्राहमण नेताओं, सांसदों, मंत्रियों ने जेपी नडडा से की मुलाकात
—भाजपा ने रणनीति के तहत गठित की एक विशेष समिति
—रविवार को धर्मेंद्र प्रधान के घर हुई बैठक में उठा था नाराजगी का मुददा

शुक्ला के नेतृत्व में गठित भाजपा की इस समिति में शामिल नेता अपने-अपने इलाकों में ब्राह्मण समाज के लोगों से मुलाकात कर सरकार की ओर से उनके लिए किए गए कार्यों की जानकारी देंगे। इसके पीछे भाजपा का मकसद उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर करना है। दरअसल बीते कुछ वर्षों में राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान ब्राह्मणों की उपेक्षा के आरोप विपक्षी दलों की ओर से लगते रहे हैं।
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, प्रदेश में दोबारा से भाजपा सरकार बनने जा रही है और उसे अधिक मजबूती देने पर बैठक में चर्चा हुई। सभी 403 विधानसभा सीटों को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है जिसे लेकर वृहद योजना बन रही है , जिसे धरातल पर लाया जाएगा।
इससे पहले रविवार को इन सभी नेताओं की प्रधान से मुलाकात हुई थी। उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर पर हुई बैठक में सभी ब्राह्मण चेहरों ने बिना किसी का नाम लिए उत्तर प्रदेश में हुए एनकाउंटर की चर्चा की। सभी ने विक्रम कांड में विकास दुबे के इंटर एनकाउंटर को सही ठहराया, लेकिन इस एनकाउंटर के अलावा जितने दूसरे एनकाउंटर हुए इस पर कई लोगों ने इसे ब्राह्मणों की नाराजगी से जुड़ा बताया। साथ ही खुशी दुबे का नाम हालांकि किसी ने नहीं दिया, लेकिन दबी जुबान में खुशी दुबे के जेल में बंद होने की चर्चा भी ब्राह्मणों के बीच फैली नाराजगी की अहम वजह बताई गई
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने सियासी समीकरण दुरुस्त करने में जुट गई है। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को साधने के लिए बनाई गई कमेटी में शिव प्रताप शुक्ला के साथ साथ बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री रहे अभिजात मिश्रा, सांसद महेश शर्मा, सांसद राम भाई मुकरियां को भी रखा गया है हालांकि माना जा रहा है कि यह 4 सदस्य कमेटी बनाकर 7 सदस्य बनाई जा सकती है, ऐसे में आने वाले समय में कुछ और नाम इस में जोड़े जा सकते हैं। यह कमेटी ब्राह्मणों की नाराजगी को लेकर इंटरनल रिपोर्ट पार्टी को सौंपेगी।

कमेटी की कमान जिस शिव प्रताप शुक्ला को सौंपी

बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने ब्राह्मण कमेटी की कमान जिस शिव प्रताप शुक्ला को सौंपी है वह पूर्वांचल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से आते हैं। बीजेपी में ब्राह्मणों के एक प्रभावी चेहरे के तौर पर वह देखे जाते हैं साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रहे और इस वक्त राज्यसभा सांसद हैं। शिव शुक्ल को गोरखपुर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल में ब्राह्मण सियासत का बैलेंस फेक्टर माना जाता है। अब यूपी के 2022 के चुनाव से ठीक पहले ब्राह्मणों की नाराजगी के कारणों का पता लगाने का जिम्मा शिव प्रताप शुक्ला को सौंपा गया है। भाजपा नेतृत्व का शिव प्रताप शुक्ला को आगे करने का मकसद सिर्फ ब्राह्मणों को साधना ही नहीं बल्कि यह संदेश देने की कोशिश है कि कभी सीएम योगी आदित्यनाथ के विरोधी रहे शिव प्रताप शुक्ला पर पार्टी पूरा भरोसा करती है।

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