— कश्मीर के हंदवाड़ा में भारतीय सेना के 5 जवान शहीद
—शहीदों में बुलंदशहर के आशुतोष शर्मा भी शामिल
—बुलंदशहर के खानपुर के गांव परवाना में गौरव द्वारा का निर्माण
लखनऊ / टीम डिजिटल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कश्मीर के हंडवाड़ा में आतंकी से लोहा लेते हुए शहीद 5 जवानों को भावभीनी श्रद्वांजली दी है। शहीद होने वालों में बुलंदशहर के निवासी कर्नल आशुतोष शर्मा भी थे। सीएम योगी ने कर्नल आशुतोष शर्मा के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हुए बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार द्वारा शहीद आशुतोष शर्मा के परिजनों को 50 लाख रुपये और एक नौकरी दी जाएगी। साथ ही शहीद आशुतोष शर्मा के सम्मान में बुलंदशहर के खानपुर थाना क्षेत्र के गांव परवाना में गौरव द्वारा का निर्माण कराया जाएगा।
उक्त जानकारी रविवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने पत्रकारों को दी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 04 मई से शुरू हुए लॉकडाउन के तीसरे चरण के बारें महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के तीसरे चरण के लिए गाइड लाइन जारी की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गाइड लाइन का अक्षरश: पालन करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। उन्होंने बताया कि गृहमंत्रालय ने तीनों जोन के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस बनाई हैं।
शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक बाहर निकलने की इजाजत नहीं
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि लॉकडाउन-3 के दौरान पूरे प्रदेश में शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक जरूरी सेवाओं को छोड़कर लोगों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। इस दौरान लोगों की आवाजाही रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन धारा-144 लागू कर सकता है। लॉकडाउन-3 के दौरान घरेलू व विदेशी हवाई यात्रा पर पाबंदी जारी रहेगी, हालांकि एयर एंबंलेंस को छूट मिलेगी। मेट्रो, अंतरराज्यीय बस सेवाएं नहीं चलेंगी। स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षिक संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट, बार, सिनेमा हॉल, मॉल आदि बंद रहेंगे। धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद से जुड़े आयोजनों पर पहले की तरह प्रतिबंध रहेगा।
बुजुर्गों, बच्चों,गर्भवती महिलाओं को निकलने पर पाबंदी
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि पूरे प्रदेश में 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 साल के कम उम्र के बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों के घर से निकलने पर पाबंदी रहेगी। हालांकि केवल जरूरी काम से या फिर इलाज के लिए बाहर निकल सकते हैं। रेड जोन में सीमित सेवाएं हासिल होंगी। ग्रीन जोन में तो मॉल भी खुलेंगे। जाहिर है कि प्रदेश का बड़े हिस्से में कारोबार शुरू हो जाएगा। हर सप्ताह इसकी समीक्षा होगी।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि नए दिशा निर्देश में रेड, आरेंज और ग्रीन जोन के लिए अलग-अलग रियायत दी गई हैं। अभी तक रेड जोन वाले जिले में किसी भी तरह की गतिविधि की इजाजत नहीं थी। लेकिन अब कंटेनमेंट एरिया और उसके चारों ओर के बफर जोन को छोड़कर बाकी जिले में कई गतिविधियों की अनुमति दे गई है।
रेड जोन में रिक्शा, ऑटो, टैक्सी और ओला, उबर टैक्सियों पर पाबंदी
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि रेड जोन में रिक्शा, ऑटो, टैक्सी और ओला, उबर जैसी टैक्सियों के चलने पर पाबंदी रहेगी। यहां सैलून, स्पा, ब्यूटी पार्लर भी नहीं खुलेंगे और साथ ही यहां बसें भी नहीं चलेंगी। यहां निजी वाहन से कुछ सेवाओं के लिए लोगों को आने-जाने की अनुमति होंगी। लेकिन कार में ड्राइवर के अलावा केवल दो लोग ही बैठ सकेंगे। दोपहिया वाहन की स्थिति में केवल चलाने वाले को ही आने-जाने की अनुमति होगी। एसईजेड (स्पेशल इकोनॉमिक जोन)और ईओयू (एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स) के साथ-साथ औद्योगिक शहरों और क्षेत्रों को कामकाज के लिए पूरी तरह छूट दे दी गई है। इसके साथ ही जरूरी सामान, दवा, मेडिकल उपकरण और उनके लिए अन्य सामान बनाने इकाइयां समेत पूरे सप्लाई चैन के साथ ही आइटी हाडवेयर की इकाइयों को भी छूट दी गई है। मजदूर आधारित जुट और पैकेजिंग उद्योग को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन की शर्त के साथ काम करने छूट होगी।
