–कर्मचारियों से पीएफ तो लिया, लेकिन विभाग में नहीं जमा कराया
-62 लाख रुपये प्रति माह जाता है PFमें, 5 करोड़ का है बकाया
–पीएफ विभाग ने कमेटी को जारी किया तुरंत पैसे जमा कराने का नोटिस
–10 दिन का अल्टीमेटम, देरी हुई तो होगी सख्त कार्रवाई
नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) वर्तमान में खस्ताहाल हो गई है। कमेटी का खजाना पूरी तरह से खाली है। इसके चलते पिछले छह महीने से कर्मचारियों का पीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) का पैसा नहीं जमा हो पाया है। जबकि कर्मचारियों के वेतन से हर महीने पीएफ का पैसा कमेटी प्रबंधन काट रहा है। लेकिन, पीएफ विभाग में जमा नहीं कर रहा है। हालात यह है कि जुलाई 2020 में आधी रकम पीएफ के एवज में जमा हुई है। उसके बाद से अब तक एक रुपया भी जमा नहीं किया गया है। इसको लेकर पीएफ (PF) विभाग ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को नोटिस थमा दिया है। साथ ही 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि अगर तत्काल कर्मचारियों के पीएफ का भुगतान न किया तो जिम्मेदार लोगों सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत कमेटी का खाता भी अटैच हो सकता है साथ ही इसमें जेल का भी प्रावधान है। यह खुलासा शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के महासचिव एवं दिल्ली कमेटी के वरिष्ठ सदस्य गुरमीत सिंह शंटी ने किया है। सोमवार को वह पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
बता दें कि कमेटी में 1700 से अधिक कर्मचारी हैं। इनका पीएफ हर महीने करीब 62 लाख रुपये जाता है। इस हिसाब से 6 महीने का पीएफ साढे 4 करोड रुपये से ज्यादा बनता है। कर्मचारियों के वेतन को लेकर तो समस्या पहले से चली आ रही है लेकिन यह नई समस्या पीएफ की खड़ी हो गई है। पीएफ के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को लेकर शुरू की गई स्कीमें भी खटाई में पड़ गई हैं। इसमेंं लड़कियों की शादी में शगुन स्कीम सहित कई स्कीमें थी। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने दावा किया है द्रिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रबंधन जानबूझ कर कर्मचारियों का हक नहीं देना चाहती है। चूंकि दिल्ली कमेटी के आम चुनावों में अब कुछ महीने का समय ही बचा है इसलिए कमेटी प्रबंधन इन पैसों को कर्मचारियों को देने की बजाय अपने चुनाव प्रचार एवं चेहरा चमकाने में खर्च करना चाह रहा है। शंटी ने आरोप लगाया कि दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा अपनी कमेटी कर्मचारियों को छोड़ देश और दुनिया के मुददे रोजाना उठा रहे हैं। यहां तक की जो काम एसजीपीसी का है, उसे भी वह अपनी निजी सियासत के लिए कर रहे हैं।
एक साल से 40 रिटायर्ड कर्मचारियों की नहीं मिली ग्रेच्युटी
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने दावा किया कि पिछले एक साल से अधिक समय से रिटायर हुए 40 से अधिक कर्मचारियों को अभी तक उनका बनता हक ग्रेच्युटी भी कमेटी प्रबंधन ने नहीं दिया है। इसमें कुछ कर्मचारी जनवरी-फरवरी 2020 में और कुछ कर्मचारी उसके आगे पीछे रिटायर हुए थे। सभी कर्मचारी अपने ग्रेच्युटी की बनती रकम के लिए रोजाना धक्के खा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यह रकम 2 से 3 करोड़ रुपये बनती है।
मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के नाम पर बडा खेल
दिल्ली कमेटी के सदस्य गुरमीत सिंह शंटी ने दावा किया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में नौकरी के दौरान अगर किसी वजह से कर्मचारी की मौत होती है तो उसके आश्रितों में से किसी एक को नौकरी या पैसा (दोनों में से एक) देने का प्रावधान है। लेकिन यहां नियमों के उलट काम हो रहा है। कई मृतक कर्मचारी के परिजन महीनों से धक्के खा रहे हैं और उन्हें नियम के अनुसार एक भी भत्ता नहीं मिल रहा है। जबकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने बहनाई के निधन पर अपनी बहन को बनता पूरा पैसा भी दिलवा दिया और बाद में मृतक कर्मचारी के बेटे को कमेटी में नौकरी भी दिलवा दिया।