—दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव स्थगित करने की सिफारिश की
—सरकार ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र, आज लग सकती है मुहर
—25 अप्रैल को प्रस्तावित है आम चुनाव के लिए मतदान
——चुनाव निदेशालय कर चुका है पूरी तैयारी, छप चुके हैं बैलेट पेपर
नई दिल्ली/खुशबू पाडेय : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 25 अप्रैल को होने वाले आम चुनावों पर कोरोना की तलवार लटक गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल वैजल को दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रस्तावित चुनाव को स्थगित करने की सिफारिश भेजी है। साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 13 मई तक चुनावी प्रक्रिया पूरी करने का हवाला दिया है। दिल्ली में 25 अप्रैल तक लाकडाउन लगाया गया है। अब गेंद उपराज्यपाल के पाले में है। चुनाव स्थगित करना है या आगे बढाना है इसपर फैसला लेंगे।
जानकारी के मुताबिक तय प्रक्रिया के मुताबिक 25 अप्रैल को मतदान होना था। 28 अप्रैल को मतगणना और 30 अप्रैल तक चुनाव प्रक्रिया पूरी होनी थी। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय को 2 सप्ताह की अतिरिक्त मोहलत कोरोना के चलते दी थी। अगर उपराज्यपाल मुख्यमंत्री की सिपफारिश को स्वाीकार कर लेते हैं तो चुनाव की अगली तारीख 9 मई को हो सकती है। साथ ही मतगणना 11 या 12 मई को होने के बाद 13 मई को चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो सकती है।
बता दें कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से दिल्ली में लगाए गए लाकडाउन में दिल्ली कमेटी चुनाव को लेकर कोई रियायत नहीं दी गई है। हालांकि दिल्ली में 50 लोगों को शादी में शामिल होने सहित कुछ आयोजनों की इजातत दी गई है। इसलिए कोरोना महामारी को देखते हुए दिल्ली कमेटी के चुनाव अब 9 मई तक टलने की संभावना प्रबल हो गई है। लेकिन ये तभी संभव होगा कि 25 अप्रैल के बाद लाकडाउन आगे ना लगे। यदि लाकडाउन भी आगे बढ जाता है और चुनाव प्रक्रिया 13 मई तक संपूर्ण नहीं होती है तो पूरी चुनाव प्रक्रिया रदद हो जाएगी। इसके बाद नामांकन से लेकर मतगणना तक सारा काम नये सिेर से शुरू होगा। सूत्रों का दावा है कि मौजूदा प्रक्रिया के लिए सभी 46 वार्डो में मतदान के लिए वैलेट पेपर भी छप चुके हैं, और नई चुनावी प्रक्रिया होने पर सबकुछ खत्म हो जाएगा और नये सिरे से पूरी व्यवस्था करनी होगी।
कोरोना महामारी के बीच कई दल चुनाव के पक्ष में नहीं थे
दिल्ली में कई दिनों से कोरोना संक्रमण की तेज हुई रफतार को देखकर कई धार्मिल दलों ने इस बीच चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं थे। वह प्रचार तो बचते बचाते कर रहे थे लेकिन अंदर से बिल्कुल तैयार नहीं थे। यही कारण है कि दिल्ली सरकार की सिफारिश से वह खुश हैं। उनका मानना है कि अगर 25 अप्रैल को चुनाव होते हैं तो मत प्रतिशत बहुत कम होगा, जिस वजह से संगत अपना जनादेश ठीक से नही दे पाएगी। 40 साल से अधिक आयु वाला कोई भी मतदाता वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलेगा। जो निकलेगा उसमें ज्यादातर पार्टियों के कोर समर्थक ही होंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिफारिश का जागो पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने स्वागत किया है। लेकिन दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे गलत बताया है। साथ ही कहा है कि दिल्ली में जब सभी काम हो रहे हैं, मेटरो, बस और शादी विवाह चल रहे हैं तो चुनाव क्यों स्थगित किया जा रहा है। यह बुरी बात है।