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Saturday, November 23, 2024

नगर कीर्तन को लेकर शुरु हुआ सियासी ‘महाभारत’

–28 अक्टूबर को प्रस्तावित है नगर कीर्तन, टकटाव की स्थिति बनी
–दिल्ली कमेटी और सरना दल आमने-सामने मैदान में उतरे
–सिख संगतों में भ्रम की स्थिति, किस धड़े तो दें पासपोर्ट

नई दिल्ली, (विशेष संवाददाता ) : श्री गुरुनानक देव जी ने समाज को संवाद का सिंद्वात दिया था। हर मसले का हल बैठकर बातचीत के जरिये सुलझाने का संदेश भी दिया था। लेकिन, दिल्ली की दो सियासी धड़े उसी गुरू के प्रकाश पर्व को लेकर निकाले जाने वाले प्रस्तावित नगर कीर्तन को लेकर आपस में भिड़ गए हैं। दोनों सिख संस्थाएं एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक दी हैं। साथ ही एक दूसरे को झूठा करार दे रही हैं। नगर कीर्तन 28 अक्टूबर को दिल्ली से पाकिस्तान तक निकाला जाना है।
अकाली दल की अगुवाई वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और प्रमुख विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल (सरना गुट) के इस राजनीतिक गतिरोध के बीच नगर कीर्तन में जाने की इच्छुक सिख संगत के लिए भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। दोनों धड़े संगत से पाकिस्तान से वीजा लगवाने के लिए पासपोर्ट मांग रहे हैं। परमजीत सिंह सरना के द्वारा 1500 लोगों का वीजा लगवाने का दावा किया जा रहा है, जबकि दिल्ली कमेटी 550 लोगों का वीजा दिलवाने का वायदा कर रही है। इसलिए अब दिल्ली स्थिति पाकिस्तान दूतावात के लिए फैसले की घड़ी है। यह माना जा रहा है कि दूतावास की तरफ से दोनों में से किसी एक धड़े के वीजा आवेदनों को ही स्वीकार किया जाएगा। किस धड़े का वीजा लगेगा, इसका फैसला इस्लामाबाद से आएगा। इसलिए मान सकते हंै सूत ना कपास झूठ के लिए लटठम लटठा..।

टकराव के चलते नगर कीर्तन का स्थल बदला : सरना

नगर कीर्तन को लेकर शुरु हुआ सियासी 'महाभारत'

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा कि गुरु साहिब के 550वें प्रकाश प्रर्व के उपलक्क्ष में गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली से गुरुद्वारा जन्म स्थान ननकाना साहिब पाकिस्तान तक नगर कीर्तन 28 अक्टूबर को ले जाने का ऐलान किया था, जिसके बाद दिल्ली कमेटी ने भी 28 अक्टूबर को ही नगर कीर्तन निकालने का ऐलान कर दिया है। नगर कीर्तन को लेकर टकराव की स्थिति बन गई है। इसको देखते हुए सरना ने आज एक कदम पीछे खींचते हुए नगर कीर्तन की शुरुआत का स्थल गुरुद्वारा बंगला साहिब गुरुद्वारा से बदलकर गुरुद्वारा नानक प्याऊ साहिब कर दिया। इस बात का ऐलान सरना ने आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान किया।
सरना ने कहा कि उनके पास पाकिस्तान सरकार के एवेक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड तथा पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा पं्रबंधक कमेटी की तरफ से नगर कीर्तन निकालने की मंजूरी मिली हुई है। लेकिन, अकाली दल और दिल्ली कमेटी आरएसएस के इशारे पर रंग में भंग डालने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि बादल दल द्वारा नगर कीर्तन के दौरान टकराव पैदा करने कि की जा रही साजिशों के मद्देनजर नगर कीर्तन के आरम्भ के स्थान में परिवर्तन किया गया है।
सरना ने कहा कि सिख विरोधी ताकतों के इशारों पर चलने वाले कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने 28 अक्टूबर को अलग से गुरुद्वारा बंगला साहिब से ननकाना साहिब तक नगर कीर्तन निकालने की घोषणा की है। जबकि शिरोमणी अकाली दल दिल्ली पहले ही इस तारीख को गुरुद्वारा बंगला साहिब से गुरद्वारा ननकाना साहिब तक पंथक नगर कीर्तन निकालने की घोषणा कर चुका था।


सरना ने बताया कि सिरसा और बादल दल द्वारा पहले नवंबर और अक्टूबर की विभिन्न तारीखों पर नगर कीर्तन ले जाने की घोषणा की गयी थी, लेकिन अब 28 अक्टूबर को नगर कीर्तन निकालने की बयानबाजी की जा रही है। उन्होंने कहा कि नगर कीर्तन को दिल्ली से ननकाना साहिब तक ले जाने के लिए पाकिस्तान सरकार और अन्य विभागों से अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन बादल दल को पाकिस्तान सरकार से अभी तक ऐसी कोई अनुमति नहीं मिली है और केवल हवाई किले बनाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य पंथक नगर कीर्तन में टकराव की स्थिति पैदा करना है।

