—दो रजत, एक कांस्य पदक के साथ पैरालंपिक पदकों की जीत का क्रम बरकरार
—भाला फेंक सुमित अंतिल और निशानेबाज अवनि ने बनाया विश्व रिकार्ड
तोक्यो /नई दिल्ली : तोक्यो पैरालम्पिक में भारत के लिये सोमवार का दिन यादगार रहा जब रिकॉर्ड भी टूटे और इतिहास भी बार बार रचा गया । अनुभवी और युवा खिलाडिय़ों ने प्रतियोगिता के छठे दिन शानदार प्रदर्शन करते हुए कई पदक जीते और पैरालम्पिक के इतिहास में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिखाया । पहली बार पैरालम्पिक खेल रहे भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल (23 वर्ष) और निशानेबाज अवनि लेखरा (19 वर्ष) ने स्वर्ण पदक जीता जबकि दो बार के स्वर्ण पदक विजेता अनुभवी देवेंद्र झाझरिया (भालाफेंक) और योगेश कथूनिया (चक्काफेंक) ने रजत तथा सुंदर ङ्क्षसह गुर्जर (भालाफेंक) ने कांस्य पदक जीता ।
भारत ने अब तक पैरालम्पिक के इतिहास में 14 पदक जीते हैं जिनमें से आधे मौजूदा खेलों में ही जीत लिये और आगे भी पदक मिलने की उम्मीद है । भारत ने एथलेटिक्स में एक स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य समेत पांच पदक जीते । टेबल टेनिस में भाविनाबेन पटेल ने रविवार को रजत पदक जीता था । रियो पैरालम्पिक 2016 में भारत ने चार पदक जीते थे । भारत के लिये निराशाजनक खबर चक्काफेंक खिलाड़ी विनोद कुममार (एफ52) का कांस्य पदक वापिस लिया जाना रही जो उनके शारीरिक विकास से जुड़े क्लासीफकेशन निरीक्षण में ‘अयोग्य करार दिये गए । लेखरा ने महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। जयपुर की रहने वाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं। उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गयी थी। उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की। यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकार्ड है। इसके बाद भालाफेंक खिलाडिय़ों ने भारतीय पैरालम्पिक खेलों का स्र्विणम अध्याय लिखा ।
Phenomenal performance @AvaniLekhara! Congratulations on winning a hard-earned and well-deserved Gold, made possible due to your industrious nature and passion towards shooting. This is truly a special moment for Indian sports. Best wishes for your future endeavours.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2021
अंतिम ने अपना ही विश्व रिकॉर्ड पांच बार दुरूस्त करके स्वर्ण पदक जीता जबकि 40 वर्ष के झाझरिया ने एफ46 वर्ग में रजत पदक जीतकर साबित कर दिया कि वह भारत के महानतम पैरा एथलीट हैं ।गुर्जर ने इसी वर्ग में कांस्य पदक जीता । कथूनिया ने एफ56 वर्ग में रजत पदक जीता । हरियाणा के सोनीपत के 23 साल के सुमित ने अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर दूर तक भाला फेंका जो दिन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और एक नया विश्व रिकार्ड था। 2015 में मोटरबाइक दुर्घटना में उन्होंने बायां पैर घुटने के नीचे से गंवा दिया था। बल्कि उन्होंने 62.88 मीटर के अपने ही पिछले विश्व रिकार्ड को दिन में पांच बार बेहतर किया। हालांकि उनका अंतिम थ्रो फाउल रहा। उनके थ्रो की सीरीज 66.95, 68.08, 65.27, 66.71, 68.55 और फाउल रही। अंतिल ने इस प्रदर्शन के बाद कहा, ट्रेङ्क्षनग में मैंने कई बार भाला 71 मीटर और 72 मीटर फेंका था। नहीं जानता कि प्रतिस्पर्धा के दौरान क्या हो गया। एक चीज निश्चित है कि भविष्य में मैं इससे कहीं बेहतर थ्रो करूंगा। एफ64 स्पर्धा में एक पैर कटा होने वाले एथलीट कृत्रिम अंग (पैर) के साथ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं। दिल्ली के रामजस कॉलेज के छात्र अंतिल दुर्घटना से पहले पहलवान थे।
ऐतिहासिक!#Paralympics में अपने परिश्रम और उत्कृष्ट प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीतकर हर भारतीय को गौरवान्वित करने वाली @AvaniLekhara को बहुत-बहुत बधाई।
विश्व में तिरंगे का मान बढ़ाने के लिए आपके जुनून व समर्पण को पूरा देश सलाम करता है।
— Amit Shah (@AmitShah) August 30, 2021
