– कोरोना वायरस के हालात पर SC की सुनवाई
– महामारी की तीसरी लहर के लिए सरकार कितनी तैयार- सुप्रीम कोर्ट
– तीसरी लहर के लिए केंद्र का क्या है इमरजेंसी प्लान
– घर बैठी नर्सेस और एग्जाम की तैयारी कर रहे डॉक्टर्स करेंगे इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत
नई दिल्ली/ साधना मिश्रा: कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से देशभर में तांडव मचा हुआ है, अस्पतालों में मरीज ऑक्सीजन, बेड और दवाईओं की किल्लत से जूझ रहे है। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज यानी गुरुवार को कोविड के नए मामले 4 लाख के पार पहुंच गए है। एक तरफ जहां कोरोना की दूसरी लहर ने देश की अव्यवस्था की पोल खोल दी है, वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जल्द ही महामारी की तीसरी लहर का सामना करने वाली है।
SC ने केंद्र से पूछा क्या आपके पास कोई इमरजेंसी प्लान है?
आपको बता दें कि आज यानी गुरुवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सीजन की किल्लत और कोरोना के हालात पर सुनवाई की गई। इसी बीच महामारी की तीसरी लहर के खिलाफ चिंता व्यक्त करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र से सवाल पूछा कि कोरोना की तीसरी लहर का सामना कैसे करेंगे। क्या केंद्र के पास कोई इमरजेंसी प्लान है?
युवा वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन हर हाल में हो पूरा – सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर को लेकर सरकार की तैयारियों के बारें में पूछा। कोर्ट ने केंद्र से सवाल करते हुए कहा कि कोविड की तीसरी लहर के लिए सरकार कितनी और किस तरह तैयार है। तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित हो सकते हैं और बच्चों के साथ माता-पिता भी अस्पताल जाएंगे। ऐसे में हमें उसकी तैयारी अभी से करनी होगी, इसके लिए उस समय तक युवाओं का वैक्सीनेशन हर हाल में पूरा करना होगा।
घरों में बैठी नर्सेस और एग्जाम की तैयारी कर रहे डॉक्टर्स इंफ्रास्ट्रक्चर को करें मज़बूत
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर के लिए केंद्र को अभी से तैयारी करने की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि जल्द से जल्द युवा वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन पूरा किया जाए। कोर्ट ने कहा कि आज करीब डेढ़ लाख ऐसे डॉक्टर्स हैं जो एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं, वहीं लगभग ढाई लाख नर्स घरों में बैठी हैं। ये वही लोग है जो कोरोना वायरस की तीसरी लहर के समय आपके इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि देशभर के स्वास्थ्यकर्मी मार्च 2020 से लगातार काम कर रहे हैं, उन पर भी थकान और दबाव बहुत ज्यादा है।