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Sunday, December 22, 2024

सेना में महिला सैन्य अधिकारियों को बड़ी कामयाबी, पदोन्नत कर मिला कर्नल रैंक

-पांच महिला अधिकारियों को कर्नल पद पर प्रमोशन की सिफारिश
-संगीता सरदाना, सोनिया आनंद, नवनीत दुग्गल, रीनू खन्ना, ऋचा सागर शामिल
—सेना में 26 साल की सेवा पूरी करने के बाद पदोन्नत करने का निर्णय

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : भारतीय सेना के चयन बोर्ड ने सेना में 26 साल की मानद सेवा पूरी करने के बाद पांच महिला अधिकारियों को कर्नल (टाइम स्केल) के पद पर पदोन्नत करने का निर्णय लिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब कॉप्र्स ऑफ सिग्नल्स, कॉप्र्स ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) और कॉप्र्स ऑफ इंजीनियर्स में सेवारत महिला अधिकारियों को कर्नल के पद पर पदोन्नत करने को मंजूरी दी गई है। इससे पहले, कर्नल के पद पर पदोन्नति केवल सैन्य चिकित्सा सेवा इकाई (AMC), जज एडवोकेट जनरल (JAG) और सैन्य शिक्षा कोर (AEC) में कार्यरत महिला अधिकारियों के लिए ही लागू होती थी। जिन पांच महिला सैन्य अधिकारीयों का कर्नल टाइम स्केल रैंक के लिए चयन किया गया है, वे हैं कॉप्र्स ऑफ सिग्नल्स से लेफ्टिनेंट कर्नल संगीता सरदाना, कॉप्र्स ऑफ ईएमई से लेफ्टिनेंट कर्नल सोनिया आनंद और लेफ्टिनेंट कर्नल नवनीत दुग्गल तथा कॉप्र्स ऑफ इंजीनियर्स से लेफ्टिनेंट कर्नल रीनू खन्ना और लेफ्टिनेंट कर्नल ऋचा सागर।

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बता दें कि भारतीय सेना की अधिक से अधिक शाखाओं में पदोन्नत होने का विस्तार करना महिला अधिकारियों के लिए इस क्षेत्र में करियर के बढ़ते अवसरों का संकेत है। भारतीय सेना की अधिकांश शाखाओं से महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के निर्णय के साथ ही यह फैसला सैन्य सेवाओं में लैंगिक समानता के प्रति भारतीय सेना के सकारात्मक दृष्टिकोण को परिभाषित करता है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिग्नल कोर, इलेक्ट्रानिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर, इंजीनियर्स कोर में अब तक काम कर रही महिला सैन्य अफसरों को पहली बार कर्नल रैंक दी गई है। आर्मी मेडिकल कोर, जज एडवोकेट जनरल और आर्मी एजुकेशन काप्र्स में कार्यरत महिला सैन्य अफसरों को यह रैंक प्रमोशन दी गई है।

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गौरतलब है कि सु्प्रीम कोर्ट ने हाल ही में सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन देने के मामले में कड़ी टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था, केंद्र सरकार स्थायी कमीशन के फैसले को वैसे ही लागू करे, जैसे यह दिया गया है। अदालत ने कहा कि हम फैसले को फिर से नहीं खोलेंगे। अगर आप खुश नहीं हैं तो पुनर्विचार दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने केस को फिर से खोलने से इनकार कर दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार की स्पष्टीकरण के लिए दाखिल अर्जी पर विचार करने से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने महिला अफसरों की अर्जी पर भी सुनवाई से इनकार किया। कोर्ट ने सफाई मांगने के तरीके पर नाराजगी जाहिर की थी। पीठ ने कहा था कि अगर फैसले के संबंध में कोई शिकायत है, तो इस पर पुनर्विचार के लिए ही सही विकल्प है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र फैसले को वैसे ही लागू किया जाए, जैसे यह दिया गया है। इस कड़ी टिप्पणी के बाद यह फैसला आया है।

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