फेक करंसी, हथियारों की तस्करी, ड्रग्स जैसे अपराधों की रोकथाम जरूरी
-‘मेरा क्या, मुझे क्या की सोच से ऊपर उठकर कर्तव्यों का निर्वहन करें अधिकारी
-पुलिस अधिकारियों को देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों पर ध्यान देना चाहिए
-पुलिस अधिकारी एक अच्छा टीम लीडर बनें ताकि पुलिस की छवि में बदलाव आए
-अधिकारियों को बेसिक पुलिसिंग को कभी नकारना नहीं चाहिए : अमित शाह
-HM अमित शाह ने 2020 बैच के 122 IPS अधिकारियों से की मुलाकात
नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को भारतीय पुलिस सेवा के 2020 बैच के 122 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से मुलाकात की। साथ ही अधिकारियों को कर्तव्यों के निर्वहन, देश की आतंरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों, फेक करंसी, तस्करी आदि मामलों को लेकर सजग किया। अमित शाह ने अधिकारियों का आह्वान किया कि पुलिस अधिकारियों को ‘मेरा क्या, मुझे क्या की सोच से ऊपर उठकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा, तभी सहजता के साथ किसी भी स्थिति को संभालने में सक्षम हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को समग्रता के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों पर ध्यान देना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि राज्यों के अधिकारों में दखल दिए बिना और संविधान की भावनाओं का सम्मान करते हुए फेक करंसी, हथियारों की तस्करी, ड्रग्स जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय की आवश्यकता है।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार सीआरपीसी और आईपीसी में बदलाव करने की दिशा में काम कर रही है। इसके अंतर्गत देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़, नारकोटिक्स और जाली करंसी जैसे कई अपराधों को जघन्य अपराधों की श्रेणी में लाकर इनसे निपटने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आपकी गतिविधियों का केन्द्र पुलिस थाना और सूचना का केन्द्र बीट अफसर होना चाहिए, इससे आपको बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार साइबर अपराधों व अन्य अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में कई कदम उठा रही है। मोदी सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर फॉरेन्सिक साइंस के इस्तेमाल पर बल दे रही है और देश के हर जिले में मोबाइल फॉरेन्सिक लैब स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा देश के हर जिले में साइबर अपराध रोकने के लिए एक टीम बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। छह साल से ज्यादा सजा वाले सभी मामलों में फॉरेन्सिक सुबूतों को अनिवार्य बनाया जाएगा। शाह ने कहा कि अगर अपराधियों के सपोर्ट सिस्टम को नष्ट कर दिया जाए तो वे कुछ नहीं कर सकेंगे।
अधिकारियों को बेसिक पुलिसिंग को कभी नकारना नहीं चाहिए
अमित शाह ने कहा कि एक आईपीएस अधिकारी जब अपने काडर के राज्य की भाषा, इतिहास और सामाजिक संरचना को अच्छी तरह समझेगा तभी वो अपने कर्तव्यों का निर्वहन अच्छे से कर पायेगा। अधिकारियों को एक अच्छा और अपने साथियों के हितों की चिंता करने वाला टीम लीडर बनना चाहिए तभी वे सबको साथ लेकर चल सकेंगे और पुलिस की छवि में बदलाव ला सकेंगे। शाह ने कहा कि देश के संविधान ने आप पर 30-35 साल तक देश की सेवा करने का भरोसा किया है और आपको निर्भय होकर संविधान की स्पिरिट को जमीन पर उतारने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि जो लोग स्टैंड लेते हैं वही समाज में परिवर्तन के वाहक बनते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आपको बेसिक पुलिसिंग को कभी नकारना नहीं चाहिए। कोरोना काल में देश के पुलिस व सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों ने उनके प्रति देश की जनता के नजरिए को काफी बदला है और हमें इसको और आगे ले जाने की जरुरत है।
महिला पुलिस अधिकारियों को स्कूलों में जाकर बालिकाओं के साथ संवाद करना चाहिए
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महिला पुलिस अधिकारियों को स्कूलों में जाकर बालिकाओं के साथ नियमित संवाद करना चाहिए, जिससे वे भी देश की सेवा में आगे आने के लिए प्रेरित हों।
इस बैच में कुल 139 परिवीक्षाधीन अधिकारी हैं, जिनमें 17 विदेशी प्रशिक्षु अधिकारी भूटान, मालदीव और नेपाल से हैं। 122 भारतीय परिवीक्षाधीन अधिकारियों में 97 पुरूष अधिकारी जबकि 25 महिला अधिकारी हैं। ये अधिकारी 29 सप्ताह के जिला व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग स्थानों पर जाएंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव और सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक भी उपस्थित थे।