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Friday, November 22, 2024

दिल्ली में अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए लगाया नाईट कर्फ्यू

– दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के बीच में नाइट कर्फ्यू का रास्ता निकाला          -दिल्ली सरकार अस्पतालों में लगातार बेड की संख्या को बढ़ा रही

नई दिल्ली/ अदिति सिंह : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि नाईट कर्फ्यू के दौरान आ रही ई-पास से संबंधी सभी दिक्कतों का समाधान आज कर दिया जाएगा। दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में एक समय ऐसा आया था, जब कोरोना संक्रमण के मामले 200 से नीचे आने लगे थे, लेकिन पिछले 3 हफ्तों से संक्रमण के मामले बढ़ते हुए दिख रहे हैं। आज संक्रमण के मामले 5000 से ज्यादा पहुंच गए हैं। दिल्ली सरकार कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए अस्पतालों में लगातार बेड की संख्या को बढ़ा रही है। पिछले 2-3 दिनों में 2 हजार से ज्यादा बेड की संख्या बढ़ा दी गई है। आने वाले 2-3 दिनों के अंदर ढाई हजार बेड और बढ़ाए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी को एक साल से ज्यादा हो गए हैं। हम सभी लोगों को कोरोना के नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। सभी लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से पहले मास्क जरूर लगाना चाहिए।

दिल्ली में अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए लगाया नाईट कर्फ्यू

साथ ही, बार-बार हाथों को धोएं और सामाजिक दूरी का पालन करते रहें। अगर सही तरीके से हम सभी कोरोना के बचाव के नियमों का पालन करते हैं, तो हम इस महामारी को रोक सकते हैं। दिल्ली वासियों ने पिछले 2-3 महीने बहुत अच्छे से इन सभी नियमों का पालन किया था, जिस वजह से हम सभी को इस महामारी को रोकने में कामयाबी मिली थी। दोबारा अगर ऐसे ही पालन करेंगे, तो निश्चित ही फिर से इस संक्रमण को रोक पाएंगे। सत्येंद्र जैन ने कहा कि नाईट कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक लगाया जा रहा है। इससे अनावश्यक भीड़ को रोकने में मदद मिलेगी। नाईट कर्फ्यू को पूरे दिल्ली में लगाया गया है, जिससे संक्रमण को रोका जा सके। यह नाईट कर्फ्यू थोड़े दिनों के लिए लगाया गया है। सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम ज्यादा कठिन नहीं है।

दिल्ली के बाहर से आ रहे लोग अपना टिकट दिखा कर जा सकते हैं

नाइट कर्फ्यू के दौरान दिल्ली के बाहर से आ रहे लोग अपना टिकट दिखा कर जा सकते हैं। साथ ही, टैक्सी को नाईट कर्फ्यू से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए हमे अपनी आदतों में थोड़ा बदलाव करना होना। लोग या तो पूर्ण लॉकडाउन की बात करते हैं या पूरी तरह से अनलॉक की बात करते हैं। हमें बीच का कोई रास्ता निकलना चहिए, जो हमने नाईट कर्फ्यू लगाकर किया। नाईट कर्फ्यू में ई-पास से संबंधी सभी दिक्कतों का समाधान आज कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हम सभी को बढ़ते संक्रमण के मामलों को समझना चाहिए और इसे गंभीरता से लेना चाहिए। बीते 2-3 महीने से संक्रमण के केस 200 से कम आ रहे थे, लेकिन आज 5,100 की संख्या तक पहुंच गया है।

आने वाले समय में महामारी और भयावह रूप ले सकती है

दिल्ली में संक्रमण का दर 5 फीसद चल रहा है, महाराष्ट्र में 25फीसद है, छत्तीसगढ़ में 16फीसद है और कई राज्यों में 10 फीसद से अधिक चल रहा है। अगर आने वाले समय में भी यही स्थिति रही, तो यह महामारी और भयावह रूप ले सकती है। उन्होंने कहा कि अभी की स्थिति देख कर कुछ भी कहना संभव नही है। वैक्सीनेशन पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली के 33 अस्पतालों में 24 घंटे वैक्सीनेशन किया जा रहा है। दिल्ली में कल कुल 84 हजार से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। कल रात 10 बजे तक 21,388 यानी 25 फीसद लोगों ने अपना वैक्सीनेशन दिल्ली के निजी अस्पतालों में करवाया। साथ ही, 62,825 यानी 75 फीसद लोगों ने अपना वैक्सीनेशन दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में करवाया है। दिल्ली के अंदर वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है।

एलजेपी अस्पताल में 1000 और जीटीबी अस्पताल में 500 बेड बढाए

सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि 45 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को वैक्सीन की ज्यादा जरूरत हो, लेकिन आज कल 20-45 उम्र वाले लोगों में कोरोना संक्रमण के ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं। क्योंकि इस उम्र के लोग ज्यादा आवागमन करते हैं। इन उम्र के लोगों में संक्रमण के ज्यादा गंभीर मामले नही आ रहे, लेकिन इस उम्र के लोग अपने परिवार में वरिष्ठ लोगों के लिए संक्रमण वाहक का काम करते हैं। इसी समस्या को देखते हुए हमने सभी उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन कराने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कई अस्पतालों में कोरोना के लिए बेड बढ़ाने का काम किया है। एलजेपी अस्पताल में 1000 और जीटीबी अस्पताल में 500 बेड बढाए गए हैं। इस मामले को देखते हुए दिल्ली के सरकारी अस्पताल अपना निर्णय अपने अनुसार लेंगे।

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