दुर्घटना के बाद उनके बायें पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा। उनके गांव के एक पैरा एथलीट 2018 में उन्हें इस खेल के बारे में बताया। कृत्रिम पैर के कारण शुरू में उन्हें काफी मुश्किल हुई जिसमें दर्द के साथ रक्त स्राव भी होता था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और डटे रहे। भारतीय सेना में जेडब्ल्यूओ अधिकारी के बेटे अंतिल पटियाला में पांच मार्च को पटियाला में इंडियन ग्रां प्री सीरीज 3 में ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा के खिलाफ खेले थे जिसमें वह 66.43 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे थे जबकि चोपड़ा ने 88.07 मीटर के थ्रो से अपना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा था। अंतिल ने दुबई में 2019 विश्व चैम्पियनशिप में एफ64 भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता था। वह पुरुषों के भाला फेंक के एफ46 स्पर्धा में झाझरिया के बाद तीसरे स्थान पर रहे। एफ46 में एथलीटों के हाथों में विकार और मांसपेशियों में कमजोरी होती है। इसमें खिलाड़ी खड़े होकर प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं।
Proud Moment!!!#AvaniLekhara got the 1st gold medal ? for India at the Tokyo 2020 #Paralympics. She topped in 10m Air Rifle SH1. #Praise4Para #Cheer4India pic.twitter.com/GYtqCTc9y9
— IAS Association (@IASassociation) August 30, 2021
एथेंस (2004) और रियो (2016) में स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय झाझरिया ने एफ46 वर्ग में 64.35 मीटर भाला फेंककर अपना पिछला रिकार्ड तोड़ा। श्रीलंका के दिनेश प्रियान हेराथ ने हालांकि 67.79 मीटर भाला फेंककर भारतीय एथलीट का स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी करने का सपना पूरा नहीं होने दिया। श्रीलंकाई एथलीट ने अपने इस प्रयास से झाझरिया का पिछला विश्व रिकार्ड भी तोड़ा।
Congratulations #AvaniLekhara for hitting the bullseye ?and creating history by becoming the first Indian woman to win a #Paralympics gold medal ?What a debut! #Tokyo2020 pic.twitter.com/zBzCWGFm7X
— Akshay Kumar (@akshaykumar) August 30, 2021
झाझरिया जब आठ साल के थे तो पेड़ पर चढ़ते समय दुर्घटनावश बिजली की तार छू जाने से उन्होंने अपना बायां हाथ गंवा दिया था। उनके नाम पर पहले 63.97 मीटर के साथ विश्व रिकार्ड दर्ज था। गुर्जर ने 64.01 मीटर भाला फेंका जो उनका इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस 25 वर्षीय एथलीट ने 2015 में एक दुर्घटना में अपना बायां हाथ गंवा दिया था। जयपुर के रहने वाले गुर्जर ने 2017 और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे। उन्होंने जकार्ता पैरा एशियाई खेल 2018 में रजत पदक जीता था।
दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से बी कॉम करने वाले कथूनिया ने रजत पदक जीता
भारत के एक अन्य एथलीट अजीत ङ्क्षसह 56.15 मीटर भाला फेंककर नौ खिलाडिय़ों के बीच आठवें स्थान पर रहे। इससे पहले कथूनिया ने पुरुषों के चक्का फेंक के एफ56 स्पर्धा में रजत पदक जीता था। दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से बी कॉम करने वाले 24 वर्षीय कथूनिया ने अपने छठे और आखिरी प्रयास में 44.38 मीटर चक्का फेंककर रजत पदक जीता। आठ साल की उम्र में लकवाग्रस्त होने वाले कथूनिया शुरू में पहले स्थान पर चल रहे थे लेकिन ब्राजील के मौजूदा चैंपियन बतिस्ता डोस सांतोस 45.59 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। क्यूबा के लियानार्डो डियाज अलडाना (43.36 मीटर) ने कांस्य पदक जीता। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता कथूनिया ने तोक्यो में अपनी स्पर्धा की शुरुआत की। उनका पहला, तीसरा और चौथा प्रयास विफल रहा जबकि दूसरे और पांचवें प्रयास में उन्होंने क्रमश: 42.84 और 43.55 मीटर चक्का फेंका था। कथूनिया ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में 42.51 मीटर चक्का फेंककर पैरालंपिक के लिये क्वालीफाई किया था।