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Friday, November 22, 2024

अकाली दल को सहायता सामग्री देकर फंसी DSGMC, गुरमीत शंटी कराएंगे केस!

-कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने लिखा पत्र, मांगा सामानों का ब्योरा
-तीन दिन में हिसाब ना मिला तो दर्ज कराएंगे आपराधिक मुकदमा : शंटी

नई दिल्ली /टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के द्वारा दान में मिली मेडिकल सामान को पंजाब के बठिंडा भेजने के मामले में विपक्षी दलों ने घेरेबंदी कर दी है। साथ ही कमेटी को कटघरे में खड़ा करते हुए इसका हिसाब मांगा है। इसको लेकर दिल्ली कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने आज कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को पत्र लिखा है। साथ ही इसकी प्रति महासचिव हरमीत कालका को भी भेजी है।
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के द्वारा दिल्ली कमेटी का आक्सीजन कंस्सटेटर भेजने के लिए धन्यवाद करने के बाद मामला तूल पकड़ लिया है। कमेटी सदस्य गुरमीत सिंह शंटी ने सोमवार को इस मामले को उठाते हुए कमेटी प्रबंधकों से सवाल पूछे हैं।

अकाली दल को सहायता सामग्री देकर फंसी DSGMC, गुरमीत शंटी कराएंगे केस!

शंटी ने अपने पत्र में तीन दिनों के अंदर अकाली दल को भेजे गए सामान की जानकारी देने की मांग की है। साथ ही अल्टीमेटम दिया है कि ऐसा ना करने पर कानूनी कार्रवाई के लिए वह बाध्य होंगे। शंटी का कहना है कि गुरुद्वारा कमेटी एक्ट के अनुसार कमेटी के संसाधनों का किसी भी राजनीतिक दल के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकता है। शिरोमणि अकाली दल एक राजनीतिक पार्टी है इसलिए यह सीधे तौर पर दिल्ली गुरुद्वारा एक्ट की धारा- 26 का उल्लंघन हुआ है। खास बात यह है कि अकाली दल को पंजाब भेजी गई सामग्री के बारे में कमेटी की कार्यकारिणी से कोई मंजूरी नहीं ली गई है। एक तरफ दिल्ली कोरोना की दूसरी लहर की जबरदस्त मार झेल रही है और तीसरी लहर आने की दिल्ली के मुहाने पर खड़ी है। लेकिन, उसके बावजूद मनमर्जी करते हुए कमेटी प्रबंधकों ने मेडिकल सामग्री को सियासी पार्टी को वोटों का फायदा दिलवाने के लिए भेजा दिया है। शंटी ने आरोप लगाया कि जब सामान पंजाब को भेजा गया तब भी इसकी जानकारी कमेटी ने दान कर्ताओं एवं दिल्ली की संगातेां को नहीं दिया। खासकर कर वह सामान बादल परिवार के अपने सियासी प्रभाव वाले क्षेत्र में बांटा गया है। यह सीधे तौर पर दिल्ली गुरुद्वारा एक्ट को मात देने के बराबर है। जबकि गुरुद्वारा एक्ट के अनुसार किसी को व्यक्तिगत सहायता देन के लिए प्रधान के पास केवल 500 रुपये , महासचिव की केवल 250 रुपये, मैनेजर के पास 50 रुपये की पावर है। इसी प्रकार संस्था को सहायता देने के लिए क्रमश: 1000 और 500 रुपये देने की ताकत है। लेकिन दिल्ली कमेटी के पदाधिकारियों ने लाखों रुपये के सामान को बिना किसी मंजूरी के आगे भेजकर अपराध किया है। इसलिए इनके खिलाफ अपराधिक शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
उधर, इस मामले में गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका पहले ही कह चुके हैं कि पंजाब की संस्थाओं ने उन्हें पत्र लिखकर मेडिकल सामग्री की मांग की थी, उसी आधार पर दिल्ली कमेटी ने पंजाब को सामान भेजा है। कालका के मुताबिक कमेटी ने पंजाब के पहले जम्मू-कश्मीर, आसाम, रिषाीकेश, अलवर को भे मेडिकल सामग्री भेजी है। विपक्षी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह विरोध कर रहे हैँ।

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