बादल पार्टी को नगर कीर्तन की कोई अनुमति नहीं मिली : सरना

पार्टी के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि सिरसा, बादल दल की परम्पराओं अनुसार झूठा प्रचार करके नगर कीर्तन के संबंध में संगतों को गुमराह कर रहे हंै, क्योंकि बादल पार्टी को आज तक नगर कीर्तन ले जाने की कोई अनुमति नहीं मिली है। पाकिस्तान सरकार, इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड और पाकिस्तान सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उनकी पार्टी को इस ऐतिहासिक मौके पर नगर कीर्तन ले जाने की अनुमति दी है। इसलिए बादल दल द्वारा नगर कीर्तन में खलल डालने से बचने के लिए संगतों के सुझाव पर नगर कीर्तन गुरद्वारा बंगला साहिब की जगह गुरद्वारा नानक पियाऊ साहिब से आरम्भ किया जा रहा है। यह नगर कीर्तन 28 अक्टूबर को दिल्ली से चलकर 31 अक्टूबर को गुरद्वारा ननकाना साहिब पहुंचेगा।

सिख संगत को गुमराह कर रहे हैं सरना: दिल्ली कमेटी


दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका ने समानांतर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए परमजीत सिंह सरना को कमेटी के साथ मिलकर एक ही नगर कीर्तन निकालने की पेशकश कर दी। साथ ही इशारों इशारों में ही चेतावनी भी दे दी है कि अगर सरना का नगर कीर्तन अगर कल को सरकार ने भारत में रोक दिया तो उसके लिए दिल्ली कमेटी और अकाली दल जिम्मेदार नहीं होगा। क्योंकि सरना के पास भारत और पाकिस्तान सरकार की मंजूरी नहीं है। पत्रकारों के बार-बार कुरेदने पर कालका ने माना कि दिल्ली कमेटी के पास अभी तक कोई सरकारी मंजूरी नहीं है, लेकिन भारत सरकार पाकिस्तान सरकार को इस बारे में रजामंद करने पर लगी हुई है।

नगर कीर्तन को लेकर शुरु हुआ सियासी 'महाभारत'


उन्होंने कहा कि जो नगर कीर्तन दिल्ली कमेटी की तरफ से शिरोमणी प्रबंधक कमेटी, तख्त श्री हज़ूर साहिब कमेटी और तख्त श्री पटना साहिब कमेटी के सहयोग से निकाला जा रहा है। इस सबंध में अलग-अलग अनुमतियां लेने के लिए हमनें 15 मार्च को ही एक कमेटी गठित की थी और 30 मार्च को अनुमति लेने का काम शुरु कर दिया था। लेकिन सरना और उनके साथी केवल पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का एक पत्र लेकर घूम रहे हैं उनके पास दोनों सरकारों के किसी विभाग की कोई परमीशन नहीं है।


कालका ने कहा कि जब तकनीकी खामियों के कारण परमजीत सिंह सरना द्वारा ले जाया जा रहा नगर कीर्तन सरहद से पार नहीं जाने दिया जायेगा तो संगतें तंग-परेशान होंगी। उस समय सरना द्वारा यह मुद्दा उठाया जायेगा कि दिल्ली कमेटी, शिरोमणी अकाली दल और शिरोमणी कमेटी ने उनके द्वारा ले जाया जा रहा नगर कीर्तन रुकवा दिया है। लिहाजा, सरना को अपील करते हैं कि मिल कर नगर कीर्तन लेकर चलें, क्योंकि यह नगर कीर्तन धार्मिक संस्थाओं द्वारा ही ले जाये जाना शोभा देते हैं ना कि सियासी पार्टियों द्वारा। उन्होंने कहा कि दिल्ली कमेटी एक चुनी हुई धार्मिक संस्था है, जिसका फर्ज बनता है कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर उनका संदेश संसार भर में प्रचार और प्रसार करना जो हम भी कर रहे हैं।


इस मौके पर दिल्ली कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीबी रणजीत कौर, परमजीत सिंह चंडोक, जसमेन सिंह नोनी, हरजीत सिंह पप्पा, अमरजीत सिंह पिंकी, ओंकार सिंह राजा, भुपिंदर सिंह भुल्लर, रमिंदर सिंह स्वीटा, हरजीत सिंह बेदी, जसप्रीत सिंह विक्की मान, सुखविंदर सिंह बब्बर और बीबी रविंदर कौर भी मौजूद थे।

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