—3740 करोड़ रुपए बोनस पर खर्च आएगा, दशहरा से पहले कर्मचारियों को बोनस मिलेगा
—मंत्रिमंडल ने उत्पादकता से जुड़े बोनस और गैर उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दी
—जम्मू-कश्मीर में सेब की खरीद केंद्रीय एजेंसी से होगी
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साल 2019-2020 के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस भुगतान करने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे रेलवे, डाक, रक्षा, ईपीएफओ, ईएसआईसी, इत्यादि जैसे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के 16.97 लाख अराजपत्रित कर्मचारी लाभान्वित होंगे और वित्तीय भार 2,791 करोड़ रुपया होगा।
गैर-पीएलबी या एडहॉक बोनस अराजपत्रित केन्द्रीय कर्मचारियों को दिया जाएगा। इससे 13.70 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और जिसका वित्तीय भार 946 करोड़ रुपया होगा। बोनस की घोषणा से कुल 30.67 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और कुल वित्तीय भार 3,737 करोड़ रुपया होगा। पिछले साल अराजपत्रित कर्मचारियों को उनके प्रदर्शन के लिए बोनस का भुगतान आमतौर पर दुर्गा पूजा /दशहरा से पहले कर दिया जाता था। सरकार अपने अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) और एडहॉक बोनस के तत्काल भुगतान की घोषणा कर रही है।
आज कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अंतर्गत विजयादशमी या दुर्गा पूजा से पहले 30 लाख नॉन गजेटेड कर्मचारियों को Rs 3,737 करोड़ का बोनस दिया जाएगा। इन कर्मचारियों को बोनस डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए तुरंत दिया जाएगा।#CabinetDecisions pic.twitter.com/cSe1KoJCpy
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 21, 2020
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने जम्मू एवं कश्मीर में वर्ष 2020-21 के लिए सेब की खरीद के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सत्र यानी 2019-20 में जिस तरह से जम्मू कश्मीर में नियम और शर्तों का पालन किया गया था उसी तरह वर्तमान सत्र यानी 2020-21 में भी जम्मू एवं कश्मीर (जेएंडके) में सेब खरीद के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी दे दी है।
सेब की खरीद केंद्रीय खरीद एजेंसी यानी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड) द्वारा राज्य नामित एजेंसी योजना और विपणन निदेशालय, बागवानी और जम्मू और कश्मीर बागवानी प्रसंस्करण और विपणन निगम (जेकेएचपीएमसी) के माध्यम से जम्मू एवं कश्मीर के सेब किसानों से सीधे की जाएगी और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। इस योजना के तहत 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदे जा सकते हैं। सरकार ने नैफेड को इस अभियान के लिए 2,500 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी उपयोग करने की भी अनुमति दी है। इस अभियान में अगर कोई नुकसान होता है तो उसे 50:50 के आधार पर केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन के बीच साझा किया जाएगा।
सेब उत्पादकों को एक प्रभावी विपणन मंच प्रदान करेगी सरकार
पिछले सत्र में गठित नामित मूल्य समिति को इस सीजन के लिए भी सेब के विभिन्न प्रकार और सेब के ग्रेड की कीमत निर्धारण के लिए जारी रखा जाएगा। जम्मू कश्मीर का केन्द्र शासित प्रशासन निर्दिष्ट मंडियों में मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित करेगा। खरीद प्रक्रिया के सुचारू और निरंतर कार्यान्वयन की निगरानी केंद्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति द्वारा की जाएगी और केन्द्र शासित स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्यान्वयन और समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। भारत सरकार की यह घोषणा सेब उत्पादकों को एक प्रभावी विपणन मंच प्रदान करेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन की सुविधा मुहैया कराएगी। यह सेब के लिए पारिश्रमिक की कीमतें सुनिश्चित करेगा जिसके कारण जम्मू एवं कश्मीर में किसानों की समग्र आय में वृद्धि होगी।