मार्च से हर दिन बनाएंगे 40 किलोमीटर सड़क : गडकरी
-2025 तक देश में सड़क दुर्घटनाओं में 50 फीसदी तक होगी कमी
–एक माह तक चलने वाले सड़क सुरक्षा अभियान का शुभारंभ
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज यहां कहा कि देश में सड़कों के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और 2 महीने बाद मार्च तक प्रतिदिन 40 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। इसके लिए कवायद तेज कर दी गई है। गडकरी ने कहा, अब तक हम सड़क निर्माण का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। आज हमने (प्रतिदिन) 30 किलोमीटर से ज्यादा सड़क निर्माण का लक्ष्य हासिल कर लिया है, हम प्रतिदिन 40 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य हासिल करेंगे। नितिन गडकरी ने सोमवार को एक माह तक चलने वाले सड़क सुरक्षा अभियान की शुरुआत की। उनके साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एवं राज्य मंत्री वी के ङ्क्षसह, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी मौजूद रहे।
इस मौके पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उम्मीद जतायी कि 2025 तक सड़क दुर्घटनाएं और इसके कारण होने वाली मौतें 50 प्रतिशत तक कम हो जाएंगी। वर्तमान में देश में हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में 415 लोगों की मौत हो जाती है। इनमें 70 प्रतिशत मौतें 18 से 45 साल के लोगों की होती हैं। जबकि हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 4.5 लाख से अधिक लोग घायल हुए, जिसके परिणामस्वरूप हर साल सकल घरेलू उत्पाद के 3.14 फीसदी के बराबर दुर्घटना से होने वाली सामाजिक-आर्थिक हानि हुई।
‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह’ कार्यक्रम का आज दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री @rajnathsingh जी, केंद्रीय राज्यमंत्री @Gen_VKSingh जी और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री @amitabhk87 जी के साथ उद्घाटन किया। #राष्ट्रीय_सड़क_सुरक्षा_माह #NationalRoadSafetyMonth pic.twitter.com/FY7goWkG3i
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 18, 2021
उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाने के काम में तेजी लाने की जरूरत है। सरकार सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसके लिए नीतिगत सुधारों और सुरक्षित प्रणालियों को अपनाया जा रहा है। लिहाजा 2030 तक भारतीय सड़कों पर जीरो एक्सीडेंट की दृष्टिगत करने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सड़क हादसे के शिकार हुए लोगों की जान बचाने के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में हादसों और मृत्यु संख्या में 53 प्रतिशत की गिरावट आयी है। लिहाजा, हमें 2030 तक इंतजार करना होगा, तब तक सड़क दुर्घटनाओं के कारण कम से कम छह-सात लाख लोगों की मौत हो जाएगी। वर्ष 2025 के पहले देश को हादसों और मौत की संख्या में 50 प्रतिशत की गिरावट लानी होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार सड़क पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र की पहचान करने और इसके समाधान के लिए 14,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
ड्राइवरों को ही नहीं, सवारों को भी करना होगा जागरूक : राजनाथ सिंह
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण ना केवल जान की क्षति होती है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ता है। राजनाथ सिंह ने कहा, सड़क सुरक्षा में सड़क जागरूकता शामिल है। केवल ड्राइवरों को ही नहीं, बल्कि सवारों को भी उन्हें रोकने के लिए दुर्घटनाओं के कारणों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा, दुर्घटना में होने वाली दुर्घटनाएं न केवल एक परिवार को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि राष्ट्रीय संसाधनों की भी गंभीर क्षति होती हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा जागरूकता फैलाकर जीडीपी के लगभग 3 प्रतिशत नुकसान को बचाया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा जीवन भर का मामला : वीके सिंह
सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वी के सिंह ने कहा कि विभिन्न कारणों से हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। सड़क सुरक्षा एक महीने का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह जीवन भर का मामला है। उन्होंने कहा, किसी को भी वाहन चलाते समय और सड़क पर अन्य वाहनों के चालकों से सतर्क रहना होगा। उन्होंने सभी लोगों को सड़क सुरक्षा के महत्व से अवगत कराने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि ऐसी संस्कृति को अपनाने की जरूरत है जहां लोग न केवल खुद को बचाएं, बल्कि दूसरों को भी बचाएं।
देश के मानकों को वैश्विक स्तर पर उन्नत करने की आवश्यकता : अमिताभ कांत
इस मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सड़क सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस दिशा में बड़ी संख्या में पहल की गई है। देश के मानकों को वैश्विक स्तर पर उन्नत करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए निगरानी प्रणालियों के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत किया जाना आवश्यक है।