कालोनी, रिहाइशी और अलग-थलग सभी दुकानों को खोलने की अनुमति
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि केवल वही कंस्ट्रक्शन का काम होगा, जहां मजदूरों के रहने की व्यवस्था होगी। वे बाहर से मजदूर लाकर काम नहीं कर सकेंगे। मॉल और बाजार बंद रहेंगे। लेकिन कालोनी, रिहाइशी और अलग-थलग वाली सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दे गई है। इनमें जरूरी और गैर-जरूरी का अंतर नहीं किया गया है। प्रदेश में अब निजी आफिस को खोलने की इजाजत दी गई है, लेकिन केवल 33 फीसदी स्टाफ के साथ काम करेंगे। बाकि स्टाफ घर से काम करेगा। सभी सरकारी आफिस खुले रहेंगे, जहां उप सचिव से ऊपर के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे, लेकिन बाकि स्टाफ में केवल 33 फीसदी से काम चलाना होगा। रक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, जेल, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, फायर सर्विस, आपदा प्रबंधन, एनआइसी, कस्टम, एफसीआइ एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र और नगर निगम को पूरी छूट रहेगी।
आरेंज में टैक्सी को चलाने की छूट दी
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि रेड जोन में प्रतिबंधित ओला, उबर जैसी टैक्सी को भी आरेंज में चलाने की छूट दी गई है। लेकिन वे केवल एक ही पैसेंजर को बिठा सकेंगे। यहां दोपहिया वाहन पर पीछे सवारी बिठाने की इजाजत की गई है, जो रेड जोन में नहीं है। कुछ सेवाओं के लिए लोगों को एक-से-दूसरे जिले में आने-जाने की अनुमति होगी। बसों को यहां भी चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ग्रीन जोन में वह जिले शामिल, जहां कोई मामला नहीं
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि ग्रीन जोन में वह जिले शामिल होंगे जहां अभी तक कोई मामला नहीं आया या पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामला नहीं है। हालांकि इस दौरान कहीं भी भीड़ इकट्ठा होने या सोशल डिस्टेंसिंग की बात माननी जरूरी है। ग्रीन जोन वाले इलाके में राष्ट्रीय स्तर पर लागू प्रतिबंधों के अलावा कोई प्रतिबंध नहीं होगा। सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों की यहां पूरी तरह छूट होगी। इस जोन में अब शादी समारोह की इजाजत होगी लेकिन केवल 20 व्यक्ति शादी में शामिल होंगे। यही नियम अंतिम संस्कार पर भी लागू रहेगा।
ग्रामीण इलाकों में एक से अधिक केस हैं तो कंटेनमेंट जोन
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि कंटेनमेंट जोन वह इलाका है जो हॉटस्पॉट के 1 किलोमीटर के बाद आता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में जहां एक से अधिक केस हैं वहां भी एक किलोमीटर का कंटेनमेंट जोन होगा। लेकिन जहां केवल एक केस है वहां 400 मीटर का कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हॉटस्पॉट व कंटेनमेंट एरिया में रहने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप का मोबाइल में डाउनलोड करना होगा, ताकि कोरोना के फैलने की आशंकाओं पर कड़ी नजर रखी जा सके।
कर्मचारियों का बीमा होना चाहिए
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि जिन औद्योगिक इकाइयों को चलाने की इजाजत दी गई हैं उन्हें अपने कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए स्वयं के बसों का संचालन करना होगा। इन बसों पर कीट नाशक का छिड़काव कराना होगा। औद्योगिक इकाइयों में थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था जरूरी होगी। दो शिफ्ट में एक घंटे का अंतराल बेहतर रहेगा। काम कर रहे सभी कर्मचारियों का बीमा होना चाहिए।
यूपी में अबतक 2579 केस, 43 लोगों की मौत*
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि प्रदेश में अबतक 2579 केस सामने आए हैं। जिनमें 1838 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 2579 में से 698 पेशेंट पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। हालांकि कोरोना के कारण प्रदेश में 43 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि निगरानी में 2 लाख 42 हजार लोगों को रखा गया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि आइसोलेशन में 1904 और क्वारंटीन में 11518 लोगों को रखा गया है। साथ ही अब प्रदेश में आइसोलेशन बेड की संख्या 37919 और क्वारंटीन बेड की संख्या 21773 हो गई है। जबकि 1200 से अधिक वेंटिलेटर बेड अब उपलब्घ हैं। उन्होंने बताया कि एल 1 में 155, एल 2 में 69 और एल 3 में 19 अस्पताल हो गए हैं।