–जागो पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र
–बरामद रुपयों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग
-वोट को खरीदने के लिए इस्तेमाल होना था रुपया : मंजीत सिंह
नई दिल्ली/ अदिति सिंह : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 25 अप्रैल को प्रस्तावित आम चुनाव के दौरान पंजाबी बाग से कथित रूप से बरामद हुई भारी रकम को लेकर सियासत गरमा गई है। जागो पार्टी ने इसे सीधे तौर पर गुरुद्वारा चुनाव से जोड़ते हुए दावा किया है कि यह रकम वोटरों को खरीदने एवं चुनाव को प्रभावित करने के लिए लाया गया था। यह रुपया किस पार्टी एवं नेता का है, इसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। इसको लेकर जागो पार्टी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। साथ ही इस खेल में शिरोमणि अकाली दल बादल के शामिल होने का दावा भी किया है। जागो पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में दावा किया है कि बरामद हुए पैसे शिरोमणि अकाली दल के गुरुद्वारा रकाबगंज स्थित कार्यालय से पंजाबी बाग भेजे गए थे।
जीके का आरोप है कि अकाली दल के नेताओं का नशा माफिया के साथ गठजोड और करीबी संबंध सामने आते रहे हैं। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल बादल को सिगरेट और शराब कंपनियों के द्वारा आधिकारिक तौर पर चंदा देने का खुलासा भी सामने आ चुका है। संभवत: इस राशि का उपयोग गुरुद्वारा पं्रबधक कमेटी के चुनाव में वोट खरीदने एवं वोटरों को प्रभावित करने के इस्तेमाल में किया जाना था। जीके ने प्रधानमंत्री मोदी से मांगा की है कि इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच एजेंसी के द्वारा जांच करके ड्रग माफिया और अकाली दल के संबंध को सामने लाना चाहिए।
बता दें कि 12 अप्रैल को पंजाबी बाग थाने में एक कार को पकड़ा गया था, जिसमें 2 करोड़ रुपये बरामद होने की जानकारी सामने आ रही है। कार के साथ 3 लोगों को भी हिरासत में लिया गया था। बाद में मामला आयकर विभाग को सौंप दिया गया। हालांकि पुलिस के द्वारा केवल एक करोड़ रुपये जमा कराने का दावा किया गया है। लेकिन, जीके ने इसे 2 करोड़ रुपये की रकम बताया है। उधर, आयकर विभाग की तरफ से इस मामले में औपचारिक तौर पर मामला दर्ज करने के बाद 1 करोड़ रुपये और बरामद करने की बात भी सामने आ रही है। इस संबंध में पंजाबी बाग में रहने वाले 2 सिख नेताओं को आयकर विभाग के द्वारा नोटिस भी जारी करने की बात भी कही जा रही है।
अकाली दल ने किया पलटवार, सरना-जीके को लपेटा
शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने इस मामले में पलटवार करते हुए प्रमुख विपक्षी दल सरना दल और मंजीत सिंह जीके को ही लपेट लिया है। कालका ने कहा है कि सरना भाईयों द्वारा मनजीत सिंह जी.के के लिए 2 करोड़ रुपये भेजे जा रहे थे। इस घटना से दोनों दलों की साँठगाँठ बेनकाब हो गई है।
पार्टी के द्वारा जारी किए एक बयान में हरमीत सिंह कालका ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि सरना भाइयों ने पंजाब में शराब के कारोबार से कमाया दो करोड़ रूपया मौजूदा दिल्ली कमेटी चुनावों के लिए हुए समझौते के तहत मनजीत सिंह जी.के को भेजना था। यह पैसा जब उनकी पंजाबी बाग की रिहाईश से जी.के की रिहाईश की तरफ रवाना किया गया तो वह रास्ते में पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि दो नंबर की कमाई को इसी तरह से जाना था यह बात जग जाहिर है। कालका ने कहा कि सरना व जी.के चाहे इस तरह का पैसा आपस में बांट लें, शराब व अन्य नशे चाहे आपस में बांट लें मगर दिल्ली की संगत इनकी तुच्छ हरकतों से अच्छी तरह वाकिफ है और इनके घटिया हथकंडों को मुंह नहीं लगाएगी।
पैसों की सख्ती से जांच होना चाहिए : सरना
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के वरिष्ठ महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि पैसा किस पार्टी की ओर से भेजा गया था, इसकी सख्ती से तुरंत जांच होनी चाहिए। अगर उनकी पार्टी का है तो वह तुरंत चुनाव से बाहर हो जाएंगे, लेकिन अगर अकाली दल की ओर से पैसा भेजा गया था तो उन्हें चुनावी प्रक्रिया से तुरंत बाहर हो जाना चाहिए। सरना ने कहा कि अकाली दल इस चुनाव में पूरी तरह से नाकाम हो चुका है और एक भी सीट उन्हें नजर नहीं आ रही है इसलिए बड़ा खेल दिल्ली में करना चाह रहे हैं। रुपये की बरामदगी भी उसी का हिस्सा है। सरना ने दावा किया कि पराजय को देखते हुए अकाली नेताओं का मानसिक संतुलन खराब हो गया है। लिहाजा, बरामद रुपयों की सख्ती से जांच होनी चाहिए, जांच दो दिन में पूरी होनी चाहिए।