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Friday, November 22, 2024

मध्य प्रदेश में बूंद-बूंद पानी को रोकने के लिए अनोखी पहल

-‘जलाभिषेकम्’ अभियान के अंतर्गत 57 हजार जल संरचनाओं का लोकार्पण
-मध्यप्रदेश नेतृत्व, प्रबंधन और योजनाओं के क्रियान्वयन में अव्वल
–‘जलाभिषेकम्’ में निर्मित संरचनाओं से 2.50 लाख हे. भूमि पर होगी सिंचाई
-‘जलाभिषेकम्’ कार्यक्रम के अंतर्गत 57 हजार से अधिक जल संरचनाएं लोकार्पित

नई दिल्ली /टीम डिजिटल :  केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ‘जलाभिषेकम्’ स्थानीय ही नहीं राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम है। जल ही जीवन है और जगत के अस्तित्व का आधार है। किसानों की आय दोगुना करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जनभागीदारी से किए जा रहे जल संरक्षण कार्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने तथा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक होंगे। उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हर खेत को पानी और हर हाथ को काम की मंशा को पूर्ण करते ‘जलाभिषेकम्’ के कार्य गाँव, गरीब और किसान की बेहतरी में सहायक सिद्ध होंगे। मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है तथा कोविड काल में इसका महत्व और बढ़ा है।

केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ‘जलाभिषेकम्’ अभियान के अंतर्गत प्रदेश में निर्मित 57 हजार से अधिक जल संरचनाओं के लोकार्पण के वर्चुअल कार्यक्रम को नई दिल्ली से संबोधित कर रहे थे। मिंटो हाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में आयोजत कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास व पंचायत राजमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर वर्चुअली दिल्ली से सम्मिलित हुए।

केन्द्रीय कृषि मंत्री एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास व पंचायत राजमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश नेतृत्व, प्रबंधन और कई योजनाओं में देश में प्रथम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गांव, गरीब और विकास के प्रति संवेदनशीलता के परिणाम स्वरूप ही यह उपलब्धि संभव हो पाई हैं। प्रदेश में आवास उपलब्ध कराने, सड़क निर्माण के साथ-साथ कोविड में भी अच्छा कार्य हुआ। सभी जरूरतमंद श्रमिकों को रोजगार देकर राहत दी गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में उपयोगी संरचनाओं का निर्माण संभव हो पाया। जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम चक्र को देखते हुए बूंद-बूंद पानी को रोकना जरूरी है। जलाभिषेकम् अभियान में बनी जल संरचनाएं इस कार्य में सहायक होंगी।

मनरेगा ताकत बनकर उभरी

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज यहां ‘जलाभिषेकम्’ के अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 57 हजार जल संरचनाओं का वर्चुअल लोकार्पण हुआ है। इन जल संरचनाओं से प्रदेश की 2.50 लाख हे. भूमि सिंचित होगी और वह भी बिना एक इंच जमीन डुबाए। इन छोटी-छोटी जल संरचनाओं ने ऐसा काम कर दिया, जो बड़े डैम नहीं कर पाए। कोरोना के कठिन काल में मनरेगा योजना ताकत बनकर उभरी है। हमारे गाँवों में लौटे प्रवासी श्रमिकों को इस माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया गया, निर्माण कार्य हुए और बड़े क्षेत्र में जल सुविधा का विस्तार हुआ। इन सब गतिविधियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खजाना खोलकर राज्य को भरपूर सहयोग दिया है।

कोरोना काल में बड़ी संख्या में जल संरचनाएं बनीं

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में 57 हजार 653 जल संरचनाओं का निर्माण हुआ। इनमें से 53 हजार 517 मनरेगा में और 04 हजार 136 वॉटरशेड क्षेत्रों में बनी, जिन पर 02 हजार करोड़ से अधिक की राशि व्यय की गई। इसमें 17 हजार 604 व्यक्तिगत खेत-तालाब हैं, 02 हजार 365 सामुदायिक खेत-तालाब, 05 हजार 119 तालाब, 1972 परकोलेशन टेंक, 05 हजार 773 स्टॉप डेम-चैक डेम, 19 हजार 08 कपिलधारा कूप और 05 हजार 288 सामुदायिक कूप हैं। अभियान में 864 बावड़ियों का जीर्णोद्धार भी किया गया है। इन जल संरचनाओं से लगभग ढाई लाख हेक्टेयर भूमि में कृषि सिंचाई सुविधा विकसित हुई है साथ ही भूमिगत जल स्तार में बढ़ोत्तूरी हुई है।

ऐतिहासिक तालाबों का होगा जीर्णोद्धार

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी संस्कृति ही जल संस्कृति है। उन्होंने रहीम जी, तुलसीदास जी का संदर्भ देते हुए कहा कि बुंदेलखण्ड में महाराज छत्रसाल द्वारा व्यापक स्तर पर तालाबों का निर्माण कराया गया। बुंदेलखण्ड में निर्मित चंदेलकालीन ऐतिहासिक तालाबों को चिन्हित कर उनके जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ किया जा रहा है। प्रदेश में नदियों के पुनर्जीवन का कार्य भी चल रहा है।

बारह महीने में बहने लगी है नदी

मुख्यमंत्री चौहान ने वर्चुअल आधार पर जनप्रतिनिधियों से बातचीत भी की। खण्डवा जिले की ग्राम पंचायत डोंगलगांव की प्रधान श्रीमती रेशम बाई ने बताया कि कावेरी नदी पर बनाए गए चैक डेम और नदी पुनर्जीवन के लिए चलाए गए कार्यों के परिणाम स्वरूप कावेरी नदी में अब बारह महीने पानी रहने लगा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना काल में आए श्रमिकों के संबंध में रेशम बाई से जानकारी ली।

आपकी पंचायत ने चमत्कार कर दिया

मुख्यमंत्री चौहान ने मुरैना जिले की कैलारस ग्राम पंचायत के अमर सिंह से क्षेत्र में जल संरक्षण के कार्यों के बारे में बातचीत की। अमर सिंह ने बताया कि 21 तालाबों का निर्माण क्षेत्र में किया गया है। इससे क्षेत्र की 200 बीघा जमीन सिंचित हुई है, लोग दो फसलें ले रहे हैं और आसपास के गाँवों के कुंओं और हैण्डपंपों में अब पर्याप्त पानी उपलब्ध है। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आपकी पंचायत ने चमत्कार कर दिया।

100 प्रवासी श्रमिकों को मिला रोजगार

मुख्यमंत्री चौहान ने सागर जिले की ग्राम पंचायत छुल्ला के जनप्रतिनिधि संजय दुबे से पूछा कि कोरोना काल कैसा निकला। इस पर संजय दुबे ने बताया कि लगभग 100 प्रवासी श्रमिक पंचायत क्षेत्र में आए थे। इन सभी को रोजगार उपलब्ध कराया गया। जल संरचनाओं के निर्माण से सिंचाई सुविधाओं का‍ विस्तार हुआ है।
कार्यक्रम के आंरभ में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कन्या पूजन किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कार्यक्रम का विस्तृत परिचय दिया। लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव तथा नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया आदि उपस्थित थे।

 

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